नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा को शुरू हुए काफी समय हो चुका है. जितने ज्यादा श्रद्धालु इस यात्रा के शुरू होने को लेकर उत्सुक थे उतना अब थोड़े हताश है क्योंकि शुरुआत के बाद अब जम्मू-कश्मीर में लगातार भारी बारिश हो रही है. इसके चलते कई भूस्खलन की घटनाएं सामने आई है. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने भक्तों के जत्थे को कैम्पों में रोक दिया है. हालांकि लगातार हो रही तेज मूसलाधार बारिश के चलते सभी बेस कैंप में ही रुके है.
आज तक और इंडिया टुडे ने जब इन कैम्पों का मुआयना किया तो यह जानने की कोशिश की कि देशभर से आए अमरनाथ यात्रा के दर्शन को लेकर यह भक्त भारी बारिश के बाद भी कैसे कैम्पों में रुके हूं है. बेस कैंप में ठहरे श्रद्धालुओं की लाइफ मौसम के बिगड़ते मिजाज़ के बाद काफी अलग है. बाबा के श्रद्धालुओं पर मौसम के खराब होने को लेकर कोई खौफ नहीं दिख रहा है. उनके उत्साह बिलकुल भी कम नहीं हुआ है.
लेकिन तीर्थयात्री कैम्प में प्रशासन भक्तों की परेशानियों के निपटने की तमाम कोशिश में जुटा पड़ा है. इनकी सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है. इस दौरान यात्रियों के लिए लंगर का भी प्रबंध किया गया है. जानकारी के अनुसार, कई लोगों लंगर के द्वारा भी भक्तों की मदद करते दिख रहें है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश के चलते भगवती नगर यात्री निवास से घाटी की ओर किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी गई है. बहरहाल, सभी श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए यात्रा का दोबारा शुरू होने का इंतजार कर रहें है.
बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा को रोका
आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा 28 जून को शुरू हुई थी. पर भारी बारिश की वजह से सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी है. वहीं बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा को रोकना पड़ा गया है. ये ही नहीं कुछ जगहों पर यात्रा का रूट भी बह गया है. बता दें कि 60 दिन की अमरनाथ यात्रा के लिए अभी तक दो लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा.
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