Lithium Ukraine News : …तो यूक्रेन में इस सदी का यह खजाना है पूरे फसाद की जड़! h3>
कीव: यूक्रेन की सरजमीं पर रूस गोले और रॉकेट गिरा रहा है। रूस के हमले की वैसे तो कई वजह बताई जा रही है लेकिन एक बड़ी वजह वहां छिपा खजाना भी हो सकता है। जी हां, धरती के जिस टुकड़े पर इन दिनों से रूसी हमले से कोहराम मचा हुआ है, उसके नीचे एक खजाना छिपा है। यह ऐसा विशाल और कीमती खनिज है जो ऐसे ही पड़ा है। जबकि यह इतना उपयोगी है कि यह स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य की नई कहानी लिख सकता है। हम बात कर रहे हैं कि यूक्रेन के लीथियम खजाने की।
लीथियम का इस्तेमाल बैट्री बनाने में किया जाता है जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पावर मिलती है। माना जा रहा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लीथियम का सोर्स लीथियम ऑक्साइड 500,000 टन मौजूद है। शोधकर्ताओं का आकलन कहता है कि अगर इसका उचित तरीके से दोहन किया जाता है तो देश दुनिया के सबसे बड़े लीथियम रिजर्व वाले देशों में से एक होगा। माना जा रहा है कि 21वीं सदी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पर बेस्ड हो जाएगी क्योंकि इतना तेल ही नहीं बचेगा। क्लीन एनर्जी अपनाने के और भी कई कारण बनेंगे।
आक्रमण करने की सबसे बड़ी वजह यह नहीं हो सकती लेकिन एक कारण जरूर है जिससे पता चलता है कि यूक्रेन रूस के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है, यह उसका मिनिरल बेस है।
रॉड शुनोवर, वैज्ञानिक और अमेरिकन नैशनल इंटेलिजेंस काउंसिल में पूर्व निदेशक
रूस का यह आक्रमण ऐसे समय में हुआ है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की देश को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा प्लेयर बनाने की कोशिश कर रहे थे। 2021 के आखिर में, यूक्रेन ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्राकृतिक संसाधनों- लीथियम रिजर्व, कॉपर, कोबाल्ट और निकेल को लेकर बड़ा फैसला लिया था। यूक्रेन ने भंडारण के एक्सप्लोरेशन को लेकर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी।
दुनियाभर के देशों की नजरें यूक्रेन के इस खजाने पर हैं। चीन और ऑस्ट्रेलिया के निवेशक पहले से ही लाइन में लग गए थे। लीथियम खनिज का भंडार चिली, अर्जेंटीना, बोलीविया, ऑस्ट्रेलिया में है। लीथियम बाजार में चीन का दबदबा दिखता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में इस्तेमाल होने वाली हर 10 लीथियम बैट्री में से चार का इस्तेमाल चीन में होता है। 77 फीसदी लीथियम बैट्री का उत्पादन चीन में ही होता है।
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक साल में लीथियम के दाम चार गुना से ज्यादा बढ़ गए। लीथियम लकड़ी से भी हल्की होती है। इलेक्ट्रिक कारों में इसका इस्तेमाल होते है। इसकी वजह से बार-बार चार्ज करने वाली तकनीक कार में काम आती है। लीथियम बैटरी का इस्तेमाल फोन और लैपटॉप में भी होता है। भविष्य में लीथियम बैट्री का इस्तेमाल और बढ़ेगा।
लीथियम का इस्तेमाल बैट्री बनाने में किया जाता है जिससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पावर मिलती है। माना जा रहा है कि यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में लीथियम का सोर्स लीथियम ऑक्साइड 500,000 टन मौजूद है। शोधकर्ताओं का आकलन कहता है कि अगर इसका उचित तरीके से दोहन किया जाता है तो देश दुनिया के सबसे बड़े लीथियम रिजर्व वाले देशों में से एक होगा। माना जा रहा है कि 21वीं सदी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक पर बेस्ड हो जाएगी क्योंकि इतना तेल ही नहीं बचेगा। क्लीन एनर्जी अपनाने के और भी कई कारण बनेंगे।
आक्रमण करने की सबसे बड़ी वजह यह नहीं हो सकती लेकिन एक कारण जरूर है जिससे पता चलता है कि यूक्रेन रूस के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है, यह उसका मिनिरल बेस है।
रॉड शुनोवर, वैज्ञानिक और अमेरिकन नैशनल इंटेलिजेंस काउंसिल में पूर्व निदेशक
रूस का यह आक्रमण ऐसे समय में हुआ है जब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की देश को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा प्लेयर बनाने की कोशिश कर रहे थे। 2021 के आखिर में, यूक्रेन ने स्वच्छ ऊर्जा तकनीक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्राकृतिक संसाधनों- लीथियम रिजर्व, कॉपर, कोबाल्ट और निकेल को लेकर बड़ा फैसला लिया था। यूक्रेन ने भंडारण के एक्सप्लोरेशन को लेकर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी।
दुनियाभर के देशों की नजरें यूक्रेन के इस खजाने पर हैं। चीन और ऑस्ट्रेलिया के निवेशक पहले से ही लाइन में लग गए थे। लीथियम खनिज का भंडार चिली, अर्जेंटीना, बोलीविया, ऑस्ट्रेलिया में है। लीथियम बाजार में चीन का दबदबा दिखता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में इस्तेमाल होने वाली हर 10 लीथियम बैट्री में से चार का इस्तेमाल चीन में होता है। 77 फीसदी लीथियम बैट्री का उत्पादन चीन में ही होता है।
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक साल में लीथियम के दाम चार गुना से ज्यादा बढ़ गए। लीथियम लकड़ी से भी हल्की होती है। इलेक्ट्रिक कारों में इसका इस्तेमाल होते है। इसकी वजह से बार-बार चार्ज करने वाली तकनीक कार में काम आती है। लीथियम बैटरी का इस्तेमाल फोन और लैपटॉप में भी होता है। भविष्य में लीथियम बैट्री का इस्तेमाल और बढ़ेगा।