Lucknow News: लखनऊ में 54 उम्मीदवारों का चुनाव लड़ने का सपना रह गया अधूरा, अपनी ही गलती से हुए ‘आउट’ h3>
लखनऊ: विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए प्रचार जोरों पर है। जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 109 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन इससे पहले 54 उम्मीदवार (Candidates) अपनी गलतियों के कारण मैदान से बाहर हो चुके हैं। इन उम्मीदवारों ने विधायक (MLA) बनने की ललक लेकर फूल-मालाओं से लदे गाजे-बाजे के साथ नामांकन तो किया, लेकिन कागजी औपचारिकताएं ही नहीं पूरी कर पाए।
कोई पूरे प्रस्तावक नहीं जुटा पाया तो किसी ने शपथपत्र के सभी कॉलम ही नहीं भरे। नामांकन की स्क्रीनिंग करने वाले रिटर्निंग अफसरों की मानें तो 26 उम्मीदवार ऐसे भी पाए गए थे, जिनको अगले दिन शपथपत्र पूरा कर जमा करने का मौका दिया गया। इसके बावजूद कलेक्ट्रेट में नामांकन करने के बाद ये दस्तावेज पूरे करने नहीं लौटे।
बीकेटी में सबसे ज्यादा नामांकन खारिज
बीकेटी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज किए गए। इसी तरह लखनऊ पश्चिम से 10, सरोजनीनगर से 9, लखनऊ कैंट से 7, लखनऊ उत्तर से 6 और लखनऊ पूर्व से 5 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए। इसके अलावा मोहनलालगंज से तीन, लखनऊ मध्य से दो और मलिहाबाद से एक प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ। वहीं, पांच उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया है।
आप के उम्मीदवार का भी पर्चा खारिज
प्रमुख पार्टियों में सिर्फ ‘आप’ के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ है। मलिहाबाद विधानसभा से ‘आप’ की ओर से ललित वाल्मीकि उम्मीदवार थे, लेकिन उन्होंने ऐन मौके पर दावेदारी छोड़ दी थी। वहीं, बीकेटी से ‘आप’ के उम्मीदवार बनाए गये डॉ. एसपी पांडे का पर्चा एफीडिविट गलत होने से खारिज हो गया था। इसके अलावा छोटे दलों और ज्यादातर निर्दलियों के पर्चे खारिज हुए हैं।
इसलिए खारिज हुए नामांकन
–प्रस्तावक पूरे नहीं कर पाए उम्मीदवार। मान्यता प्राप्त पार्टी के उम्मीदवार को एक और निर्दलीय को दस प्रस्तावकों की व्यवस्था करनी थी।
– प्रस्तावक उसी विधानसभा का होना चाहिए था, जिस विधानसभा का उम्मीदवार था। इसमें भी गड़बड़ियां मिलीं।
– सरकारी कर्मचारी उम्मीदवार का प्रस्तावक नहीं बन सकता। कई उम्मीदवारों ने सरकारी कर्मचारियों को बनाया प्रस्तावक बना दिया था।
– आवेदन फार्म के साथ लगे शपथपत्र (फॉर्म-26) के सभी कॉलम भरे नहीं मिले। अगले दिन का मौका देने के बावजूद 26 उम्मीदवार नहीं आए।
– छह उम्मीदवारों ने जहां से आवेदन किया, वे वहां के वोटर नहीं थे। जहां के वोटर हैं, वहां की सर्टिफाइड कॉपी जमा करनी थी। जमा नहीं कर पाए।
कोई पूरे प्रस्तावक नहीं जुटा पाया तो किसी ने शपथपत्र के सभी कॉलम ही नहीं भरे। नामांकन की स्क्रीनिंग करने वाले रिटर्निंग अफसरों की मानें तो 26 उम्मीदवार ऐसे भी पाए गए थे, जिनको अगले दिन शपथपत्र पूरा कर जमा करने का मौका दिया गया। इसके बावजूद कलेक्ट्रेट में नामांकन करने के बाद ये दस्तावेज पूरे करने नहीं लौटे।
बीकेटी में सबसे ज्यादा नामांकन खारिज
बीकेटी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज किए गए। इसी तरह लखनऊ पश्चिम से 10, सरोजनीनगर से 9, लखनऊ कैंट से 7, लखनऊ उत्तर से 6 और लखनऊ पूर्व से 5 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए। इसके अलावा मोहनलालगंज से तीन, लखनऊ मध्य से दो और मलिहाबाद से एक प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ। वहीं, पांच उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया है।
आप के उम्मीदवार का भी पर्चा खारिज
प्रमुख पार्टियों में सिर्फ ‘आप’ के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हुआ है। मलिहाबाद विधानसभा से ‘आप’ की ओर से ललित वाल्मीकि उम्मीदवार थे, लेकिन उन्होंने ऐन मौके पर दावेदारी छोड़ दी थी। वहीं, बीकेटी से ‘आप’ के उम्मीदवार बनाए गये डॉ. एसपी पांडे का पर्चा एफीडिविट गलत होने से खारिज हो गया था। इसके अलावा छोटे दलों और ज्यादातर निर्दलियों के पर्चे खारिज हुए हैं।
इसलिए खारिज हुए नामांकन
–प्रस्तावक पूरे नहीं कर पाए उम्मीदवार। मान्यता प्राप्त पार्टी के उम्मीदवार को एक और निर्दलीय को दस प्रस्तावकों की व्यवस्था करनी थी।
– प्रस्तावक उसी विधानसभा का होना चाहिए था, जिस विधानसभा का उम्मीदवार था। इसमें भी गड़बड़ियां मिलीं।
– सरकारी कर्मचारी उम्मीदवार का प्रस्तावक नहीं बन सकता। कई उम्मीदवारों ने सरकारी कर्मचारियों को बनाया प्रस्तावक बना दिया था।
– आवेदन फार्म के साथ लगे शपथपत्र (फॉर्म-26) के सभी कॉलम भरे नहीं मिले। अगले दिन का मौका देने के बावजूद 26 उम्मीदवार नहीं आए।
– छह उम्मीदवारों ने जहां से आवेदन किया, वे वहां के वोटर नहीं थे। जहां के वोटर हैं, वहां की सर्टिफाइड कॉपी जमा करनी थी। जमा नहीं कर पाए।