Lucknow Assembly Election 2022: बूथों पर हुई वोटिंग के लिहाज से जीत का अनुमान लगा रहे प्रत्याशी h3>
लखनऊ : जिले में इस बार कुछ विधानसभा क्षेत्रों एक से तीन फीसदी तक मतदान प्रतिशत बढ़ा है तो कुछ जगह एक से दो फीसदी कम वोटिंग हुई है। ऐसे में हर दल का दावा है कि जहां वोटिंग ज्यादा हुई है, वह उनके पक्ष में है। इसके उलट जहां कम मतदान हुआ है, वह विरोधी खेमे का बूथ है।
लाभार्थी बहुल बूथों से जीत की झलक
लखनऊ पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी अंजनी कुमार श्रीवास्तव को उम्मीद है कि वह बड़े अंतर से जीत दर्ज करेंगे। उनका तर्क है कि लखनऊ पश्चिम उन इलाकों में ज्यादा बढ़ा है, जिन्हें बीजेपी समर्थक माना जाता है। राजाजीपुरम के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में विकसित कॉलोनियों के बूथों पर पिछली बार से ज्यादा वोट पड़े हैं। वहीं, मुस्लिम बहुल इलाकों के बूथों पर पिछले चुनाव के बराबर ही वोट पड़ा है, जबकि यहां से सपा, बसपा और कांग्रेस से मुस्लिम प्रत्याशी हैं। कन्हैयामाधोपुर समेत कई मोहल्ले में राशन, पीएम आवास और उज्ज्वला योजनाओं के लाभार्थी ज्यादा हैं। इन बूथों पर भी पिछली बार से ज्यादा वोट पड़ा है, जो हमारे पक्ष में है।
Kursi Assembly Seat: 2012 में दौड़ी साइकिल, 2017 में खिला कमल, जानिए अब 2022 में क्या हैं सियासी समीकरण
ए और बी ग्रेड के बूथों पर धुआंधार वोटिंग
उत्तर सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा का कहना है कि शहरी बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है, जो बीजेपी के पक्ष में रुझान के संकेत हैं। मॉडर्न स्कूल की पोलिंग बूथ पर कभी भी 45% से ज्यादा वोट नहीं पड़ा, लेकिन इस बार यहां 50% से ज्यादा मतदान हुआ। इसी तरह सरस्वती शिशु मंदिर पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए ज्यादा उत्साह नहीं दिखतता। यहां भी इस बार 50% से ज्यादा मतदान हुआ है। हमने चुनाव से पहले बीजेपी के लिहाज से बूथों के ए, बी, सी और डी ग्रेड तय किए थे। इसमें ए और बी ग्रेड वाले बूथों पर ज्यादा से ज्यादा मतदान का लक्ष्य था, जिसमें हम सफल भी रहे हैं।
शहरी बूथों पर बढ़ा मतदान, मान रहे जीत का रुझान
लखनऊ पूर्व को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस बार यहां करीब ढाई फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। यहां से भाजपा प्रत्याशी आशुतोष टंडन भी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उनका तर्क है कि बीजेपी के लिहाज से जिन भी पोलिंग बूथों पर ज्यादा मतदान का लक्ष्य था, उसमें सफलता मिली है। शहरी आबादी वाले बूथों के लिए विशेष रणनीति बनी थी। ऐसे बूथों पर दो से तीन फीसदी तक मतदान बढ़ा है। जिन बूथों पर पिछले चुनाव में कम वोट मिले थे, वहां भी ज्यादा जनसंपर्क किया गया। इन बूथों पर भी इसका नतीजा दिखा है।
समर्थकों के इलाके में बढ़ी वोटिंग
बीजेपी के रणनीतिकार सरोजनीनगर से भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह की जीत की संभावना के लिए भी शहरी बूथों पर ज्यादा मतदान की दलील दे रहे हैं। चुनाव प्रबंधन और प्रचार से जुड़े रहे पुष्कर मिश्रा के मुताबिक, सरोजनीनगर में ग्रामीण बूथों पर पिछले चुनाव की तरह वोटिंग हुई है, जबकि एलडीए कॉलोनी, आशियाना, टीपी नगर, पराग डेरी चौराहा समेत शहरी बूथों पर एक से दो फीसदी तक मतदान हुआ है। यह पूरी बेल्ट बीजेपी समर्थकों की मानी जाती है।
कांग्रेस कर रही चार सीटों पर जीत का दावा
