MCD Election : दिल्ली एमसीडी चुनाव का ऐलान होने वाला है, समझिए राजधानी में रहने वालों के लिए क्यों है महत्वपूर्ण h3>
नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम 10 मार्च को आने के बाद दिल्ली में एक चुनाव पर सबकी नजरें टिकने वाली हैं। जी हां, यह एमसीडी चुनाव (Municipal Corporation of delhi) है, जो अप्रैल में होना है। हालांकि यहां के नतीजों से दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार पर असर या समीकरण तो नहीं निकलते, पर राजधानी होने के नाते यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। वैसे भी, दिल्ली सरकार और एमसीडी के नतीजों में जनता का अलग रुख दिखाई देता है।
यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्लीवालों के लिए लोकसभा, विधानसभा चुनाव के बाद तीसरा सबसे महत्वपूर्ण चुनाव एमसीडी का है। साफ-सफाई जैसी बेहद जरूरी सुविधाओं के लिए एमसीडी ही जिम्मेदार होती है। अक्सर आपने भाजपा, कांग्रेस और AAP के नेताओं की जुबान से एमसीडी का जिक्र होते सुना होगा। जल्दी ही दिल्ली एमसीडी के चुनाव होने वाले हैं। वोट डालने से पहले आपको जानना चाहिए कि एमसीडी क्यों महत्वपूर्ण है और इसके काम क्या होते हैं?
पहले पूरा स्ट्रक्चर समझिए
दिल्ली में तीन एमसीडी है। नई दिल्ली महानगरपालिका, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और दिल्ली नगर निगम। इसमें दिल्ली नगर निगम पर राजधानी के 11 जिलों में से 8 की नागरिक सेवाओं से जुड़े कामकाज की जिम्मेदारी होती है। दिल्ली नगर निगम भी तीन निकायों में बंटा हुआ है- उत्तरी दिल्ली नगर निगम यानी नॉर्थ एमसीडी, दक्षिण दिल्ली नगर निगम यानी साउथ एमसीडी और पूर्व दिल्ली नगर निगम यानी ईस्ट एमसीडी।
अब काम के बारे में जान लीजिए
MCD के पास दिल्ली के कई अहम व्यवस्थाओं को संभालने की जिम्मेदारी है। सार्वजनिक स्थानों की देखरेख और विकास, स्वच्छता सुविधाएं, परिवहन सेवा, स्कूल और कॉलेज का संचालन, स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं, जनता से कर वसूली, टाउन प्लानिंग जैसी कई सुविधाएं और कामकाज एमसीडी को करने होते हैं।
दिल्ली के तीनों नगर निगम चुनाव 2022 के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी हो गए हैं। जल्द ही तारीखों का ऐलान हो सकता है। उसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी। कोरोना संक्रमण के चलते कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद एमसीडी चुनाव समय पर होने को लेकर कोई आशंका नहीं बची है। हालांकि दिल्ली में कोविड नियमों से छूट भले ही मिल गई हो, लेकिन MCD चुनाव में नियम हावी रहेंगे। चुनाव आयोग के अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि 2017 में एक पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की जितनी संख्या थी, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस बार उतनी नहीं होगी। हर पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की अधिकतम संख्या 1250 रखने का निर्देश दिया गया है। पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की संख्या 5 जनवरी को आई फाइनल वोटर लिस्ट के आधार पर तय की जाएगी। पोलिंग स्टेशन एक किमी के दायरे में होंगे। इस बार 1600 पोलिंग स्टेशन बनाए जा सकते हैं। पिछली बार 2017 में 13,234 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे और वोटरों की संख्या 1500 रखी गई थी।
एमसीडी चुनाव अप्रैल में होने वाले हैं। 272 वार्डों में पोलिंग स्टेशन बनाने के लिए 72 रिटर्निंग अफसर बनाए गए हैं। नॉर्थ एमसीडी के 104 वार्डों के लिए 28, साउथ एमसीडी के इतने वार्डों के लिए 28 और ईस्ट एमसीडी के 64 वार्डों के लिए 16 रिटर्निंग अफसर नियुक्त किए गए हैं।
खर्च की सीमा बढ़ी
राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के तीन नगर निगमों के चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी है। पहले यह 5.75 लाख रुपये था, जो इस बार बढ़कर आठ लाख रुपये कर दिया गया है। शहर के तीनों नगर निगमों- उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के खर्च की अधिकतम सीमा आठ लाख रुपये तय की गई है।
