MP News : न मोबाइल नेटवर्क, न सड़क, पीने के लिए नदी का पानी… उस गांव की गलियों में शिवराज सिंह चौहान ने तीन घंटे क्यों गुजारे? h3>
सागर : एमपी (madhya pradesh news) के सागर जिले की देवरी विधानसभा (deori assembly seat) में जंगलों के बीच बसे तुलसीपत्र ग्रामपंचायत के बसा गांव में न मोबाइल नेटवर्क और न पक्की सड़क है। यहां वोट मांगने के लिए बमुश्किल से कोई नेता पहुंचा हो। रविवार को यहां मुख्यमंत्री (CM Shivraj Singh Chouhan visit tribal village) पहुंच गए। बीते दो-तीन दिनों से इस गांव में प्रशासन और बीजेपी के छोटे-बड़े नेताओं का जमावड़ा था। हाथों हाथ बीती रात एक बोरवेल खुद गया। दीवारों पर नारे लिखे जाने लगे, गांव दुल्हन की तरह सज धजकर तैयार हुआ। इसके बाद सीएम (shivraj singh chauhan in tribal village) दोपहर डेढ़ बजे बसा ग्राम पहुंचे।
वहीं, लोगों के बीच सवाल यही था कि आखिर सीएम को यहीं क्यों आना है तो थोड़ा पीछे जाकर भोपाल में हुए आदिवासी दिवस के कार्यक्रम पर नज़र दौड़ाइए। असल में 2023 के आगामी विधानसभा चुनावों में जीत पर लगे ताले की चाबी जंगलों में बसे आदिवासियों के पास ही है। लिहाजा कांग्रेस के कब्जे वाली देवरी विधानसभा से हर्ष यादव दो बार से विधायक हैं। 15 महीने की कांग्रेस सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे। ऐसे में एका एक सीट का महत्व और आदिवासियों का समीकरण मालवा की तरह बुंदेलखंड में भी सटीक बैठ जाता है।
सीएम के इस दौरे में आदिवासियों को लुभाने के बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। सीएम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में ग्रामीणों से मुलाकात की महिलाओं के बीच बैठकर टिमकी बजाने लगे। गलियों में करीब तीन घंटे सबकी समस्याएं सुनते आश्वासन देते दिखाई दिए। उन्होंने ने इस बार खुद मोर्चा संभाला और बूथ विस्तार की बुनियाद मजबूत की।
उनके साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद रहे। उन्होंने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
बच्चों की पढ़ाई के लिए नेटवर्क जरूरी
चौपाल पर बैठे एक दादा ने कहा कि गांव के बच्चे बच्चियों के लिए पढ़ाई जरूरी है। लेकिन गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है ऐसे में काइज (कैसे) पढ़ाई होगी। बच्चियां कैमरे पर तो नहीं आईं पर मोबाइल नेटवर्क की बात एनबीटी ऑनलाइंस से कही।
नदी का पानी पी रहे
वहीं, सीएम से समस्या बताने वाली महिलाओं में मायाबाई ने कहा कि बस्ती में न तो लाइट है, न ही पीने के पानी की व्यवस्था है। हम नदी का पानी पी रहे हैं। न तो कोई मंत्री आता है न नेता यहां आए हैं। अब तक तो कोई सुनवाई नहीं है।
आदिवासी महिलाओं से बात करते सीएम
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वहीं, लोगों के बीच सवाल यही था कि आखिर सीएम को यहीं क्यों आना है तो थोड़ा पीछे जाकर भोपाल में हुए आदिवासी दिवस के कार्यक्रम पर नज़र दौड़ाइए। असल में 2023 के आगामी विधानसभा चुनावों में जीत पर लगे ताले की चाबी जंगलों में बसे आदिवासियों के पास ही है। लिहाजा कांग्रेस के कब्जे वाली देवरी विधानसभा से हर्ष यादव दो बार से विधायक हैं। 15 महीने की कांग्रेस सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे। ऐसे में एका एक सीट का महत्व और आदिवासियों का समीकरण मालवा की तरह बुंदेलखंड में भी सटीक बैठ जाता है।
सीएम के इस दौरे में आदिवासियों को लुभाने के बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। सीएम ने अपने चिरपरिचित अंदाज में ग्रामीणों से मुलाकात की महिलाओं के बीच बैठकर टिमकी बजाने लगे। गलियों में करीब तीन घंटे सबकी समस्याएं सुनते आश्वासन देते दिखाई दिए। उन्होंने ने इस बार खुद मोर्चा संभाला और बूथ विस्तार की बुनियाद मजबूत की।
उनके साथ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद रहे। उन्होंने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा की।
बच्चों की पढ़ाई के लिए नेटवर्क जरूरी
चौपाल पर बैठे एक दादा ने कहा कि गांव के बच्चे बच्चियों के लिए पढ़ाई जरूरी है। लेकिन गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं है ऐसे में काइज (कैसे) पढ़ाई होगी। बच्चियां कैमरे पर तो नहीं आईं पर मोबाइल नेटवर्क की बात एनबीटी ऑनलाइंस से कही।
नदी का पानी पी रहे
वहीं, सीएम से समस्या बताने वाली महिलाओं में मायाबाई ने कहा कि बस्ती में न तो लाइट है, न ही पीने के पानी की व्यवस्था है। हम नदी का पानी पी रहे हैं। न तो कोई मंत्री आता है न नेता यहां आए हैं। अब तक तो कोई सुनवाई नहीं है।
आदिवासी महिलाओं से बात करते सीएम