कांग्रेस पदाधिकारियों का दावा है कि जिले की नौ विधानसभा सीटों में चार सीटें कांग्रेस के खाते में आएंगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि सरोजनीनगर में कांग्रेस उम्मीदवार रुद्र दमन सिंह को अपार जनसमर्थन मिला है। ब्राह्मण, ठाकुर वोटों के अलावा अन्य बिरादारी का वोट भी उनके पक्ष में गया है। यहां कांग्रेस की जीत तय है। इसी तरह मलिहाबाद में भी कांग्रेस उम्मीदवार इंदल रावत को हर वर्ग का वोट मिला है। उनकी भी जीत तय मानी जा रही है। बीकेटी में कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार अन्य पार्टी के उम्मीदवारों के मुकाबले काफी पहले से सक्रिय हैं। इस बार वहां के वोटर ने जाति-धर्म को छोड़कर विकास के नाम पर वोट किया है। वहीं, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने लखनऊ उत्तर सीट पर जीत मिलने की उम्मीद जताई है। उनका दावा है कि प्रचार के दौरान उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिला है।
सपा कर रही शहर में तीन और ग्रामीण की चारों सीटें जीतंने का दावा
सपा ने शहरी इलाके की तीन और ग्रामीण क्षेत्र की चारों विधानसभा सीटें जीतने का दावा किया है। सपा के नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित का कहना है कि लखनऊ मध्य, उत्तर और पश्चिम में भारी बहुमत के साथ पार्टी जीतेगी। कैंट और पूर्व में बीजेपी और सपा में कड़ी टक्कर है। वहीं, सपा के जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत का दावा है कि सरोजनीनगर, बीकेटी, मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीटें सपा उम्मीदवार भारी बहुमत के साथ जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी साल 2012 जैसा इतिहास दोहराने वाली है।
बसपा ने वोट कटवा उम्मीदवार उतारे थे, ताकि बीजेपी को बढ़त मिल सके। इसके बावजूद बीकेटी में 25 हजार तो सरोजनीनगर, मलिहाबाद और मोहनलालगंज में 15 से 20 हजार वोटों के अंतर से सपा प्रत्याशी जीतेंगे।
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लखनऊ पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी अंजनी कुमार श्रीवास्तव को उम्मीद है कि वह बड़े अंतर से जीत दर्ज करेंगे। उनका तर्क है कि लखनऊ पश्चिम उन इलाकों में ज्यादा बढ़ा है, जिन्हें बीजेपी समर्थक माना जाता है। राजाजीपुरम के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में विकसित कॉलोनियों के बूथों पर पिछली बार से ज्यादा वोट पड़े हैं। वहीं, मुस्लिम बहुल इलाकों के बूथों पर पिछले चुनाव के बराबर ही वोट पड़ा है, जबकि यहां से सपा, बसपा और कांग्रेस से मुस्लिम प्रत्याशी हैं। कन्हैयामाधोपुर समेत कई मोहल्ले में राशन, पीएम आवास और उज्ज्वला योजनाओं के लाभार्थी ज्यादा हैं। इन बूथों पर भी पिछली बार से ज्यादा वोट पड़ा है, जो हमारे पक्ष में है।
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ए और बी ग्रेड के बूथों पर धुआंधार वोटिंग
उत्तर सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा का कहना है कि शहरी बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है, जो बीजेपी के पक्ष में रुझान के संकेत हैं। मॉडर्न स्कूल की पोलिंग बूथ पर कभी भी 45% से ज्यादा वोट नहीं पड़ा, लेकिन इस बार यहां 50% से ज्यादा मतदान हुआ। इसी तरह सरस्वती शिशु मंदिर पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए ज्यादा उत्साह नहीं दिखतता। यहां भी इस बार 50% से ज्यादा मतदान हुआ है। हमने चुनाव से पहले बीजेपी के लिहाज से बूथों के ए, बी, सी और डी ग्रेड तय किए थे। इसमें ए और बी ग्रेड वाले बूथों पर ज्यादा से ज्यादा मतदान का लक्ष्य था, जिसमें हम सफल भी रहे हैं।
