‘Mimi’ हो या ‘Radhe’, कभी सोचा है रिलीज से पहले कैसे Online Leak हो जाती हैं फिल्में? h3>
कृति सेनन (Kriti Sanon) और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की फिल्म ‘मिमी’ (Mimi) 30 जुलाई को रिलीज होने वाली थी। लेकिन चार दिन पहले ही 26 जुलाई को यह फिल्म ऑनलाइन लीक (Leaked before release date) हो गई। आनन-फानन में मेकर्स ने भी इस फिल्म को ओटीटी पर सोमवार को ही रिलीज कर दिया। यह पहला मौका नहीं है, जब कोई फिल्म रिलीज से पहले ही लीक हो गई हो। प्रभास की ‘बाहुबली’ (Bahubali) से लेकर सलमान खान की ‘राधे’ (Radhe) तक पायरेसी के इस मकड़जाल का शिकार बन चुकी हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर तमाम कोशिशों के बाद भी ये फिल्में आखिर लीक कैसे हो जाती हैं?
सिर्फ मेकर्स नहीं, दर्शकों को भी पायरेसी से है घाटा
हर छोटी-बड़ी फिल्म जिसको लेकर दर्शक उत्साहित होते हैं, रिलीज से पहले ही ऑनलाइन लीक हो जाती है। कभी टॉरेंट तो कभी टेलीग्राम पर लीक होने वाली इन फिल्मों से सबसे बड़ा घाटा मेकर्स का है। जाहिर तौर पर सिनेमाघर में रिलीज से पहले फिल्म लीक होना, मतलब दर्शकों का सिनेमाघर कम पहुंचना। जबकि ओटीटी के मामले में इससे सब्सक्रिप्शन पर बड़ा असर पड़ता है। यह करोड़ों के घाटा है। लेकिन इससे एक बड़ा घाटा दर्शकों का भी है, क्योंकि अक्सर लीक होने वाली फिल्मों की पिक्चर और साउंड क्वालिटी सिनेमा हॉल या ओटीटी के ऑरिजनल प्रिंट जैसी नहीं होती है। अब मामला मनोरंजन का हो, पूरा मजा ना आए तो क्या ही मनोरंजन हुआ। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये फिल्में लीक होती कैसे हैं? आइए इसे समझते हैं।
सैकड़ों लोगों के क्रू में कोई भेदिया करता है खेल!
फिल्मों के ऑनलाइन लीक होने का एक ही रास्ता नहीं है। बल्कि यह कई मौकों पर, कई जगहों से लीक हो सकती है। इसलिए हमें एक-एक कर के समझना होगा कि कब, कहां और कैसे फिल्मों के लीक होने की संभावना बढ़ जाती है। असल में एक फिल्म के निर्माण में मेकर्स और ऐक्टर्स के अलावा सैकड़ों की संख्या में कास्ट और क्रू मेंबर्स शामिल होते हैं। इसके अलावा फिल्म से जुड़े कई वेंडर्स होते हैं, जो फिल्म को फाइल एडिटिंग टेबल से लेकर उसके पहले प्रीमियर तक का काम देखते हैं। ऐसे में एक बड़ी संभावना बन जाती है कि इन सैकड़ों में से कुछ लोग चंद पैसों के लिए फिल्म को लीक करने का काम कर रहे हों।
जैसे फिल्म के सेट से आ जाते हैं फोटोज-वीडियोज
अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि फिल्म शूटिंग के दौरान भी मेकर्स सेट पर मोबाइल फोन और दूसरे किसी भी तरह के कैमरे पर बैन लगा देते हैं। ऐसा इसी लीक से बचने के लिए किया जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि बावजूद तमाम सावधानियों के फिल्म के सेट से भी ऐक्टर्स और ऐक्ट्रेसेज की तस्वीरें लीक हो जाती हैं।
हैकिंग है सबसे बड़ा सिर दर्द
फिल्मों के लीक होने का एक बड़ा कारण हैकिंग है। जी हां, इंटरनेट की दुनिया का ऐसा जंजाल जिससे बचना नामुमकिन तो नहीं है, लेकिन मुश्किल जरूर है। फिल्मों के पोस्ट प्रोडक्शन के काम के दौरान पूरी फिल्म का ऐक्सेस कई वेंडर्स के पास रहता है। फिल्म एडिटिंग डेस्क से लेकर डबिंग और वीएफएक्स तक कई चरणों से होकर गुजरती है। ऐसे वक्त में पूरी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के सर्वर पर रहती है। हालांकि, बड़ी कंपनियों के सर्वर को हैक करने का काम इतना आसान नहीं होता है, लेकिन यह भी सच है कि बॉलिवुड से लेकर हॉलिवुड तक कई बड़ी फिल्में वेंडर्स के रास्ते भी लीक हुई हैं।
