Municipal Elections : लोकसभा से पहले निकाय चुनाव में किस्मत आजमाएगी BSP, खिसके जनाधार को पाने की कवायद शुरू

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Municipal Elections : लोकसभा से पहले निकाय चुनाव में किस्मत आजमाएगी BSP, खिसके जनाधार को पाने की कवायद शुरू

Municipal Elections : लोकसभा से पहले निकाय चुनाव में किस्मत आजमाएगी BSP, खिसके जनाधार को पाने की कवायद शुरू

कानपुर: यूपी में निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टीयों के बीच सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। निकाय चुनाव को लेकर बीएसपी सुप्रीमों मायावती भी एक्टिवमोड पर दिखाई दे रही हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी निकाय चुनावों में किस्मत आजमाएगी। बीएसपी खिसके जनाधार को दोबारा पाने की कवायद शुरू कर दी है। यूपी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद बीएसपी सुप्रीमों मायावती संगठन को दोबारा मजबूत करने में जुटी हैं। बीएसपी के दलित वोटरों ने भाजपा का दामन थाम लिया है, जिसका परिणाम विधानसभा चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ा था।

कानपुर मंडल में बीएसपी एक बड़ा सदस्यता अभियान चला रही है। इस सदस्यता अभियान को लेकर कानपुर के मंडलीय कार्यालय में बैठक संपन्न हुई। जिसमें मुख्य अथिति के रूप में कानपुर, मेरठ, सहारनपुर के मंडल प्रभारी नौशाद अली मौजूद रहे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकरियों ने हिस्सा लिया।

मंडल प्रभारी ने सदस्यता अभियान में और तेजी लाने का संदेश दिया गया। इस दौरान आगामी निकाय चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। पार्टी ने निकाय चुनाव में मजबूती से उतरने का प्लान तैयार किया है। वहीं कानपुर की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष रामेश्वर उर्फ बब्लू चौधरी को सौंपी गई है।

बीएसपी की निकाय चुनाव को लेकर तैयारी
बीएसपी लोकसभा चुनाव से पहले खुद को निकाय चुनाव के लिए तैयार कर रही है। बीएसपी सुप्रीमों मायावती इस बात को भलिभांति जानती हैं कि उनके दलित वोट बैंक में बीजेपी ने सेंधमारी की है। दलित वोट बैंक के छिटकने से पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था। इसका सीधा फायदा बीजेपी ने उठाया है। बीएसपी दलित वोटरों को दोबारा पार्टी से जोड़ने के लिए युवा और प्रभावशाली चेहरों की तलाश कर रही है।

बहन जी का संदेश
बीएसपी वार्ड स्तर पर सदस्यता अभियान के जरिए ऐसे चेहरों की तलाश कर रही है, जिनका क्षेत्र में प्रभाव और मजबूत पकड़ हो। संगठन को छोटे-छोटे गुटों में काम करने के तरीके सुझाए जा रहे हैं। जनता के बीच कैसे बहन जी के संदेश को रखना है। पार्टी कार्यकर्ताओं को ज्याद से ज्यादा जनता से संवाद स्थापित करना। आम जनता के बीच भावनात्क संबंध रखने के तौर तरीके भी सिखाए जा रहे हैं।

दलित बस्तियों में कैंप
बीएसपी दलित बस्तियों में पार्टी कैंप लगाकर युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है। इस दौरान वोटरों को बताया जाएगा कि बीएसपी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है, जो दलितों के हित की लड़ाई लड़ती है। बीजेपी, कांग्रेस और सपा जैसी पार्टियां दलितों को सिर्फ वोट बैंक मानती हैं। चुनावों के दौरान उनका इस्तेमाल करती हैं। इस लिए बीएसपी से जुड़ें और बहनजी के संगठन को मजबूत करें।

प्रभावशाली चेहरे बनेंगे वार्ड में प्रत्याशी
यदि कानुपर की बात की जाए तो बीएसपी 110 वार्डों में प्रत्याशी उतारने की योजना बना रही है। बीएसपी वार्ड में प्रभावशाली चेहरों को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारेगी। इसके साथ ही वार्ड में यही प्रत्याशी पार्टी का नेतृत्व भी करेंगे। निकाय चुनाव के जरिए पार्टी वार्ड स्तर पर जाकर वोटरों से संवाद करेगे। निकाय चुनाव के जरिए पार्टी लोकसभा की भी तैयारी में जुट गई है।

रिपोर्ट-सुमित शर्मा

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