MP में नक्सलियों से मुठभेड़: आतंक के 3 चेहरे का हुआ अंत | ended of 3 faces of Naxali terror | Patrika News h3>
आइजी (एंटी नक्सल ऑपरेशन) साजिद फरीद शापू ने बताया कि बालाघाट के खराड़ी गांव की पहाड़ियों पर नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना थी। उनकी धरपकड़ के लिए एएसपी की अगुवाई में हॉकफोर्स के जवान मौके पर पहुंचे। उन्हें देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी फायरिंग की। फायरिंग बंद होने के बाद जब मौके की सर्चिंग की गई तो दो पुरुष और एक महिला नक्सली के शव और हथियार मिले। पिछले कुछ वर्षों में यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।
पिछले तीन साल में दस से अधिक हार्डकोर इनामी नक्सली मप्र पुलिस की गोलियां के शिकार हुए हैं। पुलिस मुठभेड़ में मारी गई नक्सली रामे वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में हुए एनकाउंटर में मारे गए हार्डकोर नक्सली नागेश की पत्नी थी।
रामे आठ साल से नक्सली गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने इस अभियान की सफलता के लिए हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस टीम की सराहना करते हुए नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई इसी तरह जारी रहने की बात कही है।
जवानों को आउट आॅफ टर्न प्रमोशन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने वाले हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस के अफसरों और जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन और गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश को पुलिस अफसरों और जवानों की वीरता और कर्तव्यपरायणता पर गर्व है। शिवराज ने कहा, मध्यप्रदेश शांति का टापू है।
तीनों नक्सलियों पर था 57 लाख का इनाम
मुठभेड़ में मारे गए जीआरबी डिवीजन के टांडा एरिया कमेटी का डीवीसीएम और कमांडर नागेश उर्फ राजू तुलावी (40) निवासी बोटेझरी जिला गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) पर मप्र, छग और महाराष्ट्र सरकार ने कुल 29 लाख का इनाम घोषित किया था।
जीआरीबी डिवीजन के टांडा एरिया कमेटी मेंबर मनोज (25) निवासी बस्तर (छग) और महिला नक्सली रामे (23) निवासी सुकमा (छग) पर 14-14 लाख रुपए का इनाम था। तीनों नक्सलियों पर मप्र, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। नक्सलियों के पास से एके-47, बुलेट, थ्री नॉट थ्री राइफल, एक राइफल, कुकर बम और एक डेटोनेटर्स बरामद हुआ है। दो वायरलेस सेट, जीपीएस ट्रैकर समेत अन्य सामग्री भी मिली।
इधर, अब भी बड़ी चुनौती: छत्तीसगढ़ से प्रदेश के जंगलों में घूम रहे हैं 100 नक्सली…
नक्सलियों के बालाघाट के खराड़ी गांव के कादला जंगल में होने की सूचना कई दिनों से हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस को थी। उन्हें सटीक सूचना का इंतजार था। टीम सुबह 5.15 बजे पहाड़ी के पास पहुंची तो नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। तकरीबन 45 मिनट की फायरिंग के बाद सन्नाटा छा गया। पत्रिका एक्सप्लेनर में जानिए कार्रवाई से जुड़े हर पहलू…।
नक्सलियों की धरपकड़ के लिए एएसएपी की अगुवाई में निकली टीम में 26 पुलिसकर्मी थे। इनमें 1 एसआइ, 4 एएसआइ, 3 प्रधान आरक्षक समेत 15 आरक्षक थे। टीम 21 एके-47, चार एक्स कैलिबर और एक इंसास राइफल से लैस थी। सैटेलाइट फोन से संपर्क में थी।
अभी प्रदेश में कितने नक्सली सक्रिय?
अभी प्रदेश में कितने नक्सली सक्रिय मप्र के बालाघाट रेंज और छत्तीसगढ़ से लगी सीमा में 100 से ज्यादा नक्सली सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि प्रदेश में चल रहे अभियान के कारण नक्सलियों ने मप्र की ओर रुख किया है।
क्यों हुई इतनी बड़ी सर्जरी?
नक्सली कमांडर नागेश उर्फ नागेश्वर उर्फ तुलाजी ने 2017 व 2019 में मप्र के लांजी में दो लोगों की हत्या की थी। उस पर मप्र में 10 से अधिक केस हैं। उसने 2017 में राजनंदगांव (छग) के गातापार में पुलिस पार्टी पर हमला किया था। इसमें आरक्षक सुखुराम शहीद हो गए थे। आरक्षक आशुराम गंभीर घायल थे।
नागेश ने इसी साल पुलिस पार्टी पर फिर हमला किया। इस बार एसआइ युगल किशोर शहीद हुए, आरक्षक कृषलाल साहू गंभीर घायल हो गए। नागेश पर गातापार थाने में तीन केस हैं। मप्र सरकार ने उस पर 5 लाख, महाराष्ट्र ने 16 लाख और छग ने 8 लाख का इनाम रखा था। नागेश कई नक्सली हमलों में शामिल था। वह मराठी, गोंडी, हिन्दी और छत्सीसगढ़ी भाषा जानता था।
कैसे होगा कंट्रोल?
