कर्ज के बोझ को नहीं झेल सके Ex CM के दामाद वीजी सिद्धार्थ, मिला शव

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कैफ़े कॉफी डे के संस्थापक और मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव कर्नाटक के मंगलुरु के पास लापता होने के दो दिन बाद मंगलुरु के होइगे बाज़ार के पास नेत्रावती नदी के किनारे मिला है। वीजी सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के दामाद हैं।

दोस्तों और रिश्तेदारों ने पुष्टि की है कि शरीर सिद्धार्थ का है।

PTI ने दक्षिणा कन्नड़ के उपायुक्त शशिकांत सेंथिल के हवाले से बताया, “एक शव मिला है जो कैफे कॉफी डे के मालिक वी जी सिद्धार्थ का लगता है।”

उल्लाल के पास शव को स्थानीय मछुआरों द्वारा बाहर निकाला गया था, उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

मंगलुरु पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा कि सिद्धार्थ के परिवार को सूचित कर दिया गया है और शव को अन्य औपचारिकताओं के लिए वेनलॉक अस्पताल में रखा गया है।

सिद्धार्थ कर्नाटक के तटीय मंगलुरु शहर में सोमवार रात से रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, तटरक्षक, होम गार्ड, अग्निशमन सेवाओं और तटीय पुलिस की टीमों के साथ सिद्धार्थ का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया था।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ सक्लेशपुर के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस के अनुसार, उन्होंने अपने ड्राइवर से मंगलुरु की ओर जाने के लिए कहा था। दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रवती नदी पर एक पुल पर पहुंचने पर, वह कार से नीचे उतरे और अपने ड्राइवर को बताया कि वह टहलने जा रहे हैं।

जब वह दो घंटे बाद भी सिद्धार्थ वापस नहीं आये तो ड्राइवर ने पुलिस से संपर्क किया और एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की।

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सिद्धार्थ ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कॉफ़ी डे एंटरप्राइजेज के कर्मचारियों को लिखे एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा, “37 वर्षों की कड़ी मेहनत और मजबूत प्रतिबद्धता के साथ हमारी कंपनी और इसकी सहायक ब्रांच में 30,000 नौकरियों को दिया गया। मै कहना चाहूंगा कि मैंने यह सब कर दिया। मुझे उन सभी लोगों को छोड़ देने का बहुत अफसोस है, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया है।”

लगभग 60 वर्ष की आयु के सिद्धार्थ ने कथित तौर पर उनके द्वारा लिखे गए पत्र में आरोप लगाया कि हमारे डीजिट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग अवसरों पर हमारे शेयरों को संलग्न करने और फिर इस पर जांच करने वाले आयकर अधिकारियों द्वारा उन्हें बहुत परेशान किया गया था।