एमएस धोनी के 37वें जन्मदिन पर उनकी जीवन के कुछ अनछुई बातें कर देगी हैरान

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नई दिल्ली: आज भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का 37वां जन्मदिन है. धोनी 7 जुलाई 1981 को पैदा हुए थे उनका जन्म रांची में हुआ था. यूं तो क्रिकेट में कई लाजवाब कप्तान रहें पर धोनी जैसी कप्तानी शायद किसी ने की हो. धोनी जितना ज्यादा अपने धुरंधर बल्लेबाजी या विकेटकीपर के लिए जाने जाते है उतना ही वह एक महान कप्तान के रूप में भी जाने जाते है. बतौर कप्तान शायद ही कोई ऐसा रिकॉर्ड बचा होगा जो इस कद्दावर खिलाड़ी के खाते में न आया हो.

धोनी की कप्तानी में भारत ने कई विश्व कप को अपने नाम दर्ज करवाया

आपको बता दें कि आईसीसी ट्रॉफी के इतिहास में धोनी इकलौते ऐसे कप्तान रहा चुके है जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और अब चैंपियंस ट्रॉफी में भी अपनी बेहतरीन कप्तानी कर अपना लोहा मनवाया हो. माहि के कप्तानी में रहते हुए भारत ने कई विश्व कप को अपने नाम दर्ज करवाया है. धोनी एक समझदार और टीम को साथ में लेकर चलने वाले कप्तान में से एक है. उन्होंने काफी युवा खिलाड़ियों को भी टीम में जगह दी है.

माहि को लेकर क्रिकेट को लेकर सोचा थोड़ी अलग है, जी इस खेल की पारंपारिक भाषा में पूरी तरह से फिट नहीं होती है. धोनी की सोचा में झारखंड की कबीलाई संस्कृति की स्वच्छंदता साफ रूप से दिखाई देती है. धोनी एक खुले मिजाज़ और बेफिक्र अंदाज से जिंदगी को जीना पसंद करते है. उनके अंदर आलोचकों की बातों को सुनना और उन बातों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करने जैसी बेजोड़ कला है. उनके अंदर एक  अच्छी खासियत यह भी है जो हर कप्तान में होनी भी चाहिए कि धोनी बुरे वक्त में सारी आलोचनाओं को खुद सहते है और कामयाबी के दौर पर पूरा योगदान टीम के खिलाड़ियों को देते है.

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पूर्व साथी खिलाड़ी आकाश चोपड़ा का कहना

साल 2004 में माहि ने काफी लंबे बाल रखे हुए थे. उस दौरान मैंने उनसे बोला कि भाई ये स्टाइल-विस्टाइल छोड़ दो. भारतीय क्रिकेट में कोई भी खिलाड़ी इन जुल्फों के साथ क्रिकेट नहीं खेलता है. इस पर धोनी ने कहा था कि आने वाले सालों में यह भारत का स्टाइल बन जाएगा, आकाश भाई. ऐसा ही देखा गया कि 2004 से लेकर 2007 तक माहि का ये स्टाइल इतना चर्चा में रहा कि देश के तमाम युवाओं ने इस स्टाइल को बनाया.

क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो जाता है जीतती हुई टीम हार जाती है वहीं हराने वाली टीम जीत जाती है. ऐसे ही क्रिकेट के मैदान में असाधारण कामयाबी के लिए धोनी को सिर्फ मुकद्दर का सिकंदर कहना कोई गलत नहीं होगा. क्योंकि धोनी को भारतीय टीम का कप्तान की बजाए अगर लीडर कहा जाए तो ज्यादा सही होगा. अगर कभी भी बेहतरीन कप्तानों का जिक्र होता है तो धोनी का नाम उन कप्तान में जरुर गिना जाता है.

भारतीय युवा कप्तान विराट का कहना

भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी और वर्तमान कप्तान विराट ने एक बार कहा था कि मैंने उनसे (धोनी) से काफी कुछ सिखा है. खासतौर पर टूर्नामेंट के बारे में.. कैसे तनाव वाले समय में अपने को काबू किया जाए.

दुनिया में अगर दस दिग्गज कप्तानों की बात की जाए जिन्होंने 50 से ज्यादा टेस्ट मैचों में अपने देश की कप्तानी की है तो धोनी भारत की तरफ से इकलौते ऐसे खिलाड़ी होंगे. वह इस लिस्ट में न केवल संख्या के लिहाज़ से ही नहीं बल्कि कामयाबी के लिहाज़ से भी बेशुमार है. धोनी का इस लिस्ट में शामिल होना अपने आप में एक बड़ी बात है.

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तो यह साफ रूप से कहा जा सकता है कि धोनी एक लीडर के तौर पर न कभी स्वार्थ भाव दिखता है और ना ही विजयी लम्हों में खुद को डुबोये रखने का जूनून. यही कारण है कि आज धोनी भारत के एक शानदार खिलाड़ी, कप्तान और दिग्गज लीडर है.