LIC म्यूचुअल फंड के CEO दिनेश पंग्टी को क्यों है शेयर बाजार में 10-12% करेक्शन की आशंका?

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LIC म्यूचुअल फंड के CEO दिनेश पंग्टी को क्यों है शेयर बाजार में 10-12% करेक्शन की आशंका?


LIC म्यूचुअल फंड के CEO दिनेश पंग्टी को क्यों है शेयर बाजार में 10-12% करेक्शन की आशंका?

नई दिल्ली
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को आईपीओ (IPO) लाने की अनुमति मिल गई है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के शेयर बाजार में लिस्ट होने की यह खबर उसकी म्यूच्यूअल फंड कंपनी एलआईसी म्यूचुअल फंड पर भी असर डाल सकती है। एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC MF) के सीईओ दिनेश पंग्टी से यह समझने की कोशिश की गई कि शेयर बाजार में एलआईसी (LIC) के Stock Market में लिस्ट होने के बाद म्यूच्यूअल फंड (MF) के कारोबार पर किस तरह का असर पड़ सकता है।

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LIC के प्रदर्शन पर निगाहें
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के शेयर बाजार में लिस्ट होने की खबर बहुत बड़ी बात है। एक बार शेयर बाजार में लिस्ट हो जाने के बाद एलआईसी के कारोबार पर हमेशा बाजार के भागीदारों की नजर रहेगी। एलआईसी ऑफ इंडिया की ग्रुप कंपनी के रूप में एलआईसी म्यूचुअल फंड के कारोबार पर भी अब शेयर बाजार की नजरें बनी रहेंगी। एलआईसी म्यूचुअल फंड ने अपनी 5 साल की योजना बनाकर उस पर आगे बढ़ने का फैसला किया है।

अगली कुछ तिमाही पर नजर
LIC MF के सीईओ दिनेश पंग्टी ने कहा कि भारत का शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। इस समय कंपनियों का वैल्यूएशन बहुत महंगा है। मौजूदा आर्थिक माहौल और मैक्रोइकनॉमिक संकेतक को देखते हुए यह वैल्यूएशन और भी ज्यादा लगता है। शेयर बाजार वास्तव में भविष्य को देख कर चलता है और मौजूदा वैल्यूएशन में भविष्य के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान छुपे हुए हैं।अगली कुछ तिमाही भारत की जीडीपी ग्रोथ और शेयर बाजार की चाल के हिसाब से बहुत बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है।

छोटी अवधि में शेयर बाजार पर असर
शेयर बाजार में अगर छोटी अवधि के परिदृश्य की बात करें तो यह ग्लोबल सेक्टर और वैक्सीनेशन ड्राइव के आंकड़ों से संचालित होने वाला है। इसके साथ ही मानसून की चाल और डिमांड में रिकवरी का भी शेयर बाजार पर छोटी अवधि में असर पड़ने की आशंका है। शुरुआती संकेत यह बताते हैं कि इस तरह के संकेतक हरे निशान में जाने की ओर इशारा कर रहे हैं। भारत अब कोरोनावायरस संकट के दूसरे चरण से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा है और देश में टीकाकरण भी तेजी से बढ़ रहा है।

शेयर बाजार में करेक्शन
एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीईओ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारतीय शेयर बाजार में अब डीप करेक्शन नहीं होते हैं। इसकी एक प्रमुख वजह घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में किया जा रहा निवेश है। इसके साथ ही म्यूच्यूअल फंड द्वारा सिप के रूप में भारी रकम निवेश किए जाने की वजह से शेयर बाजार अब परिपक्व हुआ है। पिछले 1 साल में शेयर बाजार में जिस तरह की तेजी देखी गई है उसमें 10-12 फ़ीसदी का करेक्शन आना कोई बड़ी बात नहीं है। अगर कंपनियों के तिमाही नतीजे ठीक नहीं रहते हैं तो शेयर बाजार में इतना करेक्शन देखा जा सकता है।

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