मल्लिका शेरावत बोलीं- एक बड़े सुपर स्टार आधी रात को मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया करते थे
अपनी बोल्ड इमेज के लिए फेमस रहीं मल्लिका शेरावत एक बार फिर बड़े पर्दे पर लौट रही हैं, फिल्म का नाम है RK/RAY और बॉलीवुड के शानदार डायरेक्टर और एक्टर में गिने जानेवाले रजत कपूर ने बनाया है। यह फिल्म 22 जुलाई को रिलीज़ हो रही है, लेकिन इससे पहले मल्लिका शेरावत ने अपनी इस फिल्म के अलावा अपनी बोल्ड इमेज और इसके कारण होनेवाले नुकसान, परिवार का साथ छूटना, लाइफ में हीनता के पल जैसे कई अलग-अलग मुद्दों पर बिंदास होकर बातें कीं। आइए, आप भी पढ़िए, उनकी लाइफ का वो हिस्सा जो उन्होंने खुलकर बताया है।
आप इंडस्ट्री में बेबाक बोल्डनेस लेकर आईं। इतनी निडरता कहां से आई आपमें?
मैं हरियाणा से हूं और जाट हूं, तो निडरता मेरे डीएनए में है। शुरू से ही मैं बागी प्रवृत्ति की थी और जब परिवार ने मुझसे कहा कि तुम अभिनेत्री नहीं बन सकती, तो मैंने बगावत की कि मुझे तो बनना है। मैंने फिलॉसफी में ग्रैजुएशन की है। उस दौरान मैं स्वामी विवेकानंद को बहुत पढ़ा करती थी और वह कहा करते थे कि फॉलो योर ड्रीम्स। अगर तुम अपने सपनों का लगातार पीछा करोगे, तो वे सचाई में बदल जाएंगे। 18-19 साल की उस उम्र में वह बात मेरे जेहन में कील की तरह गड़ गई, तो मैंने अपने सपनों का पीछा किया। मेरे पिता ने कहा कि हमारा सरनेम इस्तेमाल करने का तुम्हें कोई हक नहीं है। मैं तुम्हें बेदखल करता हूं, तो मैंने कहा कि ठीक है, मैं अपनी मां का नाम लगाऊंगी। मैं अटैची पैक करके आ गई मुंबई। भट्ट साहब (फिल्मकार महेश भट्ट) ने जब मुझे फिल्म मर्डर में काम दिया, तो उस वक्त मेरे जेहन में ये कभी नहीं आया कि ये बहुत बोल्ड रोल है। उन्होंने जब मुझसे इंटिमेट और किसिंग सीन की बात कही, तो मुझे भी लगा कि हम कब तक इस तरह के अंतरंग दृश्यों में बिजली कड़काएंगे या फूलों को मिलाएंगे? मैंने भीगे होंठ गाना किया और मुझे कभी नहीं लगा कि वह वल्गर था। मैं अपने किए पर शर्मिंदा नहीं होती।
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बोल्ड इमेज का आपको कितना खामियाजा भुगतना पड़ा?
काफी खामियाजा भुगतना पड़ा। मेरा चरित्र हनन किया गया कि मल्लिका बदचलन है। वह भारतीय संस्कृति को दागदार कर रही है। मेरे पुतले जलाए गए, मुझे गोली से मार देने की धमकी मिली। वह दौर मेरे लिए बहुत ही मुश्किल था। उस वक्त मैं बहुत अकेली पड़ गई थी। मेरे बारे में इतनी अजीब-अजीब खबरें फैलाई जाती रहीं हैं। हाल ही में मैंने कहीं पढ़ा कि रोल्स रॉयस कार वालों ने मुझे कार बेचने से मना किया। फिर मेरा नाम किसी बिजनेसमैन से जोड़ा गया। इस तरह के हैरेसमेंट और बुलिंग का सामना मुझे लगातार करते रहना पड़ा है। ये सारी प्रताड़ना मुझे पुरुषों से नहीं महिलाओं से मिलीं। मर्दों को मुझसे कभी प्रॉब्लम नहीं हुई।
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आज महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या क्या है?
