Lucknow West Assembly Seat: लखनऊ वेस्ट में बिखरते वोट से सजेगी क्या जीत की गोट, जानिए क्या कहता है सियासी माहौल

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Lucknow West Assembly Seat: लखनऊ वेस्ट में बिखरते वोट से सजेगी क्या जीत की गोट, जानिए क्या कहता है सियासी माहौल

Lucknow West Assembly Seat: लखनऊ वेस्ट में बिखरते वोट से सजेगी क्या जीत की गोट, जानिए क्या कहता है सियासी माहौल

लखनऊ: लखनऊ पश्चिम विधानसभा क्षेत्र (Lucknow West Assembly Election 2022) में इस बार भी वोटों का बिखराव ही उम्मीदवारों की हार-जीत तय करेगा। इस क्षेत्र में करीब 1.10 लाख मुस्लिम वोटर हैं और प्रमुख पार्टियों से तीन मुस्लिम उम्मीदवार भी मैदान में हैं। ऐसे में मुस्लिम वोटों का बिखराव तय माना जा रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) के उम्मीदवार सवर्ण वोटों में सेंध लगा सकते हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वोटों का बिखराव ही इस सीट की दशा-दिशा तय करेगा।

पश्चिम सीट से भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) से अंजनी श्रीवास्तव मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पिछली बार बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) के टिकट पर चुनाव लड़ चुके अरमान खान पर भरोसा जताया है। अरमान को पिछले चुनाव में 36,247 हजार वोट मिले थे। वहीं, बसपा ने कायम रजा और कांग्रेस (Congress) ने सामाजिक कार्यकर्ता शाहना सिद्दीकी को पहली बार मैदान में उतारा है। ‘आप’ से राजीव बख्शी भी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वोटों के ध्रुवीकरण पर गौर करें तो मुस्लिम वोट सपा, कांग्रेस, बसपा और ‘आप’ में बंटता नजर आ रहा है। ‘आप’ की झोली में ब्राह्मण और कायस्थ वोट भी जाने की उम्मीद है।

वोटों में बिखराव का दिखा था असर
पिछले विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने मोहम्मद रेहान को प्रत्याशी बनाया था। बसपा ने इस सीट से अरमान रेहान को टिकट दिया था। इससे मुस्लिम वोटों में बिखराव हुआ और बीजेपी प्रत्याशी सुरेश श्रीवास्तव करीब 14,000 वोटों से चुनाव जीत गए थे। पिछले लगातार दो विधानसभा चुनाव में लखनऊ पश्चिम के इस समीकरण को देखते हुए माना जा रहा है कि इस सीट पर ब्राह्मण और मुस्लिम वोटों के बिखराव से ही उम्मीदवारों के जीत हार का समीकरण तय होगा।

क्या कहता है जातीय समीकरण

  • कुल वोटर 4,33,668
  • पुरुष मतदाता 2,33,451
  • महिला मतदाता-2,00,179
  • 18 से 19 आयु वाले मतदाता-2,870
  • पिछड़ा वर्ग मतदाता : 60 हजार
  • मुस्लिम मतदाता : 1.10 लाख
  • ब्राह्मण वोटर : 85 हजार
  • कायस्थ वोटर : 30 से 40 हजार

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क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
लखनऊ वेस्ट सीट पर सबसे बड़ा मुद्दा विकास का ही है। इसके बाद जर्जर सड़कें, सीवर लाइन, महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा के मुद्दे प्रभावी होते दिखाई दे रहे हैं।

विधानसभा क्षेत्र में हैं ये इलाके
लखनऊ पश्चिम सीट का इलाका राजाजीपुरम, पारा, न्यू हैदरगंज के तीनों वॉर्ड, बुद्धेश्वर मंदिर के आसपास का इलाका, मोहान रोड स्थित शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी से सटी कॉलोनियां, टिकैत राय तालाब, चौक में कालीचरण डिग्री कॉलेज के आसपास का इलाका, अशर्फाबाद तक का है। इसके अलावा आलमनगर वॉर्ड का आधा इलाका, कैंपबेल रोड, रामनगर व न्यू रामनगर, यासीनगंज, कैंपबेल रोड के आसपास की सटी कॉलोनियां व अन्य इलाके भी आते हैं।

