Mohali MMS Leak: पैरेंट्स की बढ़ गई टेंशन, बोले- लड़कों से दूर करने को गर्ल्स हॉस्टल भेजा, लड़कियों का क्या करें?

91
Mohali MMS Leak: पैरेंट्स की बढ़ गई टेंशन, बोले- लड़कों से दूर करने को गर्ल्स हॉस्टल भेजा, लड़कियों का क्या करें?

Mohali MMS Leak: पैरेंट्स की बढ़ गई टेंशन, बोले- लड़कों से दूर करने को गर्ल्स हॉस्टल भेजा, लड़कियों का क्या करें?

पूरा देश उस वक्त सकते में आ गया जब निजी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में एक लड़की द्वारा अन्य छात्राओं के नहाते समय विडियो बनाकर उसे लीक करने का मामला सामने आया। लड़कियों का कहना है कि आरोपी लड़की ने हॉस्टल के बाथरूम में कई लड़कियों के विडियो बनाकर अपने बॉयफ्रेंड को भेजे लेकिन पुलिस इस दावे को खारिज कर रही है। फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है। इस खबर पर हंगामा बढ़ा तो अफवाहें भी उड़ीं जिससे छात्राओं के पैरंट्स भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि हमारी बेटियां अब हॉस्टल में सुरक्षित नहीं हैं। असुरक्षा और डर की यह भावना उन सभी माता-पिता के जेहन में घर कर गई हैं जिनकी बेटियां अपनी पढ़ाई और उज्जवल भविष्य के लिए अपने घर से कोसों दूर हॉस्टल में रह रही हैं।

हर बात रूम पार्टनर से शेयर ना करें

शिवांगी त्रिपाठी गोरखपुर से लखनऊ पढ़ाई करने आई हैं। उन्होंने बताया कि जब लखनऊ में कॉलेज चुना था तो पैरंट्स का यही मानना था कि मुझे कॉलेज हॉस्टल में ही रहना चाहिए। मैंने भी उनका फैसला स्वीकार किया और कुछ समय हॉस्टल में बिताया। हाल ही में मैंने पीजी में रहना शुरू कर दिया है। बाकी जब हम रहना शुरू करते हैं तो हमें सारी चीजें समझ आती हैं। सबसे जरूरी यही है कि शुरू में अपनी हर बात रूम पार्टनर से शेयर ना करें क्योंकि हमें नहीं पता होता की कौन किस मानसिकता का है। जब हम रहना शुरू करते हैं, तब जाकर कहीं हमें सामने वाली की खूबी और कमियों का पता लगता है। हमें अपना दायरा जरूर मालूम होना चाहिए। साथ ही जहां हम रह रहे हैं, वहां अपने हिसाब से भी देख लेना चाहिए कि कहीं बाथरूम या रूम में हिडेन कैमरा तो नहीं छिपा है।

कई बार लोग बदला लेने की कोशिश करते

94418020 -

अंशिमा गुप्ता बनारस की रहने वाली हैं और अपने कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उनका कहना है कि वैसे तो कॉलेज में हिडेन कैमरा नहीं होंगे लेकिन फिर भी अपनी तरफ से जागरूक होने में कोई बुराई नहीं। कोशिश यही होनी चाहिए कि किसी से लड़ाई झगड़ा ना हो। होता क्या है कई बार दुश्मनी के चलते भी लोग बदला लेने की कोशिश करते हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि सबसे थोड़ी ही सही पर दोस्ती बनाकर रखें। जैसे हॉस्टल में भी बर्थडे या अन्य पार्टियां होती हैं तो आपके कपड़ों का सिलेक्शन सही होना चाहिए क्योंकि उसमें फोटोज और विडियोज भी बनते हैं।

बाहर से आई लड़की का ब्योरा नोट हो

94417998 -

हमें किसी से इतना फैमिलियर नहीं होना चाहिए कि हम सब कुछ अपने रूम पार्टनर से शेयर करने लगें। जितना अलर्ट रहेंगे उतना ही अच्छा रहेगा। ये कहना है पीजी में रहने वाली अनुश्री श्रीवास्तव का। वह कहती हैं कि अगर कोई लड़की जो आपके रूम या पीजी का हिस्सा नहीं है और वो ज्यादातर समय आपके रूम में बिताती है तो इसकी शिकायत आपको वार्डन से करनी चाहिए। हां, कुछ देर के लिए और खास काम से आने पर कोई ऐतराज नहीं है। बाहर से आई लड़की का पूरा ब्योरा नोट होना चाहिए, जिसमें उसके फोन नंबर से लेकर पता और कितना समय उसने बिताया ये सब नोट होना चाहिए। किसी दूसरे रूम की लड़की जिसे आप ज्यादा अच्छे से ना जानती हों, उसके फोन में फोटोज खिंचवाने और किसी विडियो में शामिल होने से बचें क्योंकि इससे आपकी फोटो के साथ भी छेड़छाड़ हो सकती है।

​बच्चे जल्दी ना करें किसी पर विश्वास

94417976 -

फैजाबाद रोड की रहने वाली प्रतिभा श्रीवास्तव की बेटी भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रही है। वह कहती हैं कि बाहर हॉस्टल या पीजी में बच्चों को अलग तरह का माहौल मिलता है क्योंकि वो अलग-अलग जगहों से पढ़ने आते हैं। ऐसे में किसी के बारे में कुछ खास पता नहीं होता। बच्चे बड़ी जल्दी लोगों पर विश्वास कर लेते हैं और हर कोई उनका दोस्त बन जाता है। हम पैरंट्स हर समय तो सही-गलत बताने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं रहेंगे। ऐसे में सबसे जरूरी यही है कि बच्चे किसी पर जल्दी विश्वास ना करें। जैसे अगर एक रूम में दो लड़कियां रहती हैं तो उनके सिवा कोई और लड़की बिना वॉर्डन की परमिशन के उनके रूम में ना दाखिल हो। अगर उन्हें मिलना है तो कैंटीन और एक कॉमन रूम में मिल सकती हैं।

