Maruti Suzuki CNG: सियाज और बलेनो जैसी कारों का आएगा सीएनजी वैरिएंट! जानिए क्या तैयारी कर रही है मारुति सुजुकी

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Maruti Suzuki CNG: सियाज और बलेनो जैसी कारों का आएगा सीएनजी वैरिएंट! जानिए क्या तैयारी कर रही है मारुति सुजुकी

Maruti Suzuki CNG: सियाज और बलेनो जैसी कारों का आएगा सीएनजी वैरिएंट! जानिए क्या तैयारी कर रही है मारुति सुजुकी

चेन्नई: मारुति सुजुकी आने वाले दिनों में सीएनजी गाड़ियों पर फोकस बढ़ाने की तैयारी में है। अभी मारुति के 9 मॉडल सीएनजी में आते हैं। कंपनी ने इस वित्त वर्ष में फरवरी तक करीब 2.35 लाख गाड़ियां बेच दी हैं। उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की सीएनजी गाड़ियों की कुल सेल 2.5 लाख यूनिट तक पहुंच सकती है। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी ने करीब 1.63 लाख सीएनजी गाड़ियां बेची थीं।

कोरोना काल से पहले मारुति सीएनजी की सेल्स काफी धीमी थी। वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी ने 1 लाख सीएनजी यूनिट बेची थीं, जो वित्त वर्ष 2019-20 तक बढ़कर सिर्फ 1.06 लाख यूनिट हुई। लेकिन अब महंगे डीजल-पेट्रोल और पहले की तुलना में अधिक सीएनजी स्टेशन की वजह से कंपनी की सीएनजी गाड़ियों की सेल बढ़ी है। कंपनी के मार्केटिंग और सेल्स के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव कहते हैं कि अगले साल तक सीएनजी गाड़ियों की सेल्स में तगड़ी तेजी देखने को मिलेगी।

सीएनजी गाड़ियों की मांग भी एक अहम रोल अदा कर रही है, जिनका वेटिंग पीरियड भी काफी है। पेट्रोल कारों के मॉडल के लिए अभी करीब 6-7 हफ्तों का वेटिंग पीरियड चल रहा है। वहीं सीएनजी गाड़ियों का वेटिंग पीरियड 10-12 हफ्तों का हो गया है। मारुति की कुल बुकिंग अभी करीब 2.9 लाख यूनिट है, जो 7-8 हफ्तों के कंपनी की तरफ से होने वाले कुल प्रोडक्शन के बराबर है।

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मारुत ने मंगलवार को कहा कि करीब 10 साल पहले तक कंपनी की सीएनजी गाड़ियों की सेल्स सिर्फ 16 हजार यूनिट थी, जो आज के वक्त में बढ़कर 10 लाख के करीब हो गई है। मारुति के सीएनजी पोर्टफोलियो में अल्टो, एस-प्रेसो, वेगनआर, सेलेरियो, डिजायर, अर्टिगा, ईको, सुपर कैरी और टूर एस जैसी गाड़ियां शामिल हैं। यह भी सुनने में आ रहा है कि जल्द ही कंपनी की सियाज और बलेनो का भी सीएनजी वर्जन आ सकता है। अभी देश में करीब 3700 सीएनजी स्टेशन हैं और सरकार अगले कुछ सालों में इसे बढ़ाकर 10 हजार तक करने की योजना बना रही है।

मारुति का ओवरऑल प्रोडक्शन लेवल अभी 90 फीसदी लेवल पर है। चिप की कमी के चलते अभी भी कंपनी 100 फीसदी लेवल पर काम नहीं कर रही है। शशांक श्रीवास्तव के अनुसार सितंबर में कंपनी 40 फीसदी, अक्टूबर में 60 फीसदी, नवंबर में 83 फीसदी, दिसंबर में 90 फीसदी, जनवरी में 92 फीसदी और फरवरी में 93-94 फीसदी लेवल पर काम कर रही थी। कंपनी को उम्मीद है कि मार्च के अंत तक कंपनी 100 फीसदी का लेवल हासिल कर लेगी।

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