Maharashtra Political Crisis: गुवाहाटी से ‘चौपाटी’ आए बगैर गिर सकती है उद्धव सरकार, क्या है बीजेपी का ‘महा’ गेमप्लान? h3>
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) का सियासी घमासान अब एक निर्णायक मोड़ पर आता हुआ नजर आ रहा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बागी गुट को जहां निराशा हाथ लगी वहीं बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक बागी विधायकों पर किसी तरह के एक्शन के खिलाफ रोक लगा दी है। दूसरी तरफ अब इस बात की भी संभावना काफी ज्यादा बढ़ गई है कि आने वाले दिनों में बागी गुट महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) के पास बहुमत साबित करने के लिए चिट्ठी भेज सकता है। या खुद राज्यपाल उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। अभी तक हो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) या फिर उनके नेताओं की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि बागी गुट को फ्लोर टेस्ट के लिए मुंबई (Mumbai) आना पड़ेगा।
अगर वह लोग मुंबई आते हैं तो बागी गुट के कई विधायक दोबारा शिवसेना (Shivsena) में शामिल हो जाएंगे। हालांकि जिस रफ्तार से शिंदे कैंप में बागी विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। उससे इस बात की संभावना काफी कम है कि बागी विधायक फिर से शिवसेना में शामिल होंगे।
बीजेपी की पैनी नजर
इस पूरे प्रकरण में भले ही बीजेपी ने अपने आप को अलग रखा है। लेकिन उसकी महाराष्ट्र की मौजूदा सियासत पर काफी पैनी नजर है। बीजेपी के नेता यह तो कह रहे हैं कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे। लेकिन इस बात की काफी संभावना है कि खुद एकनाथ शिंदे, राज्यपाल को यह खत लिख कर कहें कि मौजूदा महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। यदि ऐसा होता है तो अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के साथ ही वोटिंग की नौबत भी आ जाएगी। तब एमवीए सरकार की मुसीबत बढ़ सकती है।
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना की इस हालत के लिए क्या संजय राउत जिम्मेदार? देखिए क्या कह रहे राजनीतिक विश्लेषक
गुवाहाटी में बैठकर बहुमत साबित होगा?
एकनाथ शिंदे शिवसेना के 39 विधायकों समेत 50 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि बहुत जल्द ठाकरे सरकार को बहुमत साबित करने के लिए सदन में चुनौती दी जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो क्या ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे कैंप के बागी विधायकों को गुवाहाटी में रहकर ही बहुमत साबित करने का मौका मिलेगा? इस तरह का सवाल फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने इस विषय पर संविधान के जानकार और वरिष्ठ वकील डॉ सुरेश माने से बातचीत की।
डॉ. माने ने बताया कि अगर एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से राज्यपाल के पास बहुमत साबित करने का दावा पेश किया जाता है। तब यह अनिवार्य हो जाएगा कि सभी विधायक महाराष्ट्र विधान सभा में मौजूद रहें। उनकी मौजूदगी के बगैर बहुमत साबित नहीं हो सकता। हर एक विधायक को सदन में मौजूद रहना अनिवार्य होता है। ऐसे में यह सवाल अपने आप खत्म हो जाता है कि गुवाहाटी में बैठकर कोई महाराष्ट्र सरकार के बहुमत को चुनौती दे सकता है। अगर चुनौती देनी है तो उन्हें सदन में आना लाजमी होगा।
अविश्वाश प्रस्ताव के लिए क्या नियम
राज्य के मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी खुद ठाकरे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। या फिर बागी एकनाथ शिंदे गुट राज्यपाल को इस संबंध में चिट्ठी लिख सकता है। डॉ. माने ने बताया ऐसी सूरत में भी राज्यपाल सदन के डिप्टी स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने के लिए आग्रह करेंगे। सत्र बुलाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी वोटिंग होगी। इस मतदान प्रक्रिया में भी सभी विधायकों को सदन में रहना जरूरी होगा। ऐसे में 106 विधायकों और सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाली बीजेपी के लिए भी अविश्वास प्रस्ताव को पास करवा पाना टेढ़ी खीर साबित होगा। हालांकि यह कहा जाता है कि विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को 134 विधायकों का समर्थन मिला था।
बीजेपी का प्लान रेडी
