Medical corruption in MP- चार महीने में 14 करोड़ की दवाएंं बेचकर फर्जी कंपनियों से कमाए पांच करोड़ रुपए | Medicines bought by making fake companies | Patrika News h3>
अस्पताल प्रबंधन ने न केवल शेल कंपनियों का गठन किया, बल्कि महज चार महीने में ही गरीब मरीजों को 14 करोड़ रुपए की दवाएं बेच दीं। जिससे पांच करोड़ का मुनाफा भी कमाया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लोकायुक्त में भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
शेल कंपनियों के नाम से हुए फर्जी बिल पास: शिकायत में कहा गया कि अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शेल कंपनियों का गठन किया गया और करीब आठ करोड़ रुपए का गबन किया।
इन कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपए के आयकर और जीएसटी की चोरी की गई। आधिकारियों द्वारा दिव्यज्ञान फार्मास्युटिकल, वियोदमान इंटरप्राइजेज, पीपी इंटरप्राइजेज, गोल्ड एंड गोल्ड इंटरप्राइजेज और आशिर्वाद इंटरप्राइजेज नाम की कंपनियां तैयार कीं। इनके बिलों में भारी गड़बड़ी सामने आई है।
अवांट््स कैंसर सपोर्ट फाउंडेशन में करोड़ों की खरीद फरोख्त: शिकायकर्ता रिटा. मेजर जनरल रावत के मुताबिक अस्पताल की सीईओ ने बेटे धनंजय पाराशर के नाम से अवांट््स कैंसर सपोर्ट फाउंडेशन नाम से कंपनी का गठन किया। कंपनी ने चार महीने में ही मरीजों को करीब 14 करोड़ की दवाएं बेच कर 4.6 करोड़ रुपए का भारीभरकम मुनाफा भी कमाया।
दवा के लिए बनाई गई कंपनी में करीब तीन करोड रुपए का इनकम टैक्स तथा जीएसटी की राशि बकाया है। आशंका जताई गई है कि मामला सामने आने के बाद अवांट््स कंपनी के सारे दस्तावेज , कम्प्यूटर और अन्य सामग्री कंपनी के कार्यालय से हटाकर कहीं और रखवा दिए गए हैं।
इस तरह हुई कमाई
मद : दिसंबर 21 से जन 22 : फरवरी 22 : मार्च 22 : कुल
ओपन स्टॉक : 0.00 : 46683409.00 : 58683694.00 : 105367103.00
परचेस मेडिसिन : 96210519.00 : 44601312.00 : 14790573.00 : 155602404.00
सेल मेडिसिन : 62449450.00 : 37374085.00 : 40633440.00 : 140456975.00
क्लोज स्टॉक : 46683409.00 : 58683694.00 : 54318105.00 : 159685208.00
ग्रॉस प्रॉफिट : 12913000.00 : 4771258.00 : 29000141.00 : 46684399.00
ग्रॉस प्रॉफिट प्रतिशत में : 20.68% : 12.77% : 71.37% : 33.24%
परिवार को मिलता है एक करोड़ सालाना वेतन
शिकायत में कहा गया है कि धनंजय पाराशर ने इलेक्ट्रिक कार खरीदी जिसके चार्जिग स्टेशन के निर्माण का खर्च अस्पताल के व्यय पर किया जा रहा है। अस्पताल से प्राप्त पे स्लिप के मुताबिक दिव्या पाराशर को प्रतिमाह 2.80 लाख तो उनके भाई राकेश जोशी को 2.45 लाख रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। दवाई के लिए बनाई गई कंपनी में करीब तीन करोड़ रुपए का इंनकम टैक्स अब भी बकाया है।
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अस्पताल प्रबंधन ने न केवल शेल कंपनियों का गठन किया, बल्कि महज चार महीने में ही गरीब मरीजों को 14 करोड़ रुपए की दवाएं बेच दीं। जिससे पांच करोड़ का मुनाफा भी कमाया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लोकायुक्त में भी शिकायत दर्ज कराई गई है।
शेल कंपनियों के नाम से हुए फर्जी बिल पास: शिकायत में कहा गया कि अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शेल कंपनियों का गठन किया गया और करीब आठ करोड़ रुपए का गबन किया।
इन कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपए के आयकर और जीएसटी की चोरी की गई। आधिकारियों द्वारा दिव्यज्ञान फार्मास्युटिकल, वियोदमान इंटरप्राइजेज, पीपी इंटरप्राइजेज, गोल्ड एंड गोल्ड इंटरप्राइजेज और आशिर्वाद इंटरप्राइजेज नाम की कंपनियां तैयार कीं। इनके बिलों में भारी गड़बड़ी सामने आई है।
अवांट््स कैंसर सपोर्ट फाउंडेशन में करोड़ों की खरीद फरोख्त: शिकायकर्ता रिटा. मेजर जनरल रावत के मुताबिक अस्पताल की सीईओ ने बेटे धनंजय पाराशर के नाम से अवांट््स कैंसर सपोर्ट फाउंडेशन नाम से कंपनी का गठन किया। कंपनी ने चार महीने में ही मरीजों को करीब 14 करोड़ की दवाएं बेच कर 4.6 करोड़ रुपए का भारीभरकम मुनाफा भी कमाया।
दवा के लिए बनाई गई कंपनी में करीब तीन करोड रुपए का इनकम टैक्स तथा जीएसटी की राशि बकाया है। आशंका जताई गई है कि मामला सामने आने के बाद अवांट््स कंपनी के सारे दस्तावेज , कम्प्यूटर और अन्य सामग्री कंपनी के कार्यालय से हटाकर कहीं और रखवा दिए गए हैं।
इस तरह हुई कमाई
मद : दिसंबर 21 से जन 22 : फरवरी 22 : मार्च 22 : कुल
ओपन स्टॉक : 0.00 : 46683409.00 : 58683694.00 : 105367103.00
परचेस मेडिसिन : 96210519.00 : 44601312.00 : 14790573.00 : 155602404.00
सेल मेडिसिन : 62449450.00 : 37374085.00 : 40633440.00 : 140456975.00
क्लोज स्टॉक : 46683409.00 : 58683694.00 : 54318105.00 : 159685208.00
ग्रॉस प्रॉफिट : 12913000.00 : 4771258.00 : 29000141.00 : 46684399.00
ग्रॉस प्रॉफिट प्रतिशत में : 20.68% : 12.77% : 71.37% : 33.24%
परिवार को मिलता है एक करोड़ सालाना वेतन
शिकायत में कहा गया है कि धनंजय पाराशर ने इलेक्ट्रिक कार खरीदी जिसके चार्जिग स्टेशन के निर्माण का खर्च अस्पताल के व्यय पर किया जा रहा है। अस्पताल से प्राप्त पे स्लिप के मुताबिक दिव्या पाराशर को प्रतिमाह 2.80 लाख तो उनके भाई राकेश जोशी को 2.45 लाख रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है। दवाई के लिए बनाई गई कंपनी में करीब तीन करोड़ रुपए का इंनकम टैक्स अब भी बकाया है।
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