Maharashtra Number Game: शिंदे की बगावत… महाराष्ट्र में कैसे बन सकती है बीजेपी सरकार, इन समीकरणों पर टिका गेम h3>
मुंबई: देशभर की निगाहें इस वक्त महाराष्ट्र सरकार के सियासी संकट (Maharashtra government crisis) पर टिकी हुई हैं। शिवसेना विधायक और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत उद्धव ठाकरे सरकार पर भारी पड़ती नजर आ रही है। शिंदे कुछ दिनों से नाराज बताए चल रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने अपने साथ शिवसेना के 22 विधायकों को तोड़ लिया है जबकि सरकार को समर्थन दे रहे चार और विधायक उनके साथ आ गए हैं। इस तरह, सरकार को पूरे 26 विधायकों का घाटा हो गयाहै। हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी किसी तरह की हड़बड़ी के मूड में नहीं दिख रही है। पिछली बार 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। तब उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार को तोड़ लिया था। हालांकि, एनसीपी चीफ शरद पवार ने तब बाजी पलट दी थी। बीजेपी उसी दिन को याद करके अभी वेट एंड वॉच की स्ट्रैटिजी अपना रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा का गणित समझिए
कुल विधायकों की संख्या- 288
बीजेपी- 106
शिवसेना- 55
एनसीपी- 52
कांग्रेस- 44
अन्य+ निर्दलीय- 30
महाविकास अघाड़ी के पास कितने नंबर
एकनाथ शिंदे की बगावत से पहले उद्धव सरकार के पास कुल मिलाकर 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त था। इसमें शिवसेना के पास 55, एनसीपी के पास 52 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के 2, पीजपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था। फिलहाल 21 से ज्यादा विधायक शिंदे का साथ सूरत में हैं, जिसमें निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। वहीं, AIMIM के दो, सीपीएम के 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल है।
बीजेपी के पास 113 का आंकड़ा
बीजेपी के पास खुद के 106 विधायक हैं। आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।
बहुमत का जादुई आंकड़ा- 145 (दो विधायक जेल में और एक का निधन)
एकनाथ शिंदे के साथ कितने?- 22 शिवसेना+ 4 निर्दलीय= 26 विधायक
बीजेपी 106+ शिंदे के 26= 132 विधायक
ढाई साल में तीसरी बार सरकार गिराने की साजिश: शरद पवार
एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार को लेकर चल रहे सियासी संकट पर बयान दिया है। पवार ने कहा कि यह महज एक साजिश है। यह विपक्ष की तीसरी कोशिश है। इसका हमारी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। मुझे उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे जल्द ही इसका कोई न कोई हल जरूर निकाल लेंगे। पवार ने कहा कि आगे भी उद्धव के नेतृत्व में सरकार ऐसे ही चलती रहेगी।
वहीं अगर एकनाथ शिंदे का साथ बीजेपी को मिल भी जाता है बावजूद इसके महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 11 और विधायकों की पड़ेगी जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी महाराष्ट्र में ऐसी कौन सी सियासी चाल चलती है, जिससे एक बार फिर से महाराष्ट्र में उसकी सरकार दोबारा से बन जाए। वहीं इसके इतर यह भी सवाल उठता है कि क्या शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर महाविकास अघाड़ी को बचाने में कामयाब रहेंगे।
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
महाराष्ट्र विधानसभा का गणित समझिए
कुल विधायकों की संख्या- 288
बीजेपी- 106
शिवसेना- 55
एनसीपी- 52
कांग्रेस- 44
अन्य+ निर्दलीय- 30
महाविकास अघाड़ी के पास कितने नंबर
एकनाथ शिंदे की बगावत से पहले उद्धव सरकार के पास कुल मिलाकर 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त था। इसमें शिवसेना के पास 55, एनसीपी के पास 52 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के 2, पीजपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था। फिलहाल 21 से ज्यादा विधायक शिंदे का साथ सूरत में हैं, जिसमें निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। वहीं, AIMIM के दो, सीपीएम के 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल है।
बीजेपी के पास 113 का आंकड़ा
बीजेपी के पास खुद के 106 विधायक हैं। आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।
बहुमत का जादुई आंकड़ा- 145 (दो विधायक जेल में और एक का निधन)
एकनाथ शिंदे के साथ कितने?- 22 शिवसेना+ 4 निर्दलीय= 26 विधायक
बीजेपी 106+ शिंदे के 26= 132 विधायक
ढाई साल में तीसरी बार सरकार गिराने की साजिश: शरद पवार
एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार को लेकर चल रहे सियासी संकट पर बयान दिया है। पवार ने कहा कि यह महज एक साजिश है। यह विपक्ष की तीसरी कोशिश है। इसका हमारी सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। मुझे उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे जल्द ही इसका कोई न कोई हल जरूर निकाल लेंगे। पवार ने कहा कि आगे भी उद्धव के नेतृत्व में सरकार ऐसे ही चलती रहेगी।
वहीं अगर एकनाथ शिंदे का साथ बीजेपी को मिल भी जाता है बावजूद इसके महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 11 और विधायकों की पड़ेगी जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार देश की सत्ता पर काबिज बीजेपी महाराष्ट्र में ऐसी कौन सी सियासी चाल चलती है, जिससे एक बार फिर से महाराष्ट्र में उसकी सरकार दोबारा से बन जाए। वहीं इसके इतर यह भी सवाल उठता है कि क्या शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर महाविकास अघाड़ी को बचाने में कामयाब रहेंगे।
News