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के कोर एरिया में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना पहले भी मिलती रही है। इसके लिए मप्र सरकार ने केंद्र से सीआरपीएफ की तीन बटालियन की मांग की थी। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
आइजी (एंटी नक्सल ऑपरेशन) साजिद फरीद शापू ने बताया कि बालाघाट के खराड़ी गांव की पहाड़ियों पर नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना थी। उनकी धरपकड़ के लिए एएसपी की अगुवाई में हॉकफोर्स के जवान मौके पर पहुंचे। उन्हें देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस पर जवानों ने भी फायरिंग की। फायरिंग बंद होने के बाद जब मौके की सर्चिंग की गई तो दो पुरुष और एक महिला नक्सली के शव और हथियार मिले। पिछले कुछ वर्षों में यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।
पिछले तीन साल में दस से अधिक हार्डकोर इनामी नक्सली मप्र पुलिस की गोलियां के शिकार हुए हैं। पुलिस मुठभेड़ में मारी गई नक्सली रामे वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में हुए एनकाउंटर में मारे गए हार्डकोर नक्सली नागेश की पत्नी थी।
रामे आठ साल से नक्सली गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना ने इस अभियान की सफलता के लिए हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस टीम की सराहना करते हुए नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई इसी तरह जारी रहने की बात कही है।
जवानों को आउट आॅफ टर्न प्रमोशन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने वाले हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस के अफसरों और जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन और गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश को पुलिस अफसरों और जवानों की वीरता और कर्तव्यपरायणता पर गर्व है। शिवराज ने कहा, मध्यप्रदेश शांति का टापू है।
तीनों नक्सलियों पर था 57 लाख का इनाम
मुठभेड़ में मारे गए जीआरबी डिवीजन के टांडा एरिया कमेटी का डीवीसीएम और कमांडर नागेश उर्फ राजू तुलावी (40) निवासी बोटेझरी जिला गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) पर मप्र, छग और महाराष्ट्र सरकार ने कुल 29 लाख का इनाम घोषित किया था।
जीआरीबी डिवीजन के टांडा एरिया कमेटी मेंबर मनोज (25) निवासी बस्तर (छग) और महिला नक्सली रामे (23) निवासी सुकमा (छग) पर 14-14 लाख रुपए का इनाम था। तीनों नक्सलियों पर मप्र, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। नक्सलियों के पास से एके-47, बुलेट, थ्री नॉट थ्री राइफल, एक राइफल, कुकर बम और एक डेटोनेटर्स बरामद हुआ है। दो वायरलेस सेट, जीपीएस ट्रैकर समेत अन्य सामग्री भी मिली।
नक्सलियों के बालाघाट के खराड़ी गांव के कादला जंगल में होने की सूचना कई दिनों से हॉक फोर्स और बालाघाट पुलिस को थी। उन्हें सटीक सूचना का इंतजार था। टीम सुबह 5.15 बजे पहाड़ी के पास पहुंची तो नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। तकरीबन 45 मिनट की फायरिंग के बाद सन्नाटा छा गया। पत्रिका एक्सप्लेनर में जानिए कार्रवाई से जुड़े हर पहलू…।
नक्सलियों की धरपकड़ के लिए एएसएपी की अगुवाई में निकली टीम में 26 पुलिसकर्मी थे। इनमें 1 एसआइ, 4 एएसआइ, 3 प्रधान आरक्षक समेत 15 आरक्षक थे। टीम 21 एके-47, चार एक्स कैलिबर और एक इंसास राइफल से लैस थी। सैटेलाइट फोन से संपर्क में थी।
अभी प्रदेश में कितने नक्सली सक्रिय?
अभी प्रदेश में कितने नक्सली सक्रिय मप्र के बालाघाट रेंज और छत्तीसगढ़ से लगी सीमा में 100 से ज्यादा नक्सली सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि प्रदेश में चल रहे अभियान के कारण नक्सलियों ने मप्र की ओर रुख किया है।
क्यों हुई इतनी बड़ी सर्जरी?
नक्सली कमांडर नागेश उर्फ नागेश्वर उर्फ तुलाजी ने 2017 व 2019 में मप्र के लांजी में दो लोगों की हत्या की थी। उस पर मप्र में 10 से अधिक केस हैं। उसने 2017 में राजनंदगांव (छग) के गातापार में पुलिस पार्टी पर हमला किया था। इसमें आरक्षक सुखुराम शहीद हो गए थे। आरक्षक आशुराम गंभीर घायल थे।
नागेश ने इसी साल पुलिस पार्टी पर फिर हमला किया। इस बार एसआइ युगल किशोर शहीद हुए, आरक्षक कृषलाल साहू गंभीर घायल हो गए। नागेश पर गातापार थाने में तीन केस हैं। मप्र सरकार ने उस पर 5 लाख, महाराष्ट्र ने 16 लाख और छग ने 8 लाख का इनाम रखा था। नागेश कई नक्सली हमलों में शामिल था। वह मराठी, गोंडी, हिन्दी और छत्सीसगढ़ी भाषा जानता था।
कैसे होगा कंट्रोल?
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के कोर एरिया में नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना पहले भी मिलती रही है। इसके लिए मप्र सरकार ने केंद्र से सीआरपीएफ की तीन बटालियन की मांग की थी। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।