Maharashtra News: जेल में मिला था ऑफर… तो डेढ़ साल पहले ही गिर गई होती MVA सरकार, अनिल देशमुख का बड़ा दावा

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Maharashtra News: जेल में मिला था ऑफर… तो डेढ़ साल पहले ही गिर गई होती MVA सरकार, अनिल देशमुख का बड़ा दावा

Maharashtra News: जेल में मिला था ऑफर… तो डेढ़ साल पहले ही गिर गई होती MVA सरकार, अनिल देशमुख का बड़ा दावा


मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दावा किया कि उन्हें जेल में ऐसा प्रस्ताव मिला था, जिसे यदि मान लेता तो महा विकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार काफी पहले गिर गई होती। देशमुख धनशोधन मामले में 13 महीने जेल में थे और वह जमानत पर हैं। देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पिछले साल 28 दिसंबर को जमानत पर रिहा किया गया। देशमुख ने वर्धा के सेवाग्राम में नदी एवं वन संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली ग्राम सभाओं एवं गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सामूहिक वन अधिकारों के राज्य-स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया।

अनिल देशमुख ने दावा किया, ‘मुझे जेल में प्रस्ताव मिला था, जिसे मैंने खारिज कर दिया। अगर मैं समझौता कर लेता (प्रस्ताव स्वीकार कर लेता) तो महा विकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार ढाई साल पहले ही गिर गई होती, लेकिन मैं न्याय में विश्वास करता हूं, इसलिए मैंने रिहा होने का इंतजार किया।’

पिछले साल जून में गिर गई थी MVA की उद्धव सरकार

उद्धव ठाकरे की एमवीए सरकार पिछले साल जून में गिर गई थी। इसके पीछे शिवसेना के कई विधायकों का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत करना था। बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। देशमुख ने दावा किया, ‘शिवसेना के 40 विधायकों ने मूल पार्टी छोड़ दी और बीजेपी के साथ सरकार बनाई क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कार्रवाई की धमकी दी गई थी। मुझे 14 महीने के लिए संगीन आरोपों के तहत जेल में डाल दिया गया था। हालांकि, मैंने कभी हार नहीं मानी।’

‘दबाव में नहीं आए अनिल देशमुख’

देशमुख के बाद कार्यक्रम में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा, ‘सरकार ने अनिल देशमुख मामले में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और उनके और उनके करीबियों पर 130 छापे मारे।’ पवार ने यह भी दावा किया कि उन्होंने (सरकार ने) देशमुख को एनसीपी छोड़ने और उनके साथ शामिल होने के लिए कहा था लेकिन वह दबाव में नहीं आए और उन्होंने इसके बजाय कार्रवाई का सामना करना चुना। हाल के चुनावों में बीजेपी केवल एक सीट जीत सकी। यह साफ दिखाता है कि लोगों ने बीजेपी को उसकी जगह दिखाने का फैसला कर लिया है।

शरद पवार ने याद किया अपना कार्यकाल

केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब मैंने सुना कि यवतमाल जिले के एक किसान ने आत्महत्या कर ली है, तो मैंने तुरंत कलेक्टर से और जानकारी ली और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सूचित किया कि किसान कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। हमने पीड़ित परिवारों के घर जाकर एक सप्ताह के भीतर कृषि ऋण माफ किया, लेकिन आज किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। कपास के आयात से इसकी कीमत प्रभावित होगी और किसानों की स्थिति खराब होगी। यह अन्य फसलों के साथ भी हो रहा है।’

पवार ने यह भी दावा किया कि युवा भी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘2024 के चुनावों के लिए तैयार रहें और प्रचार शुरू करें। महा विकास आघाडी सरकार आ रही है और मैं वर्धा के लिए दो एमएलए और एक एमपी सीट सुरक्षित करने की कोशिश करूंगा।’

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