Maharashtra Crisis Live: एकनाथ शिंदे का शक्ति प्रदर्शन, एक-एक कर शिवसेना का साथ छोड़ रहे विधायक, महाराष्ट्र में कबतक उद्धव सरकार? h3>
मुंबई: महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम (Maharashtra Politics News) तेजी से बदल रहा है। सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला वर्षा छोड़कर मातोश्री चले गए हैं। उधर, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde News) की ताकत में लगातार इजाफा होता जा रहा है। दरअसल, उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिंदे ने कुळ 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस बीच, महाराष्ट्र के 4 और विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि अब उद्धव के पास महज 16 विधायकों का साथ है। 54 सदस्यीय शिवसेना अब टूट के कगार पर पहुंच गई है। इधर, आज राज्य में दिनभर सियासी हलचल तेज रहने की उम्मीद है। एनसीपी से लेकर उद्धव ठाकरे तक लगातार बैठकें करने वाले हैं। उधर, राज्य की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुप्पी साध रखी है। वे वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। आइए जानते हैं महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के 10 बड़े LIVE अपडेट्स
महाराष्ट्र के डेप्युटी स्पीकर नरहरि जिरवाल बोले- दो दिन में फैसला
महाराष्ट्र विधानसभा के डेप्युटी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने आज कहा कि वह मौजूदा सियासी संकट पर एक दो दिन में फैसला ले लेंग। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे का जो पत्र मुझे मिला है, उसमें 34 विधायक का नाम है। कभी कम बोलते हैं, कभी ज्यादा बोलते हैं। शिंदे ने जितने विधायकों का समर्थन का दावा किया है उसे जांच करने की जरूरत पड़ेगी। एक दो दिन में फैसला हो जाएगा। लिस्ट में कुछ हस्ताक्षर पर संशय भी है। कानून में जैसा होगा वैसे मैं जांच करूंगा। जांच करने के लिए विधायकों को सामने बुलाना पड़ेगा। जिरवाल ने कहा कि अभी तक बागी विधायकों से कोई कम्युनिकेशन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि देखूंगा अभी पढ़ रहा हूं क्या-क्या है, उसके बाद निर्णय लूंगा। एकनाथ शिंदे चिट्ठी भेजेंगे तो सोचेंगे। अभी शिवसेना में अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। शिंदे ने जो नेता चुना है, वह कानूनी तौर पर सही नहीं है। अजय चौधरी के साथ विधायक के आने की जरूरत नहीं होता है। जो पक्ष प्रमुख होता है, वही नेता चुना गया। कानून के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने चिट्ठी दी थी और हमने उसी के हिसाब से फैसला लिया। अभी तक पार्टी के नेता के फैसले के अनुसार ही होगा। बाकी कानून के किताब के अनुसार फैसला किया जाएगा। शिंदे के पास अगर दो तिहाई बहुमत है तो वह चिट्ठी भेजेंगे तो हम देखेंगे। अभी तो शिवसेना की सरकार है। एक दो दिन में फैसला हो जाएगा।
चार और विधायक शिंदे गुट के साथ
महाराष्ट्र के चार विधायकों के साथ एक और चार्टर्ड विमान गुवाहाटी पहुंचा। ये विधायक एकनाथ शिंदे के बागी गुट के साथ शामिल हो गए हैं। असम पहुंचे विधायकों में चंद्रकांत पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गावित और गुलाबराव पाटिल हैं। महाराष्ट्र के ये विधायक गुजरात के सूरत से उन अन्य विधायकों की तरह यहां पहुंचे, जो महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ सुबह में यहां आए थे। गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय विधायक हैं, जबकि कदम और गुलाबराव पाटिल शिवसेना विधायक हैं। चारों विधायक बुधवार को सूरत पहुंचे थे और बाद में उन्होंने गुवाहाटी के लिए उड़ान भरी।
बागी गुट राज्यपाल को देंगे चिट्ठी
