Kaun Pravin Tambe:जब राहुल द्रविड़ ने सुनाई थी ‘अंकल’ प्रवीण तांबे की कहानी, 4 मिनट का Video देख हो जाएंगे फैन h3>
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) जितना खिलाड़ी के रूप में मशहूर हुए, उतना ही कोच के रूप में सक्सेस हैं। जूनियर कोच के रूप में उनके तरासे हुए खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर तहलका मचा रहे हैं। फिलहाल सीनियर टीम के चीफ कोच हैं तो उनके टैलेंट हंट का दायरा भी बढ़ा है। हालांकि, यह काम तो वह काफी पहले से करते आ रहे हैं। मुंबई के लेग स्पिनर प्रवीण तांबे (Rahul Dravid Found Pravin Tambe) को ही ले लीजिए।
प्रवीण तांबे ने 41 वर्ष की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में राजस्थान रॉयल्स के लिए डेब्यू किया था और बाद में हैट्रिक भी ली। अब उनकी बायोपिक ‘कौन प्रवीण तांबे’ (Kaun Pravin Tambe) रिलीज हुई है। प्रवीण की कहानी को रोमांचक पटकथा में बदलने का श्रेय काफी हद तक राहुल द्रविड़ को भी जाता है। उन्होंने इस खिलाड़ी को उस उम्र में राजस्थान के लिए खेलने का मौका दिया, जिसमें अधिकतर खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं।
कोच राहुल द्रविड़ राजस्थान रॉयल्स के कप्तान हुआ करते थे और किस तरह प्रवीण तांबे को टीम में लिया गया और फिर 41 वर्ष की उम्र में डेब्यू कराया गया इस बारे में उन्होंने खुलासा किया था। द्रविड़ ने एक इवेंट में कहा था, ‘अधिक मौके पर लोग मुझसे सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण के बारे में जानना चाहते हैं। वे महान हैं, लेकिन आज एक खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहा हूं जो इनसे अलग है।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘मैं जिस खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहा हूं वह हैं- प्रवीण तांबे। तांबे ने मुंबई के मैदानों पर 20 वर्ष क्रिकेट खेली, लेकिन कभी और किसी भी लेवल पर मुंबई के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन वह बॉलिंग करते रहे और खुद को तराशते रहे। यह बहुत मुश्किल होता है कि आप साल दर साल मैदान पर जाएं और बॉलिंग करते रहें, जबकि मौका न मिले। हालांकि वह हार नहीं माने।’
उन्होंने प्रवीण तांबे के राजस्थान रॉयल्स से जुड़ने यानी उनके सुनहरे समय के आगाज के बारे में बताया, ‘दरअसल, राजस्थान रॉयल्स को लेग स्पिनर की जरूरत थी। वह हमें नेट्स पर बॉलिंग करने के लिए आए। उस वक्त मैंने एक युवा खिलाड़ी को यह कहते हुए सुना कि यह अंकल कौन है? वह उस वक्त 40 वर्ष की थे। हमने प्रवीण को टीम में लेने का तय किया। उस समय मुझे राजस्थान के CEO ने कॉल किया और पूछा- आप कर क्या रहे हो? हम राजस्थान रॉयल्स हैं और युवाओं को प्रमोट करेंगे। मैंने उनसे कहा कि हमें उन पर विश्वास है।’
उन्होंने डेब्यू के इंतजार और तांबे के अनवरत करने वाले प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा, ‘हालांकि, उन्हें उस सीजन डेब्यू का मौका नहीं मिला। लेकिन एक बात जो मुझे आकर्षित करती थी वह यह कि वह बहुत अनुशासित थे। वह हर मैच में उपलब्ध होते थे। हर नेट सेशन और जिम सेशन को जॉइन करते थे। चाहे भले ही उन्हें मौका नहीं मिल रहा था, लेकिन वह शेन वॉटसन, मुझसे और अन्य खिलाड़ियों से अपनी गेंदबाजी में सुधार को लेकर बात करते रहते थे।’
