Multitasking Impact: सिर्फ बॉस की बातें रहतीं याद, भूल रहे घर के काम और बीवी-बच्चों की फरमाइशें | Multitasking Effect Of Working Culture Human Remember Only Boss Order Forget Relatives | News 4 Social

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Multitasking Impact: सिर्फ बॉस की बातें रहतीं याद, भूल रहे घर के काम और बीवी-बच्चों की फरमाइशें | Multitasking Effect Of Working Culture Human Remember Only Boss Order Forget Relatives | News 4 Social

Multitasking Impact: सिर्फ बॉस की बातें रहतीं याद, भूल रहे घर के काम और बीवी-बच्चों की फरमाइशें | Multitasking Effect Of Working Culture Human Remember Only Boss Order Forget Relatives | News 4 Social

बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म गजनी याद है। कैसे मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान कुछ समय के लिए याददाश्त खो बैठते थे। कुछ ऐसी ही समस्या राजधानी के युवाओं में भी देखने को मिल रही है।

विकास जैन/जयपुर. बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म गजनी याद है। कैसे मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान कुछ समय के लिए याददाश्त खो बैठते थे। कुछ ऐसी ही समस्या राजधानी के युवाओं में भी देखने को मिल रही है। सरकारी हो या गैर सरकारी..सभी जॉब्स में बढ़ती मल्टीटास्किंग ने युवा मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसके कारण वह टेपलोन इफेक्ट से ग्रसित होकर अल्पकालिक याददाश्त खोने लगे हैं, जिसमें वह अत्यधिक तनाव देने वाले काम तो नहीं भूलते, लेकिन छोटे-छोटे जरूरी काम भूल जाते हैं। राजधानी में हर महीने इस तरह के 50-60 नए मामले आ रहे हैं। इनमें 70 से 80 फीसदी की आयु 30 से 50 वर्ष के बीच है। यह समस्या न्यूरो ट्रांसपिट से संबंधित है। इसमें अधिक तनाव देने वाले काम या घटनाएं दिमाग के न्यूरॉन्स में गहराई से बैठ या चिपक जाती हैं। न्यूरॉन्स के नेटवर्क होते हैं, जहां कोई एक काम या बात बार-बार सर्किट में घूमती है तो वह टेपलोन इफेक्ट से ग्रसित हो जाता है। इसमें ऐसा हार्मोन रिलीज होता है जो तनाव बढ़ाता है। इस समय यह हार्मोन एक्टिव होता है और बार-बार वह बात दिमाग के सर्किट में जाती है।

मष्तिष्क के हिप्पोकैम्पस, एमिगडेला, प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स मुख्य रूप से याददाश्त को नियंत्रित करते हैं। सूचना की महत्ता और उसके परिणाम भी कहीं न कहीं मेमोरी पर प्रभाव डालते हैं।
डॉ.अखिलेश जैन, मनोरोग विशेषज्ञ

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टॉपिक एक्सपर्ट
टेपलॉन इफेक्ट न्यूरो ट्रांसपिट से संबंधित होता है। अत्यधिक तनाव देने वाली बातें दिमाग में गहराई से चिपक जाती हैं। मनोरंजक या तनाव नहीं देने वाली बातों को इंसान का दिमाग बहुत अधिक याद नहीं रख पाता। दिमाग में न्यूरॉन्स के नेटवर्क होते हैं, यहां कोई बात बार बार सर्किट में घूमती है तो वह व्यक्ति इससे प्रभावित हो जाता है।
डॉ.भावना शर्मा, न्यूरोफिजिशियन

ऑफिस में नंबर वन, घर पर भुलक्कड़
जयपुर की मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहा नितिन ऑफिस में नंबर वन और टास्क को सही समय पर पूरा करने के लिए जाना जाता है। लेकिन उसकी निजी लाइफ में वह ऐसा नहीं कर पा रहा। वह अपने छोटे-छोटे काम रोजाना भूलने लगा। न्यूरोफिजिशियन से बात करने पर उसे पता चला कि वह टेपलोन इफेक्ट से प्रभावित है। अब उसे सलाह दी गई है कि वह तनाव को कम कर अपने रुटीन को लिखकर याद रखने की आदत डाले।

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