Lockdown in Delhi: दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ेगा या खत्म होगा? आज लिया जा सकता है फैसला h3>
हाइलाइट्स:
- दिल्ली सरकार ने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था, जो 19 अप्रैल की रात 10 बजे से शुरू हुआ था
- दिल्ली सरकार के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई
- इस एक हफ्ते के दौरान राजधानी में कोरोना के मामलों में तो कोई खास कमी नहीं आई
नई दिल्ली
कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था, जो 19 अप्रैल की रात 10 बजे से शुरू हुआ था। इस लॉकडाउन की मियाद सोमवार सुबह 5 बजे खत्म होने वाली है। ऐसे में रविवार यानि आज लॉकडाउन का आखिरी दिन है। इस एक हफ्ते के दौरान राजधानी में कोरोना के मामलों में तो कोई खास कमी नहीं आई, उल्टे ऑक्सिजन क्राइसिस के चलते कोरोना से होने वाली मौतों की तादाद में भारी इजाफा हो गया और महज 5 दिनों के अंदर ही 1500 से ज्यादा लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं। ऐसे में कोरोना के मामले जिस तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं और उसके सामने सारी व्यवस्थाएं जिस तरह कम पड़ती जा रही है, उसे देखते हुए लॉकडाउन को एक्सटेंड किए जाने की संभावना ही ज्यादा नजर आ रही है।
आशंका है कि लॉकडाउन खत्म होने से बढ़ेगी परेशानी
लोकल सर्कल के सर्वे में भी 68 पर्सेंट लोगों ने लॉकडाउन को एक हफ्ते और बढ़ाने की बात कही, तो वहीं दिल्ली के ज्यादातर व्यापारिक संगठन भी लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। जिस तरह के हालात चल रहे हैं, उसमें दिल्ली सरकार भी अब कहीं न कहीं इसी प्रयास में है कि किसी तरह मरीजों का लोड कुछ कम हो और स्थिति में कुछ सुधार आए, लेकिन इस बात की आशंका भी है कि अगर लॉकडाउन खत्म हो गया, तो लोग एक बार फिर बाहर निकलेंगे और जिससे संक्रमण तेजी से फैलेगा और अस्पतालों में व्यवस्था और चरमरा जाएगी।
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दिल्ली सरकार के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई
लॉकडाउन लगाने से पहले लागू किए गए नाइट कर्फ्यू के दौरान भी यह बात लगभग स्पष्ट हो गई थी कि जब तक लोगों के बेवजह बाहर निकलने पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जाएगी, तब तक संक्रमण के फैलने की रफ्तार को नहीं रोका जा सकता। इसी को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन लगाने जैसा कठिन फैसला लिया, लेकिन इसका गरीब तबके के लोगों, खासकर प्रवासी मजदूरों पर जो असर पड़ा, उसका नतीजा भी सबने एक बार फिर मजदूरों के पलायन के रूप में देखा। ऐसे में दिल्ली सरकार के सामने इस बार स्थिति एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई वाली है और यही वजह है कि सरकार के लिए कोई भी फैसला लेना कतई आसान नहीं होगा।
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दिल्ली सरकार और एलजी मिलकर लेंगे फैसला?
इसके अलावा अगर सरकार लॉकडाउन लगाने का निर्णय लेती भी है, तो उसे लागू करने से पहले एलजी की मंजूरी भी लेनी पड़ेगी। ऐसे में एलजी की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी कि लॉकडाउन किस तरह से और कितना एक्सटेंड किया जाए। रविवार को इस संबंध में डीडीएमए की अहम बैठक हो सकती है, जिसमें दिल्ली सरकार और एलजी लॉकडाउन के संबंध में आगे फैसला ले सकते हैं कि उसे बढ़ाया जाए कि नहीं।
दिल्ली में 24 घंटे में रिकॉर्ड 357 मौतें हुईं
राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है। यहां शनिवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,103 नए मामले सामने आए। चिंता की बात ये रही बीते 24 घंटे में दिल्ली में रिकॉर्ड 357 मौतें हुईं। ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इतना ही नहीं, दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 332.27% हो गया। फिलहाल राजधानी में 93,080 मरीजों का इलाज चल रहा है।
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हाइलाइट्स:
- दिल्ली सरकार ने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था, जो 19 अप्रैल की रात 10 बजे से शुरू हुआ था
- दिल्ली सरकार के सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई
- इस एक हफ्ते के दौरान राजधानी में कोरोना के मामलों में तो कोई खास कमी नहीं आई
कोरोना के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने 6 दिन का लॉकडाउन लगाया था, जो 19 अप्रैल की रात 10 बजे से शुरू हुआ था। इस लॉकडाउन की मियाद सोमवार सुबह 5 बजे खत्म होने वाली है। ऐसे में रविवार यानि आज लॉकडाउन का आखिरी दिन है। इस एक हफ्ते के दौरान राजधानी में कोरोना के मामलों में तो कोई खास कमी नहीं आई, उल्टे ऑक्सिजन क्राइसिस के चलते कोरोना से होने वाली मौतों की तादाद में भारी इजाफा हो गया और महज 5 दिनों के अंदर ही 1500 से ज्यादा लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं। ऐसे में कोरोना के मामले जिस तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं और उसके सामने सारी व्यवस्थाएं जिस तरह कम पड़ती जा रही है, उसे देखते हुए लॉकडाउन को एक्सटेंड किए जाने की संभावना ही ज्यादा नजर आ रही है।
आशंका है कि लॉकडाउन खत्म होने से बढ़ेगी परेशानी
लोकल सर्कल के सर्वे में भी 68 पर्सेंट लोगों ने लॉकडाउन को एक हफ्ते और बढ़ाने की बात कही, तो वहीं दिल्ली के ज्यादातर व्यापारिक संगठन भी लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। जिस तरह के हालात चल रहे हैं, उसमें दिल्ली सरकार भी अब कहीं न कहीं इसी प्रयास में है कि किसी तरह मरीजों का लोड कुछ कम हो और स्थिति में कुछ सुधार आए, लेकिन इस बात की आशंका भी है कि अगर लॉकडाउन खत्म हो गया, तो लोग एक बार फिर बाहर निकलेंगे और जिससे संक्रमण तेजी से फैलेगा और अस्पतालों में व्यवस्था और चरमरा जाएगी।
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