दिल्ली के तीनों नगर निगमों में पिछले डेढ़ दशक से भाजपा का कब्जा है। पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीतने वाली आम आदमी पार्टी इस बार अपने लिए बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। अब देखना यह होगा कि भाजपा अपना दबदबा बनाए रखती है या फिर केजरीवाल की पार्टी AAP का जादू एमसीडी में भी दिखाई देता है। पार्टियों ने प्रचार के साथ अपनी रणनीति तैयार करनी भी शुरू कर दी है।
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पहले पूरा स्ट्रक्चर समझिए
दिल्ली में तीन एमसीडी है। नई दिल्ली महानगरपालिका, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और दिल्ली नगर निगम। इसमें दिल्ली नगर निगम पर राजधानी के 11 जिलों में से 8 की नागरिक सेवाओं से जुड़े कामकाज की जिम्मेदारी होती है। दिल्ली नगर निगम भी तीन निकायों में बंटा हुआ है- उत्तरी दिल्ली नगर निगम यानी नॉर्थ एमसीडी, दक्षिण दिल्ली नगर निगम यानी साउथ एमसीडी और पूर्व दिल्ली नगर निगम यानी ईस्ट एमसीडी।
अब काम के बारे में जान लीजिए
MCD के पास दिल्ली के कई अहम व्यवस्थाओं को संभालने की जिम्मेदारी है। सार्वजनिक स्थानों की देखरेख और विकास, स्वच्छता सुविधाएं, परिवहन सेवा, स्कूल और कॉलेज का संचालन, स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं, जनता से कर वसूली, टाउन प्लानिंग जैसी कई सुविधाएं और कामकाज एमसीडी को करने होते हैं।
दिल्ली के तीनों नगर निगम चुनाव 2022 के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी हो गए हैं। जल्द ही तारीखों का ऐलान हो सकता है। उसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी। कोरोना संक्रमण के चलते कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद एमसीडी चुनाव समय पर होने को लेकर कोई आशंका नहीं बची है। हालांकि दिल्ली में कोविड नियमों से छूट भले ही मिल गई हो, लेकिन MCD चुनाव में नियम हावी रहेंगे। चुनाव आयोग के अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि 2017 में एक पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की जितनी संख्या थी, कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस बार उतनी नहीं होगी। हर पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की अधिकतम संख्या 1250 रखने का निर्देश दिया गया है। पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की संख्या 5 जनवरी को आई फाइनल वोटर लिस्ट के आधार पर तय की जाएगी। पोलिंग स्टेशन एक किमी के दायरे में होंगे। इस बार 1600 पोलिंग स्टेशन बनाए जा सकते हैं। पिछली बार 2017 में 13,234 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे और वोटरों की संख्या 1500 रखी गई थी।
एमसीडी चुनाव अप्रैल में होने वाले हैं। 272 वार्डों में पोलिंग स्टेशन बनाने के लिए 72 रिटर्निंग अफसर बनाए गए हैं। नॉर्थ एमसीडी के 104 वार्डों के लिए 28, साउथ एमसीडी के इतने वार्डों के लिए 28 और ईस्ट एमसीडी के 64 वार्डों के लिए 16 रिटर्निंग अफसर नियुक्त किए गए हैं।
खर्च की सीमा बढ़ी
राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली के तीन नगर निगमों के चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी है। पहले यह 5.75 लाख रुपये था, जो इस बार बढ़कर आठ लाख रुपये कर दिया गया है। शहर के तीनों नगर निगमों- उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के खर्च की अधिकतम सीमा आठ लाख रुपये तय की गई है।
दिल्ली के तीनों नगर निगमों में पिछले डेढ़ दशक से भाजपा का कब्जा है। पिछले तीन विधानसभा चुनाव जीतने वाली आम आदमी पार्टी इस बार अपने लिए बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। अब देखना यह होगा कि भाजपा अपना दबदबा बनाए रखती है या फिर केजरीवाल की पार्टी AAP का जादू एमसीडी में भी दिखाई देता है। पार्टियों ने प्रचार के साथ अपनी रणनीति तैयार करनी भी शुरू कर दी है।
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