पितृसत्तात्मक सोच आज महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है। उससे भी बड़ा मसला ये है कि दुर्भाग्य से पितृसत्तात्मक सोच की झंडाबरदार औरतें ही हैं। औरतें अगर औरतों से दुश्मनी निभाना छोड़ दें और उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दें, तो महिलाओं की कई समस्याएं हल हो जाएंगी।
आप RK/RAY जैसी फिल्म का हिस्सा बनने को क्यों प्रेरित हुईं?
मैं रजत कपूर (फिल्म के ऐक्टर-लेखक) की फैन हूं। उनकी फिल्म आंखों देखी मेरी पसंदीदा है। उन्होंने इस फिल्म में मुझे गुलाबो का किरदार सुनाया, तो मैंने कहा कि मैं ही गुलाबो हूं। इस रोल को और कोई कर ही नहीं सकता। गुलाबो का चरित्र बड़ा रोचक है। वैसे मैं इसमें नेहा नाम की फिल्म स्टार बनी हूं, जो फिल्म में गुलाबो नाम का किरदार अदा करती है। गुलाबो फिफ्टीज और सिक्टीज की हीरोइन पर आधारित है। इस रोल के लिए मैंने वहीदा रहमान, मीना कुमारी और हेमा मालिनी जी पर काफी रिसर्च की।
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करियर में भी आपको बोल्ड इमेज की कीमत चुकानी पड़ी?
बहुत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ी। बॉलिवुड के जितने भी बड़े स्टार्स थे, वे प्राइवेटली मुझे मेसेज करते थे कि मुझसे मिलने आओ। वे रात को तीन बजे भी मुझसे मिलने को राजी थे। मगर दुनिया के सामने वे मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे, क्योंकि वे जानते थे कि वे मुझ पर कंट्रोल नहीं कर सकते। मैंने उनके साथ कॉम्प्रोमाइज कभी नहीं किया। मैं जाट हूं न मुझमें सेल्फ रिस्पेक्ट बहुत है। मुझे ये सब नहीं करना था। मैं किसी को जज नहीं कर रही, मगर मेरे समय की ज्यादातर बड़ी अभिनेत्रियों ने इस मामले में समझौता किया। इंडस्ट्री इसी तरह से काम करती है। अगर कोई अभिनेत्री ये कहती है कि ऐसा नहीं है, ये झूठ है, तो वे खुद झूठ बोल रही हैं। आप जब तक बड़े स्टार्स के साथ कॉम्प्रोमाइज नहीं करोगे, तब तक वे आपके साथ काम नहीं करेंगे। मैं दुबई में शूटिंग कर रही थी। फिल्म का नाम नहीं लूंगी मैं, मगर एक बहुत बड़े सुपर स्टार आधी रात को मेरे रूम का दरवाजा ठकठकाते थे। मैंने ये सारा हैरेसमेंट सहा, मगर समझौता नहीं किया।
मैं हरियाणा से हूं और जाट हूं, तो निडरता मेरे डीएनए में है। शुरू से ही मैं बागी प्रवृत्ति की थी और जब परिवार ने मुझसे कहा कि तुम अभिनेत्री नहीं बन सकती, तो मैंने बगावत की कि मुझे तो बनना है। मैंने फिलॉसफी में ग्रैजुएशन की है। उस दौरान मैं स्वामी विवेकानंद को बहुत पढ़ा करती थी और वह कहा करते थे कि फॉलो योर ड्रीम्स। अगर तुम अपने सपनों का लगातार पीछा करोगे, तो वे सचाई में बदल जाएंगे। 18-19 साल की उस उम्र में वह बात मेरे जेहन में कील की तरह गड़ गई, तो मैंने अपने सपनों का पीछा किया। मेरे पिता ने कहा कि हमारा सरनेम इस्तेमाल करने का तुम्हें कोई हक नहीं है। मैं तुम्हें बेदखल करता हूं, तो मैंने कहा कि ठीक है, मैं अपनी मां का नाम लगाऊंगी। मैं अटैची पैक करके आ गई मुंबई। भट्ट साहब (फिल्मकार महेश भट्ट) ने जब मुझे फिल्म मर्डर में काम दिया, तो उस वक्त मेरे जेहन में ये कभी नहीं आया कि ये बहुत बोल्ड रोल है। उन्होंने जब मुझसे इंटिमेट और किसिंग सीन की बात कही, तो मुझे भी लगा कि हम कब तक इस तरह के अंतरंग दृश्यों में बिजली कड़काएंगे या फूलों को मिलाएंगे? मैंने भीगे होंठ गाना किया और मुझे कभी नहीं लगा कि वह वल्गर था। मैं अपने किए पर शर्मिंदा नहीं होती।
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बोल्ड इमेज का आपको कितना खामियाजा भुगतना पड़ा?
