Moving Garden Delhi: शख्श ने कर दिया ऐसा कमाल कि ऑटो की छत पर तैयार हो गया मूविंग गार्डेन, जानिए कैसा हुआ मुमकिन

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Moving Garden Delhi: शख्श  ने कर दिया ऐसा कमाल कि ऑटो की छत पर तैयार हो गया मूविंग गार्डेन, जानिए कैसा हुआ मुमकिन

Moving Garden Delhi: शख्श ने कर दिया ऐसा कमाल कि ऑटो की छत पर तैयार हो गया मूविंग गार्डेन, जानिए कैसा हुआ मुमकिन

नई दिल्ली: आपने अपने जीवन में कई बाग-बगीचे या कहें गार्डन का दौरा किया होगा। गार्डन में तरह-तरह की हरियाली देखकर आपने कई तस्वीरें भी खींची होंगी। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि राजधानी दिल्ली में एक ऐसा गार्डन है जो चलता-फिरता (Moving Garden In Delhi) है तो शायद आप चौंक जाएं। जी हां यह सच है। दिल्ली में एक ऐसे गार्डन का पता चला है। यह गार्डन कहीं और नहीं बल्कि एक ऑटो पर बनाया गया है। सड़क पर जब यह ऑटो निकलता है तो लोगों के लिए यह क्रिएटिविटी देख हैरानी भी होती है। चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर इस मूविंग गार्डन का आईडिया आया कहां से-

इस अनोखे अविष्कार के पीछे के शख्स को जानिए
इस नई तरह की खोज के पीछे हाथ है 48 साल के महेंद्र कुमार का। ऑटो की छत पर बने पौधों की इस सजावट का मतलब अंदर के वातावरण को ठंडा रखना है। इस अनोखी खोज के पीछे के शख्स महेंद्र कुमार के बारे में भी जान लाजिए। महेंद्र कुमार पश्चिम दिल्ली के तिमारपुर के गोपालपुर गांव के रहने वाले हैं। पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं लेकिन इस अलहदा खोज पर उनकी काफी तारीफ हो रही है। महेंद्र कुमार के इस गार्डेन में 25 तरीके फूल और सब्जियां हैं। बकौल महेंद्र कुमार मुस्कुराते हुए कहते हैं कि दिल्ली की गर्मी यात्री और ड्राइवर दोनों के लिए किसी यातना से कम नहीं है। इसे देखते हए मैंने सबसे पहले ऑटो के अंदर एक पंखा लगाया और बाहर ऑटो की छत पर फूल और सब्जियां उगाने का फैसला किया। इससे मेरा मकसद अंदर की गर्मी को कम करना था।

महेंद्र कुमार की इस खोज पर उनकी पत्नी- मां और तीन बच्चे भी खुश हैं। खुश हों भी क्यों न आखिर महेंद्र की इस नई तरकीब से उन्हें शुद्ध टमाटर, ओकरा, लौकी, पालक, धनिया और बाजराल खाने को मिल रहा है। इस मूविंग गार्डन में इन सब के अलावा सजावटी बांस पेरीवेंकल और गुलाब भी लगा है।

ऑटो में कैसे तैयार हुआ गार्डन
अब आपके मन में ये सवाल होगा कि आखिर एक ऑटो में गार्डन तैयार करना कैसे मुमकिन है। इसका भी जवाब महेंद्र कुमार ने दिया है। कुमार के अनुसार, इसकी शुरुआत दो साल पहले हुई थी। सबसे पहले महेंद्र कुमार ने ऑटो की छत पर एक मोटी परत की बोरी बिछाई उसपर मिट्टी की परत चढ़ाई। इसके बाद महेंद्र ने घास और कुछ पौधे लगाना शुरू किए। समय के साथ महेंद्र कुमार ने सोचा कि क्यों न इसपर सब्जियां और कुछ फल भी उगाए जाएं।

लोग देतें हैं ज्यादा किराया और लेते हैं सेल्फी
महेंद्र कुमार ने कहा कि महांगाई के इस दौर में अगर मेरे परिवार को कम खर्चों में खाने के लिए शुद्ध सब्जियां मिल रही हैं तो क्या बुरा है। इतना ही नहीं महेंद्र कुमार ने बताया कि पिछली ठंड में उन्होंने कीटनाशक मुक्त धनिया का सेवन किया था। महेंद्र कुमार बताते हैं कि उनकी इस अनोखी खोज के चलते यात्री उनके ऑटो की तरफ आकर्षित होते हैं। कभी-कभी तो उनके ऑटो में सफर करने के लिए यात्री महेंद्र को ज्यादा किराया भी देते हैं। वे तरह के हरे-भरे ऑटो के साथ सेल्फी लेने से भी नहीं चूकते।

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