KTS 3.O: धार्मिक क्षेत्र में लगाएंगे सनातनी डुबकी: 56 विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 200 तमिल छात्र होंगे काशी तमिल संगमम का हिस्सा – Varanasi News h3>
काशी तमिल संगमम की तैयारियों की समीक्षा करते केंद्र सरकार के प्रतिनिधि
काशी तमिल संगमम 3.O में आने वाले प्रतिनिधि धार्मिक क्षेत्र वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज का भ्रमण करते हुए देश के गौरवशाली सनातन धर्म को समझेंगे। महाकुंभ के दौरान तमिलनाडु से आ रहा प्रतिनिधिमंडल पहले काशी में गंगा में डुबकी लगाएगा, उसके बाद महाकुम्भ
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संगमम का प्रमुख उद्देश्य देश के दो पुराने शिक्षण संस्थानों आईआईटी मद्रास, और बीएचयू के परस्पर सहयोग से सदियों पुराने वैदिक ज्ञान को खोजना और उसका उत्सव मनाना है।
काशी में 15 फरवरी से संगमम का शुभारंभ होगा। तैयारियों की समीक्षा करने शुक्रवार को केंद्र सरकार में अपर सचिव सुनील कुमार बरनवाल पहुंचे। जिलाधिकारी एस राजलिंगम और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
तमिल मूल के 200 छात्रों का विशेष दल आएगा
अपर सचिव ने बताया कि काशी तमिल संगमम में इस बार एक हजार प्रतिनिधियों का दल आएगा। इसमें देश के विभिन्न 56 केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले तमिल मूल का छात्र भी होंगे। काशी और तमिलनाडु के युवाओं बीच के बंधन को और मजबूत करने में इनकी भूमिका अहम होगी जो भारत के भविष्य की आधारशिला हैं।
पांच समूह में आएंगे 1000 प्रतिनिधि
काशी तमिल संगमम में इस बार तमिलनाडु से 1000 प्रतिनिधि आ रहे। सभी अलग अलग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। 200 – 200 के एक समूह में छात्र, शिक्षक, लेखक, दूसरे में किसान, कारीगर, तीसरे में पेशेवर और उद्यमी, चौथे में मुद्रा लोन समेत सरकार की अन्य योजनाओं से लाभान्वित होकर समाज में खड़ी महिलाएं और पांचवे समूह में इनोवेशन, एजुकेशन टेक्नो, और रिसर्च से जुड़े लोग शामिल होंगे।
ऋषि अगस्त्य के जरिए जानेंगे काशी तमिल का संबंध
ऋषि अगस्त्य ने ही विंध्य की पहाड़ियों से होते हुए दक्षिण भारत पहुंचने का रास्ता बनाया था। काशी तमिल संगमम में इस बार ऋषि अगस्त्य के विभिन्न पहलुओं, साहित्य, राजनीति, कला संस्कृति, दर्शन शास्त्र समेत तमिल क्षेत्र में उनके विशेष योगदान पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, एडीएम प्रशासन विपिन कुमार समेत अन्य शामिल रहे।