MPPSC Exam- हाईकोर्ट के निर्देश 30 फीसदी सागौन के जंगल को सही जवाब बताने वालों को अंक दें | MPPSC can arrange separate examination of these candidates | Patrika News

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MPPSC Exam- हाईकोर्ट के निर्देश 30 फीसदी सागौन के जंगल को सही जवाब बताने वालों को अंक दें | MPPSC can arrange separate examination of these candidates | Patrika News

MPPSC Exam- हाईकोर्ट के निर्देश 30 फीसदी सागौन के जंगल को सही जवाब बताने वालों को अंक दें | MPPSC can arrange separate examination of these candidates | Patrika News

– पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के उत्तरों का विवाद

– अंक मिलने के बाद यदि उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होते हैं, तो उन्हें तत्काल एडमिट कार्ड या एंट्री पास जारी करने को कहा।

जबलपुर

Published: April 23, 2022 12:19:33 pm

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए एक प्रश्न के दो उत्तरों के विवाद का पटाक्षेप करते हुए अहम फैसला दिया है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने पीएससी को निर्देश दिए कि जिन उम्मीदवारों ने मप्र में सागान वनक्षेत्र के प्रश्न का उत्तर विकल्प D यानी 30 प्रतिशत दिया है, उन्हें अंक प्रदान किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि अंक मिलने के बाद यदि उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होते हैं, तो उन्हें तत्काल एडमिट कार्ड या एंट्री पास जारी करें। पीएससी चाहे तो ऐसे उम्मीदवारों के लिए अलग से परीक्षा का इंतजाम भी कर सकती है।

दरअसल, मप्र में सागौन के वन क्षेत्र प्रतिशत के सम्बंध में पीएससी में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर को लेकर विरोधाभास है। अभिजीत चौधरी समेत आठ उम्मीदवारों ने इसे याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार मप्र में 29.54 प्रतिशत सागौन आच्छादित जंगल है।

मध्यप्रदेश सरकार ने यह आंकड़ा 19.36 बताया है। पीएससी उम्मीदवारों ने केंद्र सरकार की रिपोर्ट को आधार मानकर उत्तर दिया है, जबकि पीएससी राज्य सरकार की रिपोर्ट को आधार मान रही है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को 2019-20 में प्रदेश में हुए जियो सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कितने प्रतिशत जंगल में सागौन लगा है। कोर्ट ने मप्र लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञ और लीगल एडवाइजर को यह बताने कहा था कि सागौन वन क्षेत्र का प्रतिशत में केंद्र या राज्य सरकार में से किसकी सूची को तरजीह दी जाए।

मप्र में सागौन के वन क्षेत्र प्रतिशत के सम्बंध में पीएससी में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर को लेकर विरोधाभास है दरअसल जहां केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 के अनुसार मप्र में 29.54 प्रतिशत सागौन आच्छादित जंगल है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने यह आंकड़ा 19.36 बताया है। ऐसे में जहां पीएससी के परीक्षार्थियों ने केंद्र के आंकड़ों को सही माना है, वहीं पीएससी राज्य सरकार के आंकड़ों को सही मान रही थी। ऐसे में परीक्षार्थियों के उत्तर भी अलग अलग रहे हैं।

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