दूसरी तरफ बीजेपी ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में कभी भी बड़ा सियासी बदलाव हो सकता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक नई सरकार की महाराष्ट्र में एंट्री हो सकती है। बीते कुछ दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर एक के बाद एक बैठकों का दौर शुरू है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो हम राज्य सरकार राज्य में शनिवार या रविवार तक नई सरकार की स्थापना की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं शिवसेना में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं।
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अगर वह लोग मुंबई आते हैं तो बागी गुट के कई विधायक दोबारा शिवसेना (Shivsena) में शामिल हो जाएंगे। हालांकि जिस रफ्तार से शिंदे कैंप में बागी विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। उससे इस बात की संभावना काफी कम है कि बागी विधायक फिर से शिवसेना में शामिल होंगे।
बीजेपी की पैनी नजर
इस पूरे प्रकरण में भले ही बीजेपी ने अपने आप को अलग रखा है। लेकिन उसकी महाराष्ट्र की मौजूदा सियासत पर काफी पैनी नजर है। बीजेपी के नेता यह तो कह रहे हैं कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे। लेकिन इस बात की काफी संभावना है कि खुद एकनाथ शिंदे, राज्यपाल को यह खत लिख कर कहें कि मौजूदा महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। यदि ऐसा होता है तो अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के साथ ही वोटिंग की नौबत भी आ जाएगी। तब एमवीए सरकार की मुसीबत बढ़ सकती है।
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गुवाहाटी में बैठकर बहुमत साबित होगा?
एकनाथ शिंदे शिवसेना के 39 विधायकों समेत 50 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि बहुत जल्द ठाकरे सरकार को बहुमत साबित करने के लिए सदन में चुनौती दी जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो क्या ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे कैंप के बागी विधायकों को गुवाहाटी में रहकर ही बहुमत साबित करने का मौका मिलेगा? इस तरह का सवाल फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन की टीम ने इस विषय पर संविधान के जानकार और वरिष्ठ वकील डॉ सुरेश माने से बातचीत की।
डॉ. माने ने बताया कि अगर एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से राज्यपाल के पास बहुमत साबित करने का दावा पेश किया जाता है। तब यह अनिवार्य हो जाएगा कि सभी विधायक महाराष्ट्र विधान सभा में मौजूद रहें। उनकी मौजूदगी के बगैर बहुमत साबित नहीं हो सकता। हर एक विधायक को सदन में मौजूद रहना अनिवार्य होता है। ऐसे में यह सवाल अपने आप खत्म हो जाता है कि गुवाहाटी में बैठकर कोई महाराष्ट्र सरकार के बहुमत को चुनौती दे सकता है। अगर चुनौती देनी है तो उन्हें सदन में आना लाजमी होगा।
अविश्वाश प्रस्ताव के लिए क्या नियम
राज्य के मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी खुद ठाकरे सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। या फिर बागी एकनाथ शिंदे गुट राज्यपाल को इस संबंध में चिट्ठी लिख सकता है। डॉ. माने ने बताया ऐसी सूरत में भी राज्यपाल सदन के डिप्टी स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने के लिए आग्रह करेंगे। सत्र बुलाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी वोटिंग होगी। इस मतदान प्रक्रिया में भी सभी विधायकों को सदन में रहना जरूरी होगा। ऐसे में 106 विधायकों और सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाली बीजेपी के लिए भी अविश्वास प्रस्ताव को पास करवा पाना टेढ़ी खीर साबित होगा। हालांकि यह कहा जाता है कि विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को 134 विधायकों का समर्थन मिला था।
बीजेपी का प्लान रेडी
दूसरी तरफ बीजेपी ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में कभी भी बड़ा सियासी बदलाव हो सकता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत तक नई सरकार की महाराष्ट्र में एंट्री हो सकती है। बीते कुछ दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर एक के बाद एक बैठकों का दौर शुरू है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक चलता रहा तो हम राज्य सरकार राज्य में शनिवार या रविवार तक नई सरकार की स्थापना की उम्मीद कर सकते हैं। वहीं शिवसेना में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं।
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