पिछले चुनाव का परिणाम
प्रत्याशी – पार्टी – वोट – वोट (%)

  1. सुरेश कुमार – भाजपा – 93022 – 42.76
  2. मो. रेहान – सपा – 79950 – 36.75
  3. अरमान खान – बसपा – 36247 – 16.67

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लगातार 6 चुनाव जीती है भाजपा
पश्चिम सीट से भाजपा लगातार छह चुनाव जीती है। साल 1989 में पहली बार भाजपा का जनाधार बढ़ा और इस सीट पर काबिज हुई। रामकुमार शुक्ला विधायक बने थे। 1991 और 1993 में भी रामकुमार शुक्ला जीते थे। फिर 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार लाल जी टंडन ने इस सीट से जीत हासिल की। 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस के एसके शुक्ल ने भाजपा के विजय रथ को रोक दिया और विधायक बने। 2012 के चुनाव में सपा के मोहम्मद रेहान ने भाजपा सुरेश कुमार श्रीवास्तव को 7812 वोट से हराया था। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सुरेश श्रीवास्तव ने सपा के मो. रेहान को शिकस्त दी थी।

अब तक के विधायक

  • वर्ष 2017 : सुरेश कुमार श्रीवास्तव – भाजपा
  • वर्ष 2012 : मो. रेहान – सपा
  • वर्ष 2007 : लाल जी टंडन – भाजपा
  • वर्ष 2002 : लाल जी टंडन – भाजपा
  • वर्ष 1996 : लाल जी टंडन – भाजपा
  • वर्ष 1993 : राम कुमार शुक्ला – भाजपा
  • वर्ष 1991 : राम कुमार शुक्ला – भाजपा
  • वर्ष 1989 : राम कुमार शुक्ला – भाजपा
  • वर्ष 1985 : जफर अली नकवी – कांग्रेस
  • वर्ष 1980 : कन्हैया लाल महेंद्रू – कांग्रेस
  • वर्ष 1977 : डीपी बोरा – जनता पार्टी
  • वर्ष 1974 : मोहम्मद शकील अहमद – कांग्रेस
  • वर्ष 1969 : डीपी बोरा – भारतीय क्रांति दल
  • वर्ष 1967 : एस शर्मा – भारतीय जनसंघ

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क्या कहते हैं प्रत्याशी
भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार अंजनी श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा को मतदाताओं का पूरा समर्थन मिल रहा है। हर वर्ग के वोटर हमारे साथ हैं। पार्टी कार्यकर्ता क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। पार्टी अपनी नीतियों को लेकर चुनाव लड़ रही है, जीत भी होगी।

कांग्रेस की शहाना सिद्दीकी का कहना है कि जनता का पूरा समर्थन व सहयोग मिल रहा है। जनता पिछली सरकार में हुई अनदेखी से खफा है। लोग इस बार विकास, रोजगार व शिक्षा के मुद्दे पर मतदान करेंगे। कांग्रेस ने मतदाताओं को जो प्राथमिकताएं बताई हैं, चुनाव जीतने के बाद उन्हें हर हाल में पूरा करेंगे।

बसपा के कायम रजा का दावा है कि क्षेत्र में पिछले डेढ़ साल से लोगों की मदद कर रहा हूं। जनता का मुझे पूरा समर्थन मिल रहा है। मैं खुद को सभी उम्मीदवारों में पहले पायदान पर आंक रहा हूं। लखनऊ पश्चिम से चुनाव बसपा ही जीतेगी।
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सपा के अरमान खान का कहना है कि सपा को वोटरों का पूरा समर्थन मिल रहा है। लोग पिछली सरकार की अनदेखी से परेशान हैं। दूर-दूर तक विकास का नामोनिशान नहीं है। मूलभूत सुविधाएं न मिलने से लोगों को काफी परेशानी है। सपा इस बार लखनऊ पश्चिम सीट अवश्य जीतेगी।

आम आदमी पार्टी के राजीव बख्शी कहते हैं, हम जाति या धर्म के आधार पर नहीं बल्कि काम के आधार पर वोट मांग रहे हैं। हमें जनता का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है। जनसंपर्क के दौरान पार्टी के दिल्ली मॉडल को सराहा जा रहा है। पहली बार लखनऊ पश्चिम की जनता काम के आधार पर वोट करने जा रही है।

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