MP Chunav 2023: एमपी में दिग्विजय सिंह ही कांग्रेस को जीत की राह पर ले जाएंगे? बदल गया है उनका अंदाज

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MP Chunav 2023: एमपी में दिग्विजय सिंह ही कांग्रेस को जीत की राह पर ले जाएंगे? बदल गया है उनका अंदाज

MP Chunav 2023: एमपी में दिग्विजय सिंह ही कांग्रेस को जीत की राह पर ले जाएंगे? बदल गया है उनका अंदाज

विदिशा: एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले मोर्चा संभाल लिया है। 2018 की तरह दिग्विजय सिंह ग्राउंड पर कार्यकर्ताओं से संवाद करने में जुट गए हैं। वह पांच दिनों तक बुंदेलखंड में रहेंगे, जहां कांग्रेस की सियासी जमीन कमजोर है। दिग्विजय सिंह एमपी कांग्रेस के इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनका नेटवर्क जमीनी स्तर पर है। इस उम्र में दिग्विजय सिंह बीजेपी को मात देने के लिए पूरा जोर लगा है। विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वह कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। एमपी के विदिशा जिले स्थित शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को दिग्विजय सिंह पहुंचे।
मंच से अपनी बात को रखने के बाद वह नीचे कार्यकर्ताओं के साथ जाकर बैठ गए। इसके बाद उनकी बातों को सुनने लगे। दिग्विजय अगले पांच दिनों तक विदिशा, सागर और दमोह जिले में रहकर अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। वहां प्रदेश कांग्रेस कमिटी के लोगों से बात करेंगे। इसके बाद समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेंगे। दिग्विजय सिंह के पास 2018 में भी सम्नवय की जिम्मेदारी थी।

दिग्विजय सिंह के कद का कोई नेता नहीं

दरअसल, दिग्विजय सिंह एमपी में 10 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के हर इलाके से वह वाकिफ हैं। संगठन पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। आलाकमान के नजर में भी दिग्विजय सिंह की इमेज अच्छी है। 2018 विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा किया था। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में वापस लौटे। उसका सीधा असर विधानसभा चुनाव के परिणाम में दिखा है। सरकार बनने के बाद पर्दे के पीछे से कथित तौर पर दिग्विजय सिंह का ही राज था।

दिग्विजय सिंह फिर एक्टिव

2023 विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह फिर से एमपी की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। वह विधानसभा क्षेत्रों में फिर से एक्टिव हो गए हैं। लगातार कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं। उन जगहों पर ज्यादा सक्रिय हैं, जहां कांग्रेस कमजोर है। खासकर ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में दिग्विजय सिंह ज्यादा सक्रिय हैं। चंबल में उनका मुकाबला धुर विरोधी ज्योतिरादित्य सिंधिया से है। सियासी जानकार मानते हैं कि एमपी में चुनाव ही इस बार दिग्विजय सिंह वर्सेज ज्योतिरादित्य सिंधिया है।

जानकारों ने कहा कि दिग्विजय सिंह की वजह से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़कर गए थे। ऐसे में दिग्विजय सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में खुद को स्थापित करना चाहते हैं। ऐसे में दिग्विजय सिंह की सारी जद्दोजेहाद उन इलाको में है। ग्वालियर-चंबल के जिलों में दिग्विजय सिंह लगातार एक्टिव रह रहे हैं।
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि दिग्विजय सिंह में इस उम्र इतना उत्साह है, इस बात की हमें प्रशंसा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नतीजे सभी को पता है, उनको भी पता है। फिर भी कोशिश कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 2023 में हम बहुमत से अधिक सीटें लाएंगे। वहीं, सीएम पद के चेहरा को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारा एक ही चेहरा कमलनाथ हैं।

गौरतलब है कि एमपी में कांग्रेस हमेशा गुटबाजी से जूझती रही है। इस बार पार्टी की कोशिश है कि इसको खत्म कर आगे की ओर बढ़ा जाए। शायद यही वजह है कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अक्सर लोगों के सामने आकर कहते रहते हैं कि हमारे बीच कोई दूरियां नहीं हैं।
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