काफी खामियाजा भुगतना पड़ा। मेरा चरित्र हनन किया गया कि मल्लिका बदचलन है। वह भारतीय संस्कृति को दागदार कर रही है। मेरे पुतले जलाए गए, मुझे गोली से मार देने की धमकी मिली। वह दौर मेरे लिए बहुत ही मुश्किल था। उस वक्त मैं बहुत अकेली पड़ गई थी। मेरे बारे में इतनी अजीब-अजीब खबरें फैलाई जाती रहीं हैं। हाल ही में मैंने कहीं पढ़ा कि रोल्स रॉयस कार वालों ने मुझे कार बेचने से मना किया। फिर मेरा नाम किसी बिजनेसमैन से जोड़ा गया। इस तरह के हैरेसमेंट और बुलिंग का सामना मुझे लगातार करते रहना पड़ा है। ये सारी प्रताड़ना मुझे पुरुषों से नहीं महिलाओं से मिलीं। मर्दों को मुझसे कभी प्रॉब्लम नहीं हुई।
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आज महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या क्या है?
पितृसत्तात्मक सोच आज महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है। उससे भी बड़ा मसला ये है कि दुर्भाग्य से पितृसत्तात्मक सोच की झंडाबरदार औरतें ही हैं। औरतें अगर औरतों से दुश्मनी निभाना छोड़ दें और उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दें, तो महिलाओं की कई समस्याएं हल हो जाएंगी।
आप RK/RAY जैसी फिल्म का हिस्सा बनने को क्यों प्रेरित हुईं?
मैं रजत कपूर (फिल्म के ऐक्टर-लेखक) की फैन हूं। उनकी फिल्म आंखों देखी मेरी पसंदीदा है। उन्होंने इस फिल्म में मुझे गुलाबो का किरदार सुनाया, तो मैंने कहा कि मैं ही गुलाबो हूं। इस रोल को और कोई कर ही नहीं सकता। गुलाबो का चरित्र बड़ा रोचक है। वैसे मैं इसमें नेहा नाम की फिल्म स्टार बनी हूं, जो फिल्म में गुलाबो नाम का किरदार अदा करती है। गुलाबो फिफ्टीज और सिक्टीज की हीरोइन पर आधारित है। इस रोल के लिए मैंने वहीदा रहमान, मीना कुमारी और हेमा मालिनी जी पर काफी रिसर्च की।
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करियर में भी आपको बोल्ड इमेज की कीमत चुकानी पड़ी?
बहुत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ी। बॉलिवुड के जितने भी बड़े स्टार्स थे, वे प्राइवेटली मुझे मेसेज करते थे कि मुझसे मिलने आओ। वे रात को तीन बजे भी मुझसे मिलने को राजी थे। मगर दुनिया के सामने वे मेरे साथ काम नहीं करना चाहते थे, क्योंकि वे जानते थे कि वे मुझ पर कंट्रोल नहीं कर सकते। मैंने उनके साथ कॉम्प्रोमाइज कभी नहीं किया। मैं जाट हूं न मुझमें सेल्फ रिस्पेक्ट बहुत है। मुझे ये सब नहीं करना था। मैं किसी को जज नहीं कर रही, मगर मेरे समय की ज्यादातर बड़ी अभिनेत्रियों ने इस मामले में समझौता किया। इंडस्ट्री इसी तरह से काम करती है। अगर कोई अभिनेत्री ये कहती है कि ऐसा नहीं है, ये झूठ है, तो वे खुद झूठ बोल रही हैं। आप जब तक बड़े स्टार्स के साथ कॉम्प्रोमाइज नहीं करोगे, तब तक वे आपके साथ काम नहीं करेंगे। मैं दुबई में शूटिंग कर रही थी। फिल्म का नाम नहीं लूंगी मैं, मगर एक बहुत बड़े सुपर स्टार आधी रात को मेरे रूम का दरवाजा ठकठकाते थे। मैंने ये सारा हैरेसमेंट सहा, मगर समझौता नहीं किया।