Mohan Bhagwat News: गोरखपुर, काशी के बाद अब लखनऊ में मोहन भागवत, जानिए क्या है आरएसएस का ‘मिशन यूपी’ h3>
लखनऊ: संघ प्रमुख (RSS Chief) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) इस समय लखनऊ (Lucknow) में अपने दो दिवसीय यात्रा के दौरान मौजूद हैं। लखनऊ में वे आरएसएस के प्रचारकों और पदाधिकारियों (RSS Meeting) के साथ बैठक कर रहे हैं। संघ की ओर से अब ग्रामीण स्तर पर संघ की शाखाओं को पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। इसमें संघ प्रमुख के दौरे को काफी गंभीरता से देखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से संघ प्रमुख ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जाकर वहां पर स्वयंसेवकों को गंभीरता से कार्य करने को प्रेरित किया है।
यूपी चुनाव 2022 में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। हालांकि, पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में पार्टी को उस स्तर की सफलता नहीं मिल पाई। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए पार्टी की ओर से अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की कार्रवाई होगी, लेकिन अभी यूपी में आरएसएस के विस्तार की योजनाओं को लेकर कार्रवाई होगी। आरएसएस का शताब्दी वर्ष आने वाला है। ऐसे में संघ ने अपना विस्तार गांव-गांव तक करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रवाद की विचारधारा को बढ़ाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। पिछले वर्षों में जिस प्रकार से लोगों में इस प्रकार की भावना बढ़ी है, उसी रफ्तार से भाजपा भी मजबूत हुई है।
गोरक्ष और काशी प्रांत की बैठकों में दिए अहम संकेत
मोहन भागवत ने गोरक्ष और काशी प्रांत की बैठकों में मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को अहम संकेत दिए हैं। काशी प्रांत के स्वयंसेवकों की बैठक में मोहन भागवत ने कहा कि समाज में परिवर्तन आत्मीयता और सेवा से आता है। इसके जरिए संघ प्रमुख लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की कोशिश करते दिख रहे हैं। शहरीकरण के प्रभाव में लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को इससे कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वे स्वयंसेवकों के बीच सेवा की भावना विकसित करने पर जोर देकर संघ की छवि को आम लोगों के बीच और गहराई से बैठाने की है।
लखनऊ में की अवध प्रांत की चर्चा
लखनऊ में संघ प्रमुख ने अवध प्रांत के प्रचारक कौशल किशोर के साथ आरएसएस की मौजूदा स्थिति, उसके विस्तार और कोरोना काल में किए गए सेवा कार्यों की जानकारी ली। राष्ट्रवाद से जुड़े संघ के कार्यक्रमों की जानकारी लेने के साथ-साथ मोहन भागवत ने वैचारिक संगठनों के कामकाज की जानकारी ली। संघ के शताब्दी वर्ष 2024-25 को देखते हुए अवध प्रांत में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की गई।
प्रबुद्ध लोगों तक संघ की विचारधारा पहुंचाने की कोशिश
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राजधानी में पद्म पुरस्कार प्राप्त प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात कर संघ के कार्यक्रमों की जानकारी दी। मोहन भागवत ने कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों, कलाकारों, डॉक्टर और इंजीनियरों से भी मुलाकात की है। इन मुलाकातों का उद्देश्य संघ की विचारधारा से प्रबुद्ध वर्ग को अवगत कराना है। उस वर्ग को संघ अब जोड़ने की कोशिश कर रहा है, जो समाज में सबसे अधिक विचारधाराओं को प्रवाहित करने में भूमिका निभा रहे हैं।
यूपी में संघ के फैलाव से बदलेगी स्थिति
उत्तर प्रदेश राजनीतिक रूप से काफी अहम प्रदेश है। करीब 25 करोड़ की आबादी वाले देश के सबसे बड़े प्रदेश में आरएसएस ने हर गांव तक अपनी विचारधारा को पहुंचाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। यूपी को राजनीतिक रूप से समाजवाद का पोषक प्रदेश माना जाता है। ऐसे में आरएसएस असली समाजवाद को बताने की कोशिशों में जुटा है, जिसमें किसी भी वर्ग से किसी प्रकार का भेदभाव न हो। सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग तक पहुंचे। साथ ही, राष्ट्रवाद पर भी गंभीरता से चर्चा शुरू हो गई है। इसके जरिए संघ प्रदेश के जन-जन से जुड़ने की कोशिश में है। मोहन भागवत के दौरों का असली मकसद यही माना जा रहा है।
