MK Stalin: ‘कांग्रेस-लेफ्ट के साथ सभी दलों को आना होगा, DMK अब तीसरी बड़ी पार्टी,’ थर्ड फ्रंट के लिए स्टालिन का आवाह्न h3>
चेन्नै: दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha election 2024) के लिए बीजेपी के खिलाफ देश में तीसरे मोर्चे की चर्चा जोरों पर है। अब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ( Tamilnadu CM MK Stalin) ने कांग्रेस, लेफ्ट समेत सभी ऐंटी बीजेपी दलों से एक संयुक्त मोर्चे का आवाह्न किया है। उन्होंने कहा कि सभी दलों को अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक मानसिकता अलग रखनी चाहिए और भारत को बचाने के लिए एक साथ आना चाहिए। उन्होंने डीएमके को राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि उनकी पार्टी देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तय करने की क्षमता रखती है।
स्टालिन ने कांग्रेस से आग्रह किया कि उसे ऑल इंडिया लेवल पर सभी दलों के साथ सैद्धांतिक दोस्ती विकसित करनी चाहिए जैसे तमिलनाडु में डीएमके के साथ है। तीन दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे एमके स्टालिन ने कहा, ‘मेरी दलील है कि अगर हम भारत की विविधता, संघवाद, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समानता, बंधुत्व, राज्य के अधिकार और शिक्षा के अधिकार को बनाए रखना चाहते हैं, तो हम सभी को अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक मानसिकता को छोड़कर एकजुट होना चाहिए।’
डीएमके नैशनल पॉलिटिक्स में महत्वपूर्ण
स्टालिन ने आगे कहा, ‘सभी दलों को यह समझना चाहिए कि एकता ही ताकत है। भारत को बचाने के लिए सभी को साथ आना चाहिए।’ 69 वर्षीय स्टालिन ने पिछले साल मई में तमिलनाडु के सीएम के रूप में कार्यभार संभाला था। स्टालिन ने आगे कहा कि डीएमके राष्ट्रीय राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रही है और आगे भी ऐसा ही रहने वाला है।
तमिलनाडु के सीएम ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजनीति में मारा महत्व हमेशा से रहा है। डीएमके हमेशा से ही देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने में अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी रही है। डीएमके अब संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।’
‘कांग्रेस, लेफ्ट समेत सभी दलों को आना चाहिए साथ’
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कुछ हलकों में यह तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस की गिरावट के चलते अब क्षेत्रीय दलों को बीजेपी के खिलाफ नेतृत्व करना चाहिए। इस बारे में स्टालिन कहते हैं, ‘यह राय कुछ राज्यों के लिए सही हो सकती है लेकिन कई राज्यों में यह भ्रामक होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे लिए, बीजेपी का विरोध करने वाले सभी राज्य दलों को एक टीम बनाने के लिए कांग्रेस और वामपंथियों के साथ हाथ मिलाना चाहिए।’
‘हम वैचारिक समझौते के आधार पर साथ हैं’
स्टालिन ने कहा, ‘मेरी इच्छा है कि कांग्रेस पार्टी ऑल इंडिया लेवल पर सैद्धांतिक मित्रता विकसित करे। मैंने यह बात तमिलनाडु में प्रचार करने आए राहुल भाई (राहुल गांधी) के सामने मंच पर रखी थी। मैं फिर से कांग्रेस पार्टी से सभी राज्यों में ऐसी टीमों के गठन पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं।’
कांग्रेस को अपना सहयोगी मानते हुए और दक्षिण में अच्छा चुनावी प्रतिनिधित्व देखते हुए वह बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चे में उसे कहां देखते हैं? इस सवाल पर स्टालिन ने कहा, ‘हमने किसी भी जरूरत के लिए कांग्रेस के साथ काम नहीं किया। हम वैचारिक समझौतों के आधार पर एक साथ हैं।’
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डीएमके नैशनल पॉलिटिक्स में महत्वपूर्ण
स्टालिन ने आगे कहा, ‘सभी दलों को यह समझना चाहिए कि एकता ही ताकत है। भारत को बचाने के लिए सभी को साथ आना चाहिए।’ 69 वर्षीय स्टालिन ने पिछले साल मई में तमिलनाडु के सीएम के रूप में कार्यभार संभाला था। स्टालिन ने आगे कहा कि डीएमके राष्ट्रीय राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रही है और आगे भी ऐसा ही रहने वाला है।
तमिलनाडु के सीएम ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजनीति में मारा महत्व हमेशा से रहा है। डीएमके हमेशा से ही देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने में अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी रही है। डीएमके अब संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।’
‘कांग्रेस, लेफ्ट समेत सभी दलों को आना चाहिए साथ’
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत कुछ हलकों में यह तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस की गिरावट के चलते अब क्षेत्रीय दलों को बीजेपी के खिलाफ नेतृत्व करना चाहिए। इस बारे में स्टालिन कहते हैं, ‘यह राय कुछ राज्यों के लिए सही हो सकती है लेकिन कई राज्यों में यह भ्रामक होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे लिए, बीजेपी का विरोध करने वाले सभी राज्य दलों को एक टीम बनाने के लिए कांग्रेस और वामपंथियों के साथ हाथ मिलाना चाहिए।’
‘हम वैचारिक समझौते के आधार पर साथ हैं’
स्टालिन ने कहा, ‘मेरी इच्छा है कि कांग्रेस पार्टी ऑल इंडिया लेवल पर सैद्धांतिक मित्रता विकसित करे। मैंने यह बात तमिलनाडु में प्रचार करने आए राहुल भाई (राहुल गांधी) के सामने मंच पर रखी थी। मैं फिर से कांग्रेस पार्टी से सभी राज्यों में ऐसी टीमों के गठन पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं।’
कांग्रेस को अपना सहयोगी मानते हुए और दक्षिण में अच्छा चुनावी प्रतिनिधित्व देखते हुए वह बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चे में उसे कहां देखते हैं? इस सवाल पर स्टालिन ने कहा, ‘हमने किसी भी जरूरत के लिए कांग्रेस के साथ काम नहीं किया। हम वैचारिक समझौतों के आधार पर एक साथ हैं।’