प्रिव्यू कॉपी से पायरेसी तक
फिल्मों के रिलीज से पहले लीक होने का एक बड़ा रास्ता प्रिव्यू कॉपीज हैं। आपने कई पायरेटेड फिल्मों को देखते वक्त गौर किया होगा कि उसके स्क्रीन पर कहीं न कहीं एक ‘पट्टी’ जैसा कुछ होगा। या तो इन पर कुछ लिखा होगा या फिर ब्लर कर दिया गया होगा। असल में यह प्रिव्यू प्रिंट हैं। फिल्मों को रिलीज करने से पहले उनके प्रोडक्शन और दूसरे पार्टनर्स को प्रिव्यू के लिए दिया जाता है। ताकि वह इसे देख लें, जहां वह विज्ञापन या लोगों लगाना चाह रहे थे, शुरुआत से लेकर अंत तक सब ठीक है या नहीं। अक्सर फिल्में इन्हीं प्रिव्यू कॉपीज से लीक होती हैं। क्योंकि वह जिन कंपनियों में जाती हैं, वहां भी सैकड़ों की संख्या में लोग काम करते हैं। कई कंपनियां यानी हजारों लोगों तक रिलीज से पहले फिल्मों का एक्सेस होता है। लिहाजा, लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।
सेंसर बोर्ड कॉपी और प्रीमियर कॉपी
कई बार ऐसा भी होता है, जब फिल्म को सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेशन के लिए सब्मिट किया जाता है तो वहां से भी ये लीक हो जाती है। आज की तारीख में किसी भी फिल्म की ग्लोबल रिलीज होती है, यानी एक साथ कई देशों में फिल्म रिलीज होती है। अब जाहिर तौर पर जिन देशों में भी मेकर्स फिल्म रिलीज करना चाहते हैं, वहां की सेंसर बोर्ड से इसे पास करवाना होता है। इसके लिए प्रिव्यू की कॉपी हर देश में भेजी जाती है। ऐसे में विदेश से फिल्मों को लीक करने का काम आसान हो जाता है। इसी तरह रिलीज से दो-तीन दिन पहले फिल्मों के प्रीमियर शोज होते हैं। इन शोज से भी फिल्में लीक होती हैं।
सरहद पार है पायरेसी का बड़ा नेटवर्क
बॉलिवुड की फिल्में ही नहीं, हॉलिवुड की फिल्मों की पायरेसी का सबसे बड़ा नेटवर्क पाकिस्तान है। हमारा पड़ोसी मुल्क इस काम में दुनियाभर में विख्यात है। ऑनलाइन फिल्में लीक होने से लेकर बाजार में उसके गैरकानूनी सप्लाई के काम में भी पाकिस्तान माहिर है। अब भले ही फिल्में आसानी से टेलीग्राम और ऐसे दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर मिल जाती हैं। लेकिन एक दौर जब यह कारोबार सीडी और डीवीडी डिस्क के भरोसे था। तब भी सबसे ज्यादा ऐसे कैसेट्स पाकिस्तान से ही सप्लाई किए जाते थे।
हर छोटी-बड़ी फिल्म जिसको लेकर दर्शक उत्साहित होते हैं, रिलीज से पहले ही ऑनलाइन लीक हो जाती है। कभी टॉरेंट तो कभी टेलीग्राम पर लीक होने वाली इन फिल्मों से सबसे बड़ा घाटा मेकर्स का है। जाहिर तौर पर सिनेमाघर में रिलीज से पहले फिल्म लीक होना, मतलब दर्शकों का सिनेमाघर कम पहुंचना। जबकि ओटीटी के मामले में इससे सब्सक्रिप्शन पर बड़ा असर पड़ता है। यह करोड़ों के घाटा है। लेकिन इससे एक बड़ा घाटा दर्शकों का भी है, क्योंकि अक्सर लीक होने वाली फिल्मों की पिक्चर और साउंड क्वालिटी सिनेमा हॉल या ओटीटी के ऑरिजनल प्रिंट जैसी नहीं होती है। अब मामला मनोरंजन का हो, पूरा मजा ना आए तो क्या ही मनोरंजन हुआ। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये फिल्में लीक होती कैसे हैं? आइए इसे समझते हैं।
सैकड़ों लोगों के क्रू में कोई भेदिया करता है खेल!