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यूपी चुनाव 2022 में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। हालांकि, पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में पार्टी को उस स्तर की सफलता नहीं मिल पाई। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए पार्टी की ओर से अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की कार्रवाई होगी, लेकिन अभी यूपी में आरएसएस के विस्तार की योजनाओं को लेकर कार्रवाई होगी। आरएसएस का शताब्दी वर्ष आने वाला है। ऐसे में संघ ने अपना विस्तार गांव-गांव तक करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रवाद की विचारधारा को बढ़ाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। पिछले वर्षों में जिस प्रकार से लोगों में इस प्रकार की भावना बढ़ी है, उसी रफ्तार से भाजपा भी मजबूत हुई है।
गोरक्ष और काशी प्रांत की बैठकों में दिए अहम संकेत
मोहन भागवत ने गोरक्ष और काशी प्रांत की बैठकों में मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को अहम संकेत दिए हैं। काशी प्रांत के स्वयंसेवकों की बैठक में मोहन भागवत ने कहा कि समाज में परिवर्तन आत्मीयता और सेवा से आता है। इसके जरिए संघ प्रमुख लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की कोशिश करते दिख रहे हैं। शहरीकरण के प्रभाव में लोगों के बीच बढ़ रही दूरी को इससे कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वे स्वयंसेवकों के बीच सेवा की भावना विकसित करने पर जोर देकर संघ की छवि को आम लोगों के बीच और गहराई से बैठाने की है।
लखनऊ में की अवध प्रांत की चर्चा
लखनऊ में संघ प्रमुख ने अवध प्रांत के प्रचारक कौशल किशोर के साथ आरएसएस की मौजूदा स्थिति, उसके विस्तार और कोरोना काल में किए गए सेवा कार्यों की जानकारी ली। राष्ट्रवाद से जुड़े संघ के कार्यक्रमों की जानकारी लेने के साथ-साथ मोहन भागवत ने वैचारिक संगठनों के कामकाज की जानकारी ली। संघ के शताब्दी वर्ष 2024-25 को देखते हुए अवध प्रांत में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की गई।
प्रबुद्ध लोगों तक संघ की विचारधारा पहुंचाने की कोशिश
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राजधानी में पद्म पुरस्कार प्राप्त प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात कर संघ के कार्यक्रमों की जानकारी दी। मोहन भागवत ने कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों, कलाकारों, डॉक्टर और इंजीनियरों से भी मुलाकात की है। इन मुलाकातों का उद्देश्य संघ की विचारधारा से प्रबुद्ध वर्ग को अवगत कराना है। उस वर्ग को संघ अब जोड़ने की कोशिश कर रहा है, जो समाज में सबसे अधिक विचारधाराओं को प्रवाहित करने में भूमिका निभा रहे हैं।
यूपी में संघ के फैलाव से बदलेगी स्थिति
उत्तर प्रदेश राजनीतिक रूप से काफी अहम प्रदेश है। करीब 25 करोड़ की आबादी वाले देश के सबसे बड़े प्रदेश में आरएसएस ने हर गांव तक अपनी विचारधारा को पहुंचाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। यूपी को राजनीतिक रूप से समाजवाद का पोषक प्रदेश माना जाता है। ऐसे में आरएसएस असली समाजवाद को बताने की कोशिशों में जुटा है, जिसमें किसी भी वर्ग से किसी प्रकार का भेदभाव न हो। सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग तक पहुंचे। साथ ही, राष्ट्रवाद पर भी गंभीरता से चर्चा शुरू हो गई है। इसके जरिए संघ प्रदेश के जन-जन से जुड़ने की कोशिश में है। मोहन भागवत के दौरों का असली मकसद यही माना जा रहा है।
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