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे और उनके साथ मौजूद शिवसैनिकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को देंगे। पत्र शाम तक भेजा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक शाम तक भेजा जा सकता है। आज उद्धव सरकार से समर्थन वापस ले सकता है शिंदे गुट। शिंदे ग्रुप को 48 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है। गुवाहाटी (Guwahati) में शिवसेना के 41बागी विधायक। 4 निर्दलीय विधायकों का शिंदे गुट को समर्थन। एकनाथ शिंन्दे आज दावा पेश कर सकते हैं, 7 और बागी विधायक आज पहुंचे हैं गुवाहाटी। बीजेपी समर्थन वापस लेने तक कुछ नहीं करेगी
फ्लोर टेस्ट में पूरा सच आएगा सामने-राउत
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि आज भी हमारी पार्टी मजबूत है और दबाव में लोग पार्टी छोड़कर चले गए। लाखों कार्यकर्ता शिवसेना के साथ खड़े हैं। राउत ने यह भी कहा कि बागी विधायक क्यों गए इस पर जल्द खुलासा किया जाएगा। हमें ऐसे संकट से निपटने का अनुभव है। शिंदे पर हमला करते हुए राउत ने कहा कि बालासाहेब का भक्त बोलने से कुछ नहीं होता। हमारे संपर्क में करीब 20 विधायक हैं और जब फ्लोर टेस्ट होगा तो पूरा सच सामने आएगा।
बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ विधायक
शिवसेना के दीपक केसरकर भी असम पहुंचे
इस बीच, शिंदे के समर्थन में विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिवसेना के दो और विधायक सदा सावरकर और मंगेश कुदालकर भी असम में शिंदे के साथ मिले। उधर, शिवसेना के एक और नेता दीपक केसरकर भी असम पहुंच गए हैं। उधर, गुवाहाटी में होटल के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया है।
सासंद भी छोड़ेंगे शिवसेना का साथ
शिवसेना को चिंता अब विधायकों के बाद सांसद भी टूटने की खबर को लेकर है। शिवसेना के 17 लोकसभा सांसद हैं। बताया जा रहा है कि कई सांसद अपना नया गुट बनाएंगे। ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे और कल्याण लोकसभा सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे इस समय एकनाथ शिंदे के समर्थन में हैं। वाशिम की सांसद भावना गवली भी शिंदे गुट को समर्थन दे सकती हैं। कई और सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में खड़े हो सकते हैं। पालघर के सांसद राजेंद्र गावित भी शिंदे के साथ।
वर्षा से मातोश्री जाते हुए उद्धव ठाकरे
एकनाथ शिंदे का शक्ति प्रदर्शन शुरू
एक तरफ जहां यह कहा जा रहा है कि किसी भी समय ठाकरे सरकार गिर जाएगी। वहीं दूसरी तरफ बागी एकनाथ शिंदे ने अपना शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है। एकनाथ शिंदे के समर्थन में ठाणे शहर में तमाम पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए हैं। इन पोस्टर और होर्डिंग्स में सिर्फ एकनाथ शिंदे बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीर रखी गई है। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को तस्वीर में शामिल नहीं किया गया है।
MVA सरकार पर शिंदे का अटैक, बताया ‘अप्राकृतिक गठबंधन’
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी (MVA) एक ‘अप्राकृतिक गठबंधन’ है और उनकी पार्टी के लिए आवश्यक है कि वह अपने और पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में एनसीपी और कांग्रेस के साथ इस गठबंधन से बाहर निकल आए। गौरतलब है कि शिंदे के इस बयान से कुछ ही घंटों पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी के बागी नेताओं तक पहुंचने का प्रयास करते हुए कहा था कि अगर शिवसेना का एक भी विधायक उनके सामने आकर उन्हें अक्षम कह दे तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। शिवसेना के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री शिंदे ने कहा कि नवंबर, 2019 में गठित MVA से सिर्फ गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और राकांपा को लाभ हुआ है जबकि सामान्य शिवसैनिकों को गठबंधन के पिछले ढाई साल में सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है। शिवसेना के बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में मौजूद शिंदे ने ट्वीट किया, ‘शिवसेना और शिवसैनिकों के हित में यह आवश्यक है कि इस अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकला जाए। राज्य के हित में फैसला लेना आवश्यक है।’ उन्होंने ‘हिन्दुत्व फॉरऐवर’ के हैशटैग के साथ मराठी में ट्वीट किया है। शिंदे ने दोहराया कि एमवीए गठबंधन में एनसीपी और कांग्रेस मजबूत हो रहे हैं, लेकिन मुख्य पार्टी शिवसेना और उसके कार्यकर्ता लगातार कमजोर होते जा रहे हैं। शिवसेना ने 2019 विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से गठबंधन समाप्त करके एमवीए का गठन किया था।
उद्धव ने सीएम का बगंला छोड़ा
शिंदे की बगावत के कुछ ही घंटे बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई स्थित अपना आधिकारिक आवास वर्षा खाली कर दिया। वह बांद्रा स्थित अपने निजी आवास मातोश्री चले गए। शिंदे के दो दिन पहले बगावत किए जाने और बागी विधायकों के तेवर में कोई नरमी नहीं आने के बीच ठाकरे ने यह कदम उठाया है। ठाकरे रास्ते में अपने पुत्र और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र वर्ली में कार से बाहर निकले और फिर मातोश्री के पास भी बाहर निकलकर उन्होंने शिवसेना कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। ‘वर्षा’ से रवाना होने से पहले ठाकरे ने विधायकों और सांसदों से भेंट भी की। गौरतलब है कि शाम में ‘फेसबुक लाइव’ पर ठाकरे ने कहा था कि वह ‘वर्षा’ छोड़कर ‘मातोश्री’ जा रहे हैं।
गुवाहाटी के होटल में बख्तरबंद सुरक्षा
महाराष्ट्र से आए शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी के जिस लग्जरी होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इससे रेडिसन ब्लू होटल एक किले में तब्दील हो गया है। इस होटल में आम लोगों के प्रवेश करने पर तकरीबन अब रोक लगा दी गई है। गुवाहाटी पुलिस ने होटल के निजी सुरक्षा प्रहरियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है। नजदीक के जलुकबाड़ी पुलिस थाना के कर्मियों के अलावा, असम पुलिस की रिजर्व बटालियन और कमांडो इकाइयों के दर्जनों जवान होटल की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। यह होटल लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से करीब 15 किमी दूर स्थित है। सुरक्षाकर्मी प्रत्येक गेस्ट को रेडिसन होटल में प्रवेश करने की अनुमति देने से पहले उनकी जांच कर रहे हैं और जिन्होंने पहले से बुकिंग नहीं कराई है उन्हें लौट जाने को कहा जा रहा।
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महाराष्ट्र विधानसभा के डेप्युटी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने आज कहा कि वह मौजूदा सियासी संकट पर एक दो दिन में फैसला ले लेंग। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे का जो पत्र मुझे मिला है, उसमें 34 विधायक का नाम है। कभी कम बोलते हैं, कभी ज्यादा बोलते हैं। शिंदे ने जितने विधायकों का समर्थन का दावा किया है उसे जांच करने की जरूरत पड़ेगी। एक दो दिन में फैसला हो जाएगा। लिस्ट में कुछ हस्ताक्षर पर संशय भी है। कानून में जैसा होगा वैसे मैं जांच करूंगा। जांच करने के लिए विधायकों को सामने बुलाना पड़ेगा। जिरवाल ने कहा कि अभी तक बागी विधायकों से कोई कम्युनिकेशन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि देखूंगा अभी पढ़ रहा हूं क्या-क्या है, उसके बाद निर्णय लूंगा। एकनाथ शिंदे चिट्ठी भेजेंगे तो सोचेंगे। अभी शिवसेना में अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। शिंदे ने जो नेता चुना है, वह कानूनी तौर पर सही नहीं है। अजय चौधरी के साथ विधायक के आने की जरूरत नहीं होता है। जो पक्ष प्रमुख होता है, वही नेता चुना गया। कानून के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने चिट्ठी दी थी और हमने उसी के हिसाब से फैसला लिया। अभी तक पार्टी के नेता के फैसले के अनुसार ही होगा। बाकी कानून के किताब के अनुसार फैसला किया जाएगा। शिंदे के पास अगर दो तिहाई बहुमत है तो वह चिट्ठी भेजेंगे तो हम देखेंगे। अभी तो शिवसेना की सरकार है। एक दो दिन में फैसला हो जाएगा।