फिल्मों के ऑनलाइन लीक होने का एक ही रास्ता नहीं है। बल्कि यह कई मौकों पर, कई जगहों से लीक हो सकती है। इसलिए हमें एक-एक कर के समझना होगा कि कब, कहां और कैसे फिल्मों के लीक होने की संभावना बढ़ जाती है। असल में एक फिल्म के निर्माण में मेकर्स और ऐक्टर्स के अलावा सैकड़ों की संख्या में कास्ट और क्रू मेंबर्स शामिल होते हैं। इसके अलावा फिल्म से जुड़े कई वेंडर्स होते हैं, जो फिल्म को फाइल एडिटिंग टेबल से लेकर उसके पहले प्रीमियर तक का काम देखते हैं। ऐसे में एक बड़ी संभावना बन जाती है कि इन सैकड़ों में से कुछ लोग चंद पैसों के लिए फिल्म को लीक करने का काम कर रहे हों।
जैसे फिल्म के सेट से आ जाते हैं फोटोज-वीडियोज
अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि फिल्म शूटिंग के दौरान भी मेकर्स सेट पर मोबाइल फोन और दूसरे किसी भी तरह के कैमरे पर बैन लगा देते हैं। ऐसा इसी लीक से बचने के लिए किया जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि बावजूद तमाम सावधानियों के फिल्म के सेट से भी ऐक्टर्स और ऐक्ट्रेसेज की तस्वीरें लीक हो जाती हैं।
हैकिंग है सबसे बड़ा सिर दर्द
फिल्मों के लीक होने का एक बड़ा कारण हैकिंग है। जी हां, इंटरनेट की दुनिया का ऐसा जंजाल जिससे बचना नामुमकिन तो नहीं है, लेकिन मुश्किल जरूर है। फिल्मों के पोस्ट प्रोडक्शन के काम के दौरान पूरी फिल्म का ऐक्सेस कई वेंडर्स के पास रहता है। फिल्म एडिटिंग डेस्क से लेकर डबिंग और वीएफएक्स तक कई चरणों से होकर गुजरती है। ऐसे वक्त में पूरी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के सर्वर पर रहती है। हालांकि, बड़ी कंपनियों के सर्वर को हैक करने का काम इतना आसान नहीं होता है, लेकिन यह भी सच है कि बॉलिवुड से लेकर हॉलिवुड तक कई बड़ी फिल्में वेंडर्स के रास्ते भी लीक हुई हैं।
प्रिव्यू कॉपी से पायरेसी तक
फिल्मों के रिलीज से पहले लीक होने का एक बड़ा रास्ता प्रिव्यू कॉपीज हैं। आपने कई पायरेटेड फिल्मों को देखते वक्त गौर किया होगा कि उसके स्क्रीन पर कहीं न कहीं एक ‘पट्टी’ जैसा कुछ होगा। या तो इन पर कुछ लिखा होगा या फिर ब्लर कर दिया गया होगा। असल में यह प्रिव्यू प्रिंट हैं। फिल्मों को रिलीज करने से पहले उनके प्रोडक्शन और दूसरे पार्टनर्स को प्रिव्यू के लिए दिया जाता है। ताकि वह इसे देख लें, जहां वह विज्ञापन या लोगों लगाना चाह रहे थे, शुरुआत से लेकर अंत तक सब ठीक है या नहीं। अक्सर फिल्में इन्हीं प्रिव्यू कॉपीज से लीक होती हैं। क्योंकि वह जिन कंपनियों में जाती हैं, वहां भी सैकड़ों की संख्या में लोग काम करते हैं। कई कंपनियां यानी हजारों लोगों तक रिलीज से पहले फिल्मों का एक्सेस होता है। लिहाजा, लीक होने का खतरा बढ़ जाता है।
सेंसर बोर्ड कॉपी और प्रीमियर कॉपी
कई बार ऐसा भी होता है, जब फिल्म को सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेशन के लिए सब्मिट किया जाता है तो वहां से भी ये लीक हो जाती है। आज की तारीख में किसी भी फिल्म की ग्लोबल रिलीज होती है, यानी एक साथ कई देशों में फिल्म रिलीज होती है। अब जाहिर तौर पर जिन देशों में भी मेकर्स फिल्म रिलीज करना चाहते हैं, वहां की सेंसर बोर्ड से इसे पास करवाना होता है। इसके लिए प्रिव्यू की कॉपी हर देश में भेजी जाती है। ऐसे में विदेश से फिल्मों को लीक करने का काम आसान हो जाता है। इसी तरह रिलीज से दो-तीन दिन पहले फिल्मों के प्रीमियर शोज होते हैं। इन शोज से भी फिल्में लीक होती हैं।
सरहद पार है पायरेसी का बड़ा नेटवर्क
बॉलिवुड की फिल्में ही नहीं, हॉलिवुड की फिल्मों की पायरेसी का सबसे बड़ा नेटवर्क पाकिस्तान है। हमारा पड़ोसी मुल्क इस काम में दुनियाभर में विख्यात है। ऑनलाइन फिल्में लीक होने से लेकर बाजार में उसके गैरकानूनी सप्लाई के काम में भी पाकिस्तान माहिर है। अब भले ही फिल्में आसानी से टेलीग्राम और ऐसे दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर मिल जाती हैं। लेकिन एक दौर जब यह कारोबार सीडी और डीवीडी डिस्क के भरोसे था। तब भी सबसे ज्यादा ऐसे कैसेट्स पाकिस्तान से ही सप्लाई किए जाते थे।