​कैमरे से होता है सुरक्षा का एहसास

94417957 -

सीतापुर से वर्तिका सिंह लखनऊ ग्रैजुएशन करने आई हैं। उनका कहना है कि परिवार व मेरा यही मानना है कि बिना जाने समझे किसी से ज्यादा ना घुलें-मिलें और एक सीमित दायरे में रहें। जैसे हमारे यहां कॉलेज हॉस्टल में जब भी कोई पार्टी या कोई सेलिब्रेशन होता है तो हमारी सीनियर्स के अलावा कोई ना कोई फैकल्टी और वॉर्डन जरूर मौजूद रहती हैं। साथ ही मैं खुद भी ये ध्यान रखती हूं कि मेरे ड्रेसेज का सिलेक्शन सही हो। बाकी ये हमारी सोच पर भी निर्भर करता है कि हम किस तरह से चीजें मैनेज करते हैं। हॉस्टल में कुछ पर्टिकुलर एरिया हैं, जहां कैमरा लगा हुआ है, जो कि एक तरह से सही भी है क्योंकि इससे भी हमारे मन में कहीं न कहीं ये रहता है कि हम लोग सुरक्षित हैं।

​क्या कहते हैं इस बारे में कानूनी जानकार

94417948 -

इन मामलों में कानूनी सलाह की आवश्यकता भी होती है। जानी-मानी लॉयर रुखसार मेमन कहती हैं, ‘डिजिटल उन्नति के साथ डिजिटल क्राइम, यौन शोषण और रिवेंज पोर्नोग्राफी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि डिजिटल या साइबर क्राइम को लेकर देश का कानून बहुत सख्त है, मगर कई बार ऐसे मामलों में विक्टिम खुद को दोषी मानने लगता है। कई बार जब पीड़ित पुलिस के पास जाता है, तो पुलिस भी उसे बदनामी का डर दिखाकर ऐसे मामलों को रफा-दफा करने की फिराक में रहती है। अगर किसी महिला की तस्वीर अश्लीलता से लेकर उसकी जानकारी के बगैर वितरित की जाती है, तो टेक्नोलॉजी एक्ट की अन्य संबंधित धाराओं की मदद से आईपीसी की धारा 354सी के तहत मामला भी बनाया जा सकता है। इस केस में एक से तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

​’दोस्ती में प्राइवेट विडियो न बनाएं’

94417938 -

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चे दोस्ती में ऐसा कुछ ना करें जिसका बाद में कोई गलत इस्तेमाल कर सके। जानी-मानी एजुकेशनल काउंसलर जलपा शाह कहती हैं, ‘हॉस्टल में जाने के बाद स्टूडेंट्स को चाहिए कि अपनी रूममेट या आस-पास रहने वाली लड़कियों का आकलन करें। अपनी प्राइवेसी को लेकर सतर्क रहें। पर्सनल डिटेल या डेटा किसी दूसरे के साथ शेयर न करें। बहुत जल्दी किसी पर यकीन न करें। फैमिली बैकग्राउंड चेक करें। दोस्ती हो जाने के बावजूद दोस्ती या मजाक में ऐसे विडियो न बनाएं, जिससे सामने वाला गलत इस्तेमाल कर सके। वहीं मैं पैरेंट्स को सलाह देना चाहूंगी कि दुर्भाग्य से अगर ऐसी कोई एमएमएस बनाए जाने, बुली करने की घटना आपकी बेटी के साथ होती है, तो उसे डांटने-फटकारने के बजाय उसके साथ संवेदनशील ढंग से पेश आएं। उसे संबल दें और घबराए बिना कानून का सहारा लें।’

​’बेटी को लड़कियों से कैसे बचाएं’

94417929 -

हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के पैरंट्स के मन में सवाल यही है कि जब लड़कियां ही ऐसा करने लगें तो फिर हम बेटी को कैसे बचाएं। उत्तर प्रदेश के एक हॉस्टल में एमबीबीएस की पढ़ाई पढ़ने वाली सुपर्णा जांगरा की मां मीरा जांगरा कहती हैं, ‘बहुत ही गलत हुआ लड़कियों के साथ। मैं और सुपर्णा के पापा बहुत डर गए हैं। लड़कों से बचाने के लिए अपनी लड़की को गर्ल्स हॉस्टल भेजा था कि वो वहां सेफ रहेगी, मगर अब लड़कियों से कैसे बचाएं! जब हमने सुपर्णा का दाखिला कराया था, तब हमें इसका बाहरी इलाका थोड़ा सुनसान लगा था, मगर अब तो यूनिवर्सिटी के परिसर के अंदर डर लग रहा है।’ वहीं पुणे के एक हॉस्टल रहकर पढ़ने वाली श्वेता सावरकर के पिता अनिल कहते हैं, ‘श्वेता ने बहुत जिद करके अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इस हॉस्टल में एडमिशन लिया था, मगर इस वीकेंड हम लोगों से घर पर मिलने आई श्वेता इतनी डर गई कि उसे बुखार आ गया और अब वो हॉस्टल नहीं जाना चाहती। उसे डर है कि कहीं वह बुलिंग का शिकार न हो जाए।’

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News