चार और विधायक शिंदे गुट के साथ
महाराष्ट्र के चार विधायकों के साथ एक और चार्टर्ड विमान गुवाहाटी पहुंचा। ये विधायक एकनाथ शिंदे के बागी गुट के साथ शामिल हो गए हैं। असम पहुंचे विधायकों में चंद्रकांत पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गावित और गुलाबराव पाटिल हैं। महाराष्ट्र के ये विधायक गुजरात के सूरत से उन अन्य विधायकों की तरह यहां पहुंचे, जो महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ सुबह में यहां आए थे। गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय विधायक हैं, जबकि कदम और गुलाबराव पाटिल शिवसेना विधायक हैं। चारों विधायक बुधवार को सूरत पहुंचे थे और बाद में उन्होंने गुवाहाटी के लिए उड़ान भरी।
बागी गुट राज्यपाल को देंगे चिट्ठी
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एकनाथ शिंदे और उनके साथ मौजूद शिवसैनिकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को देंगे। पत्र शाम तक भेजा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक शाम तक भेजा जा सकता है। आज उद्धव सरकार से समर्थन वापस ले सकता है शिंदे गुट। शिंदे ग्रुप को 48 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है। गुवाहाटी (Guwahati) में शिवसेना के 41बागी विधायक। 4 निर्दलीय विधायकों का शिंदे गुट को समर्थन। एकनाथ शिंन्दे आज दावा पेश कर सकते हैं, 7 और बागी विधायक आज पहुंचे हैं गुवाहाटी। बीजेपी समर्थन वापस लेने तक कुछ नहीं करेगी
फ्लोर टेस्ट में पूरा सच आएगा सामने-राउत
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि आज भी हमारी पार्टी मजबूत है और दबाव में लोग पार्टी छोड़कर चले गए। लाखों कार्यकर्ता शिवसेना के साथ खड़े हैं। राउत ने यह भी कहा कि बागी विधायक क्यों गए इस पर जल्द खुलासा किया जाएगा। हमें ऐसे संकट से निपटने का अनुभव है। शिंदे पर हमला करते हुए राउत ने कहा कि बालासाहेब का भक्त बोलने से कुछ नहीं होता। हमारे संपर्क में करीब 20 विधायक हैं और जब फ्लोर टेस्ट होगा तो पूरा सच सामने आएगा।
बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ विधायक
शिवसेना के दीपक केसरकर भी असम पहुंचे
इस बीच, शिंदे के समर्थन में विधायकों की संख्या बढ़ती जा रही है। शिवसेना के दो और विधायक सदा सावरकर और मंगेश कुदालकर भी असम में शिंदे के साथ मिले। उधर, शिवसेना के एक और नेता दीपक केसरकर भी असम पहुंच गए हैं। उधर, गुवाहाटी में होटल के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया है।
सासंद भी छोड़ेंगे शिवसेना का साथ
शिवसेना को चिंता अब विधायकों के बाद सांसद भी टूटने की खबर को लेकर है। शिवसेना के 17 लोकसभा सांसद हैं। बताया जा रहा है कि कई सांसद अपना नया गुट बनाएंगे। ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे और कल्याण लोकसभा सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे इस समय एकनाथ शिंदे के समर्थन में हैं। वाशिम की सांसद भावना गवली भी शिंदे गुट को समर्थन दे सकती हैं। कई और सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में खड़े हो सकते हैं। पालघर के सांसद राजेंद्र गावित भी शिंदे के साथ।
वर्षा से मातोश्री जाते हुए उद्धव ठाकरे
एकनाथ शिंदे का शक्ति प्रदर्शन शुरू
एक तरफ जहां यह कहा जा रहा है कि किसी भी समय ठाकरे सरकार गिर जाएगी। वहीं दूसरी तरफ बागी एकनाथ शिंदे ने अपना शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है। एकनाथ शिंदे के समर्थन में ठाणे शहर में तमाम पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए हैं। इन पोस्टर और होर्डिंग्स में सिर्फ एकनाथ शिंदे बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीर रखी गई है। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को तस्वीर में शामिल नहीं किया गया है।
