Maharashtra Politics: अडानी मामले की JPC से जांच का कोई मतलब नहीं, चर्चा में NCP प्रमुख शरद पवार का बदला रुख

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Maharashtra Politics: अडानी मामले की JPC से जांच का कोई मतलब नहीं, चर्चा में NCP प्रमुख शरद पवार का बदला रुख

Maharashtra Politics: अडानी मामले की JPC से जांच का कोई मतलब नहीं, चर्चा में NCP प्रमुख शरद पवार का बदला रुख


मुंबई: सियासी गलियों में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बदलते रुख की चर्चा है। वीर सावरकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर विपक्ष ने खूब हो-हल्ला मचाया, लेकिन पवार ने दोनों ही मामलों को ज्यादा तूल नहीं दिया, उल्टे दोनों मामले में बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दिए। अब अडानी मामले में भी पवार ने कांग्रेस सहित तमाम विरोधी दलों से अलग रुख अख्तियार किया है। इससे राजनीतिक महकमे में पवार एक बार फिर चर्चा में हैं। गौरतलब है कि अडानी-हिंडनबर्ग विवाद मामले को लेकर कांग्रेस सहित सभी विरोधी दल आक्रामक थे। सदन से लेकर सड़क तक विरोध हुआ, लेकिन पवार खामोश रहे। सोमवार को पवार ने साफ किया कि अडानी मामले की जेपीसी से जांच कराने का कोई मतलब नहीं है।

विपक्ष ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को आवश्यकता से अधिक महत्व दिया, जबकि इस फर्म का बैकग्राउंड किसी को भी नहीं पता। हमने तो इनका नाम तक नहीं सुना है। पवार ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से बनाए गए नैरटिव की आलोचना की। शरद पवार ने आगे कहा कि ऐसा लगता है, इस मामले में एक इंडस्ट्रियल ग्रुप को टारगेट किया गया है, लेकिन जेपीसी बनाने से मामला नहीं सुलझेगा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से ही सच्चाई देश के सामने आएगी।

अडानी-अंबानी पर हमला किया जा रहा
पवार ने अडानी समूह की तुलना टाटा-बिरला से करते हुए कहा कि जब हम राजनीति में आए थे, तब सरकार पर हमला करने के लिए टाटा-बिरला पर हमले करते थे। बाद में पता चला कि टाटा का इस देश में कितना योगदान है। आज-कल टाटा-बिरला की जगह अडानी-अंबानी पर हमला किया जा रहा है, जबकि बिजली क्षेत्र में अडानी का अहम योगदान है और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में अंबानी का योगदान है।

फडणवीस से उद्धव माफी मांग लें, वे माफ कर देंगे: पाटील
महाराष्ट्र बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और शिंदे-फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील ने अपने बयान में उद्धव और बीजेपी को करीब लाने का संकेत दिया है। पाटील ने कहा कि राजनीति में दरवाजे हमेशा के लिए बंद नहीं किए जाते। हिंदुत्व के लिए हमने उनसे (उद्धव ठाकरे ) साथ आने की मांग की थी। साथ ही पाटील ने यह भी कहा कि हमारे नेताओं के दिल बड़े हैं। फडणवीस से माफी मांग लें, वे माफ कर देंगे।

कोल्हापुर में पाटील ने कहा कि हिंदुत्व के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे को एक हो जाना चाहिए। अगर मुझे आदेश मिलता है, तो मैं दोनों को साथ लाने की पहल करूंगा। पाटील के बयान पर शिंदे सेना के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि वो ऐसा करके देख लें, बड़े लोगों के बीच में मैं कुछ ज्यादा कहना नहीं चाहता। मोदी के कहने पर भी ठाकरे साथ नहीं आए।

‘पीएम बड़े दिलवाले’
बीजेपी के पाटील ने यह भी कहा कि शरद पवार ने कई राजनेताओं का करियर ध्वस्त किया है। माफी की बात को लेकर दीपक केसरकर ने भी दोहराया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अगर उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ की गई अपनी वादाखिलाफी के लिए माफी मांग लें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े दिल से उन्हें माफ कर देंगे।

शिंदे कल अयोध्या में
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 9 अप्रैल को अयोध्या का दौरा कर प्रभु श्रीरामचंद्र के दर्शन करेंगे। अपने अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री अयोध्या जा रहे हैं।

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