Meena Kumari Death Anniversary: उस दिन मीना कुमारी को हो गया था एहसास, अब मौत करीब है? अस्पताल में बिस्तर पर पकड़ ली थी ये जिद्द

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Meena Kumari Death Anniversary: उस दिन मीना कुमारी को हो गया था एहसास, अब मौत करीब है? अस्पताल में बिस्तर पर पकड़ ली थी ये जिद्द


Meena Kumari Death Anniversary: उस दिन मीना कुमारी को हो गया था एहसास, अब मौत करीब है? अस्पताल में बिस्तर पर पकड़ ली थी ये जिद्द

बॉलिवुड की ट्रेजडी क्वीन महजबीन बानो उर्फ मीना कुमारी (Meena Kumari) ने आज के ही दिन इस दुनिया को अलविदा (Meena Kumari Death Anniversary) कह दिया था। महज 39 साल की उम्र में मीना कुमारी का 31 मार्च 1972 में निधन (Meena Kumari Death) हो गया था। उन्होंने हिंदी सिनेमा में खूब नाम कमाया और अभिनय को एक नई दिशा दी। मीना कुमारी ने ‘पाकीजा’, ‘बैजू बावरा’, ‘दिल अपना’ और ‘प्रीत पराई’, ‘मेरे अपने’, ‘बहू बेगम’ और ‘भाभी की चूड़ियां’ जैसी कई ऐसी फिल्मों के जरिए प्रोफेशनल लाइफ को तो चमका लिया था लेकिन निजी जिंदगी से वह जीत नहीं पाईं। उन्हें लाइफ में कभी प्यार हासिल नहीं हुआ। शादी तो हुई लेकिन कुछ साल बाद टूट गई और वह इस दर्द से निकलने के लिए शराब की लत में धंसती गईं। कहा जाता है कि शराब पीने की वजह से ही उन्हें लीवर संबंधी दिक्कते होने लगी और उनका निधन हो गया।

ऐसे बन गईं रातों-रात स्टार
60 के दशक में मीना कुमारी टॉप ऐक्ट्रेस हुआ करती थीं, उन्हें कास्ट करने के लिए निर्देशकों की लाइन लगा रहती थी। 33 साल के करियर में उन्होंने 92 से भी ज्यादा फिल्में की और ये फिल्म न केवल हिट हुई बल्कि हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने करियर की शुरुआत 4 साल की उम्र में की थी। साल 1952 में ‘बैजू बावरा’ (Baiju Bawra) से वह रातों-रात स्टार बन गईं।

मीना कुमारी की आखिरी फिल्म


मीना कुमारी की आखिरी फिल्म (Meena Kumari Last film) ‘पाकीजा’ और ‘गोमती के किनारे’ थी। ‘पाकीजा’ तो आज भी उनके करियर की बेस्ट फिल्म मानी जाती है तो ‘गोमती के किनारे’ उनकी मौत के बाद रिलीज हुई। वह अपने अंतिम दिनों में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही थीं। वह चाहती थीं कि वह बची हुईं फिल्मों का काम निपटा लें।

जब मीना कुमारी ने मौत को पहले ही भांप लिया था

tragedy queen Meena Kumari 3


मीना ने अपनी इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कई कड़े कदम भी उठाए। उन्होंने सभी फिल्मों का काम निपटा लिया लेकिन एक फिल्म थी जिसका काम अभी भी अधूरा रह गया था। जब मीना कुमारी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वह चाहती थीं कि उस अधूरी फिल्म ‘दुश्मन’ की शूटिंग निपटा दें। उन्होंने कहा कि वह जैसे ही ठीक हो जाएंगी तो सबसे पहले ‘दुश्मन’ की शूटिंग पूरा करेंगी। लेकिन मीना कुमारी ने शायद पहले ही भांप लिया था कि वह शायद अब ठीक नहीं हो पाएंगी और उन्होंने अस्पताल से ही फिल्म को पूरा करने की जिद्द बना ली।

आखिरी दिनों में की ये जिद्द

tragedy queen Meena Kumari


फिल्म ‘दुश्मन’ में एक दुल्हन का सीन फिल्माया जाना था। वहां मीना की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी। एक दिन फिल्ममेकर्स अस्पताल में मीना कुमारी से मिलने पहुंचे तो ऐक्ट्रेस ने कह दिया कि वह दुल्हन वाले सीन को क्यों न अस्पताल के बेड से ही शूट कर लें ताकि इस फिल्म का काम पूरा हो सके। मेकर्स ने मीना कुमारी की तबीयत के चलते उन्हें मना भी किया कि वह पहले एकदम स्वस्थ हो जाए और फिर वह इस फिल्म को पूरा कर लेंगे लेकिन मीना कुमारी नहीं मानी और उन्होंने कहा कि वह अस्पताल से ही इस शॉट को पूरा करेंगी।

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मीना कुमारी का आखिरी शॉट
मीना कुमारी की जिद्द के आगे किसी की न चली और फिर मेकर्स को अस्पताल के बेड पर ही फिल्म के बचे सीन फिल्माए गए। कुछ दिन बाद ही मीना कुमारी का निधन हो गया और वह कभी लौट नहीं पाईं। माना जाता है कि दुश्मन फिल्म का वह शॉट उनकी जिंदगी का आखिरी सीन था।



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