Kolhapur Bypoll Result 2022: महाराष्ट्र के कोल्हापुर उपचुनाव में नहीं खिला कमल, कांग्रेस की जयश्री जाधव 18 हजार 800 वोटों से विजयी h3>
कोल्हापुर: आखिरकार महाराष्ट्र(Maharashtra) के कोल्हापुर(नार्थ) विधानसभा उपचुनाव(Kolhapur North Bypoll 2002) में जीत का सेहरा कांग्रेस(Congress) की प्रत्याशी जयश्री जाधव(Jayshree Jadhav) के सिर पर बंध गया है। कोल्हापुर उत्तर में कांग्रेस के दोबारा अच्छे दिन लौट आये हैं। महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों का समर्थन जयश्री जाधव को मिला था। यूं तो इस चुनाव 15 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे लेकिन असली लड़ाई कांग्रेस की जयश्री जाधव और बीजेपी के सत्यजीत कदम(Satyajeet Kadam) के बीच में थी। मतगणना की शुरुआत से लेकर आखिर तक जयश्री जाधव ने अच्छी खासी बढ़त बनाई हुई थी। इस चुनाव में जयश्री जाधव को 96226 वोट मिले हैं जबकि बीजेपी(BJP) के सत्यजीत कदम को 77426 वोट मिले हैं।
जनता का आदेश मान्य
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने जो फैसला दिया है उसे हम मान्य करते हैं। पाटिल ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ अकेली बीजेपी थी और दूसरी तरफ तीन दलों वाली महाविकास अघाड़ी की उम्मीदवार जयश्री जाधव। कांग्रेस के विधायक चंद्रकांत जाधव की मौत के बाद यह उपचुनाव हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस और शिवसेना का वर्चस्व है। बीजेपी को मिली इस शिकस्त के बाद चंद्रकांत पाटिल के ऊपर सोशल मीडिया पर एक बाद एक कमेंट किये जा रहे हैं। दरअसल पाटिल ने चुनाव के पहले यह ऐलान किया था कि कोल्हापुर में कहीं भी चुनाव करवाओ। अगर मेरा प्रत्याशी नहीं जीता तो मैं राजनीति छोड़कर हिमालय जाऊंगा। इस सीट पर बीते 12 अप्रैल को मतदान हुआ था।
कांग्रेस के लिए जीत के मायने क्या हैं
इस उप चुनाव में कांग्रेस की जयश्री पाटिल ने भले ही जीत दर्ज की हो लेकिन इस जीत का पार्टी के लिए खास फायदा नहीं है। इसकी पहली वजह यह है कि जयश्री जाधव के पति चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद उन्हें सहानुभूति वाले वोट मिलना लगभग तय माना जा रहा था। दूसरी वजह है कि किसी प्रत्याशी के निधन के बाद महाराष्ट्र में उस पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अन्य दल अपना उम्मीदवार नहीं उतारते हैं। इसके चलते जयश्री को कांग्रेस के मतदाताओं के अलावा शिवसेना और एनसीपी के भी वोट मिले हैं। इस लड़ाई में बीजेपी अकेले थी। दूसरा उपचुनाव होने की वजह उनके स्टार प्रचारकों का जमावड़ा भी नहीं लगा। कांग्रेस भले ही यह उपचुनाव जीत गयी हो लेकिन अभी उन्हें अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। हालाँकि इस चुनाव के जरिये यह बात भी साफ़ हुई है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन बीजेपी पर भारी है।
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जनता का आदेश मान्य
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने जो फैसला दिया है उसे हम मान्य करते हैं। पाटिल ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ अकेली बीजेपी थी और दूसरी तरफ तीन दलों वाली महाविकास अघाड़ी की उम्मीदवार जयश्री जाधव। कांग्रेस के विधायक चंद्रकांत जाधव की मौत के बाद यह उपचुनाव हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस और शिवसेना का वर्चस्व है। बीजेपी को मिली इस शिकस्त के बाद चंद्रकांत पाटिल के ऊपर सोशल मीडिया पर एक बाद एक कमेंट किये जा रहे हैं। दरअसल पाटिल ने चुनाव के पहले यह ऐलान किया था कि कोल्हापुर में कहीं भी चुनाव करवाओ। अगर मेरा प्रत्याशी नहीं जीता तो मैं राजनीति छोड़कर हिमालय जाऊंगा। इस सीट पर बीते 12 अप्रैल को मतदान हुआ था।
कांग्रेस के लिए जीत के मायने क्या हैं
इस उप चुनाव में कांग्रेस की जयश्री पाटिल ने भले ही जीत दर्ज की हो लेकिन इस जीत का पार्टी के लिए खास फायदा नहीं है। इसकी पहली वजह यह है कि जयश्री जाधव के पति चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद उन्हें सहानुभूति वाले वोट मिलना लगभग तय माना जा रहा था। दूसरी वजह है कि किसी प्रत्याशी के निधन के बाद महाराष्ट्र में उस पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अन्य दल अपना उम्मीदवार नहीं उतारते हैं। इसके चलते जयश्री को कांग्रेस के मतदाताओं के अलावा शिवसेना और एनसीपी के भी वोट मिले हैं। इस लड़ाई में बीजेपी अकेले थी। दूसरा उपचुनाव होने की वजह उनके स्टार प्रचारकों का जमावड़ा भी नहीं लगा। कांग्रेस भले ही यह उपचुनाव जीत गयी हो लेकिन अभी उन्हें अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। हालाँकि इस चुनाव के जरिये यह बात भी साफ़ हुई है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन बीजेपी पर भारी है।
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