MVA सरकार पर शिंदे का अटैक, बताया ‘अप्राकृतिक गठबंधन’
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी (MVA) एक ‘अप्राकृतिक गठबंधन’ है और उनकी पार्टी के लिए आवश्यक है कि वह अपने और पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में एनसीपी और कांग्रेस के साथ इस गठबंधन से बाहर निकल आए। गौरतलब है कि शिंदे के इस बयान से कुछ ही घंटों पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी के बागी नेताओं तक पहुंचने का प्रयास करते हुए कहा था कि अगर शिवसेना का एक भी विधायक उनके सामने आकर उन्हें अक्षम कह दे तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। शिवसेना के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री शिंदे ने कहा कि नवंबर, 2019 में गठित MVA से सिर्फ गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और राकांपा को लाभ हुआ है जबकि सामान्य शिवसैनिकों को गठबंधन के पिछले ढाई साल में सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है। शिवसेना के बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में मौजूद शिंदे ने ट्वीट किया, ‘शिवसेना और शिवसैनिकों के हित में यह आवश्यक है कि इस अप्राकृतिक गठबंधन से बाहर निकला जाए। राज्य के हित में फैसला लेना आवश्यक है।’ उन्होंने ‘हिन्दुत्व फॉरऐवर’ के हैशटैग के साथ मराठी में ट्वीट किया है। शिंदे ने दोहराया कि एमवीए गठबंधन में एनसीपी और कांग्रेस मजबूत हो रहे हैं, लेकिन मुख्य पार्टी शिवसेना और उसके कार्यकर्ता लगातार कमजोर होते जा रहे हैं। शिवसेना ने 2019 विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा से गठबंधन समाप्त करके एमवीए का गठन किया था।
उद्धव ने सीएम का बगंला छोड़ा
शिंदे की बगावत के कुछ ही घंटे बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई स्थित अपना आधिकारिक आवास वर्षा खाली कर दिया। वह बांद्रा स्थित अपने निजी आवास मातोश्री चले गए। शिंदे के दो दिन पहले बगावत किए जाने और बागी विधायकों के तेवर में कोई नरमी नहीं आने के बीच ठाकरे ने यह कदम उठाया है। ठाकरे रास्ते में अपने पुत्र और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र वर्ली में कार से बाहर निकले और फिर मातोश्री के पास भी बाहर निकलकर उन्होंने शिवसेना कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। ‘वर्षा’ से रवाना होने से पहले ठाकरे ने विधायकों और सांसदों से भेंट भी की। गौरतलब है कि शाम में ‘फेसबुक लाइव’ पर ठाकरे ने कहा था कि वह ‘वर्षा’ छोड़कर ‘मातोश्री’ जा रहे हैं।
गुवाहाटी के होटल में बख्तरबंद सुरक्षा
महाराष्ट्र से आए शिवसेना के बागी विधायक गुवाहाटी के जिस लग्जरी होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इससे रेडिसन ब्लू होटल एक किले में तब्दील हो गया है। इस होटल में आम लोगों के प्रवेश करने पर तकरीबन अब रोक लगा दी गई है। गुवाहाटी पुलिस ने होटल के निजी सुरक्षा प्रहरियों से सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है। नजदीक के जलुकबाड़ी पुलिस थाना के कर्मियों के अलावा, असम पुलिस की रिजर्व बटालियन और कमांडो इकाइयों के दर्जनों जवान होटल की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। यह होटल लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा से करीब 15 किमी दूर स्थित है। सुरक्षाकर्मी प्रत्येक गेस्ट को रेडिसन होटल में प्रवेश करने की अनुमति देने से पहले उनकी जांच कर रहे हैं और जिन्होंने पहले से बुकिंग नहीं कराई है उन्हें लौट जाने को कहा जा रहा।
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