शहरी बूथों पर बढ़ा मतदान, मान रहे जीत का रुझान
लखनऊ पूर्व को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस बार यहां करीब ढाई फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। यहां से भाजपा प्रत्याशी आशुतोष टंडन भी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उनका तर्क है कि बीजेपी के लिहाज से जिन भी पोलिंग बूथों पर ज्यादा मतदान का लक्ष्य था, उसमें सफलता मिली है। शहरी आबादी वाले बूथों के लिए विशेष रणनीति बनी थी। ऐसे बूथों पर दो से तीन फीसदी तक मतदान बढ़ा है। जिन बूथों पर पिछले चुनाव में कम वोट मिले थे, वहां भी ज्यादा जनसंपर्क किया गया। इन बूथों पर भी इसका नतीजा दिखा है।
समर्थकों के इलाके में बढ़ी वोटिंग
बीजेपी के रणनीतिकार सरोजनीनगर से भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह की जीत की संभावना के लिए भी शहरी बूथों पर ज्यादा मतदान की दलील दे रहे हैं। चुनाव प्रबंधन और प्रचार से जुड़े रहे पुष्कर मिश्रा के मुताबिक, सरोजनीनगर में ग्रामीण बूथों पर पिछले चुनाव की तरह वोटिंग हुई है, जबकि एलडीए कॉलोनी, आशियाना, टीपी नगर, पराग डेरी चौराहा समेत शहरी बूथों पर एक से दो फीसदी तक मतदान हुआ है। यह पूरी बेल्ट बीजेपी समर्थकों की मानी जाती है।
कांग्रेस कर रही चार सीटों पर जीत का दावा
कांग्रेस पदाधिकारियों का दावा है कि जिले की नौ विधानसभा सीटों में चार सीटें कांग्रेस के खाते में आएंगी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि सरोजनीनगर में कांग्रेस उम्मीदवार रुद्र दमन सिंह को अपार जनसमर्थन मिला है। ब्राह्मण, ठाकुर वोटों के अलावा अन्य बिरादारी का वोट भी उनके पक्ष में गया है। यहां कांग्रेस की जीत तय है। इसी तरह मलिहाबाद में भी कांग्रेस उम्मीदवार इंदल रावत को हर वर्ग का वोट मिला है। उनकी भी जीत तय मानी जा रही है। बीकेटी में कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार अन्य पार्टी के उम्मीदवारों के मुकाबले काफी पहले से सक्रिय हैं। इस बार वहां के वोटर ने जाति-धर्म को छोड़कर विकास के नाम पर वोट किया है। वहीं, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने लखनऊ उत्तर सीट पर जीत मिलने की उम्मीद जताई है। उनका दावा है कि प्रचार के दौरान उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिला है।
सपा कर रही शहर में तीन और ग्रामीण की चारों सीटें जीतंने का दावा
सपा ने शहरी इलाके की तीन और ग्रामीण क्षेत्र की चारों विधानसभा सीटें जीतने का दावा किया है। सपा के नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित का कहना है कि लखनऊ मध्य, उत्तर और पश्चिम में भारी बहुमत के साथ पार्टी जीतेगी। कैंट और पूर्व में बीजेपी और सपा में कड़ी टक्कर है। वहीं, सपा के जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत का दावा है कि सरोजनीनगर, बीकेटी, मोहनलालगंज और मलिहाबाद सीटें सपा उम्मीदवार भारी बहुमत के साथ जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी साल 2012 जैसा इतिहास दोहराने वाली है।
बसपा ने वोट कटवा उम्मीदवार उतारे थे, ताकि बीजेपी को बढ़त मिल सके। इसके बावजूद बीकेटी में 25 हजार तो सरोजनीनगर, मलिहाबाद और मोहनलालगंज में 15 से 20 हजार वोटों के अंतर से सपा प्रत्याशी जीतेंगे।
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