Kejriwal Model: आप नेता आतिशी ने UN में समझाया गवर्नेंस का दिल्ली मॉडल

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Kejriwal Model: आप नेता आतिशी ने UN में समझाया गवर्नेंस का दिल्ली मॉडल

Kejriwal Model: आप नेता आतिशी ने UN में समझाया गवर्नेंस का दिल्ली मॉडल

नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से आयोजित शिखर सम्मेलन ‘वर्ल्ड असेंबली’ में कालकाजी की विधायक आतिशी ने ‘दिल्ली मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस’ को दुनिया के सामने रखा। न्यूयॉर्क में हुए इस सम्मेलन में आतिशी ने बताया कि कैसे पिछले 7 साल में अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल ने दिल्ली की सूरत बदली है। दिल्ली सरकार तमाम चुनौतियों का सामना करने के बावजूद बेहतरीन सार्वजनिक सेवाएं उपलब्ध करवा रही है और दिल्ली का बजट भी घाटे में नहीं गया है। इस मॉडल से दुनिया भर के देशों के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान मिल सकता है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधायक आतिशी को बधाई देते हुए कहा कि भारत के लिए यह गौरव का क्षण है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिल्ली और देश के लोगों की भावनाओं समेत देश के सामर्थ्य से पूरे विश्व को अवगत कराने पर बहुत-बहुत बधाई। दुनिया अब शासन के कई क्षेत्रों में समाधान के लिए दिल्ली की ओर देख रही है। बेहतर दुनिया बनाने के लिए हम सभी एक-दूसरे से सीखेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि यह ऐतिहासिक पल है। संयुक्त राष्ट्र संघ में बताया गया कि कैसे सस्टेनेबल सिटीज के निर्माण में अरविंद केजरीवाल मॉडल मदद कर सकता है।

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विधायक आतिशी ने कहा कि 90 के दशक के अंतिम वर्षों में पूरे विश्व में सरकारों के लिए शिक्षा-स्वास्थ्य और बिजली उपलब्ध करवाना बहुत महंगा हो गया। ऐसे में सरकारों ने खासतौर पर विकासशील देशों ने इन सेवाओं को प्राइवेट हाथों को सौंप दिया। इससे टैरिफ बढ़ा। सरकारों ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी बजट में कटौती की। इससे समाज के अंदर आर्थिक असामनता बढ़ी।

आतिशी ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए बताया कि 2015 तक दिल्ली में बिजली की दरें बहुत ज्यादा थी और लगातार कई घंटों के पावर कट लगते थे। बिजली कंपनियां भी घाटे में चलती थीं। सरकारी स्कूल जर्जर हालत में थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। दिल्ली सरकार ने अपनी नीतियों से यह कर दिखाया कि सभी को बेहतर सार्वजानिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती है। आज बिजली की मांग बढ़ने के बावजूद दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है। दिल्ली में बिजली की कीमतें पूरे देश में सबसे कम है। 40 लाख घरों का बिजली बिल जीरो आता है। दिल्ली के 80 फीसदी से ज्यादा इलाकों में पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइन है। सरकारी स्कूलों का रिजल्ट भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आने लगा है और पिछले साल दो लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। मोहल्ला क्लीनिक से घर के पास स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है।

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आतिशी ने बताया कि दिल्ली पूरे देश की एकमात्र ऐसी राज्य सरकार है, जिसके पास राजकोषीय घाटा नहीं है। सात सालों में दिल्ली सरकार का बजट 30 हजार करोड़ से बढ़कर 75 हजार करोड़ रुपये हो गया और दिल्ली की जीडीपी में 150 फीसद का इजाफा हुआ है। अगर दिल्ली बदलाव की इस यात्रा पर चल सकती है, तो दुनिया भर के अन्य सभी शहर भी चल सकते हैं।

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