उन्होंने प्रवीण तांबे के पहले मैन ऑफ द मैच पर कहा, ‘मुझे याद है जब प्रवीण को मौका मिला और उन्होंने उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए पहला मैन ऑफ द मैच मिला तो वह मेरे पास आए और रोने लगे। मेरे लिए यह पैशन था। सबसे रोचक कहानी थी। बिना किसी सराहना के 20 वर्ष तक बिना थके अपने सपने को पूरा करने के लिए कोशिश करते रहना और जब मौका मिले तो उसे दोनों हाथों से लपकना बड़ी बात होती है।’ बता दें कि फिल्म में प्रवीण तांबे के रोल को श्रेयस तलपड़े ने जीवंत किया है।
उल्लेखनीय है कि तांबे ने 41 वर्ष की उम्र में राजस्थान रॉयल्स के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने 2014 सीजन में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मनीष पांडे, यूसुफ पठान और रयान टेन डोशेट को लगातार तीन गेंदों पर आउट करते हुए हैट्रिक भी पूरी की थी। इस सीजन में पर्पल कैप भी कुछ समय के लिए उनके पास थी।
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कोच राहुल द्रविड़ राजस्थान रॉयल्स के कप्तान हुआ करते थे और किस तरह प्रवीण तांबे को टीम में लिया गया और फिर 41 वर्ष की उम्र में डेब्यू कराया गया इस बारे में उन्होंने खुलासा किया था। द्रविड़ ने एक इवेंट में कहा था, ‘अधिक मौके पर लोग मुझसे सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण के बारे में जानना चाहते हैं। वे महान हैं, लेकिन आज एक खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहा हूं जो इनसे अलग है।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘मैं जिस खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहा हूं वह हैं- प्रवीण तांबे। तांबे ने मुंबई के मैदानों पर 20 वर्ष क्रिकेट खेली, लेकिन कभी और किसी भी लेवल पर मुंबई के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन वह बॉलिंग करते रहे और खुद को तराशते रहे। यह बहुत मुश्किल होता है कि आप साल दर साल मैदान पर जाएं और बॉलिंग करते रहें, जबकि मौका न मिले। हालांकि वह हार नहीं माने।’
उन्होंने प्रवीण तांबे के राजस्थान रॉयल्स से जुड़ने यानी उनके सुनहरे समय के आगाज के बारे में बताया, ‘दरअसल, राजस्थान रॉयल्स को लेग स्पिनर की जरूरत थी। वह हमें नेट्स पर बॉलिंग करने के लिए आए। उस वक्त मैंने एक युवा खिलाड़ी को यह कहते हुए सुना कि यह अंकल कौन है? वह उस वक्त 40 वर्ष की थे। हमने प्रवीण को टीम में लेने का तय किया। उस समय मुझे राजस्थान के CEO ने कॉल किया और पूछा- आप कर क्या रहे हो? हम राजस्थान रॉयल्स हैं और युवाओं को प्रमोट करेंगे। मैंने उनसे कहा कि हमें उन पर विश्वास है।’
उन्होंने डेब्यू के इंतजार और तांबे के अनवरत करने वाले प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा, ‘हालांकि, उन्हें उस सीजन डेब्यू का मौका नहीं मिला। लेकिन एक बात जो मुझे आकर्षित करती थी वह यह कि वह बहुत अनुशासित थे। वह हर मैच में उपलब्ध होते थे। हर नेट सेशन और जिम सेशन को जॉइन करते थे। चाहे भले ही उन्हें मौका नहीं मिल रहा था, लेकिन वह शेन वॉटसन, मुझसे और अन्य खिलाड़ियों से अपनी गेंदबाजी में सुधार को लेकर बात करते रहते थे।’
उन्होंने प्रवीण तांबे के पहले मैन ऑफ द मैच पर कहा, ‘मुझे याद है जब प्रवीण को मौका मिला और उन्होंने उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए पहला मैन ऑफ द मैच मिला तो वह मेरे पास आए और रोने लगे। मेरे लिए यह पैशन था। सबसे रोचक कहानी थी। बिना किसी सराहना के 20 वर्ष तक बिना थके अपने सपने को पूरा करने के लिए कोशिश करते रहना और जब मौका मिले तो उसे दोनों हाथों से लपकना बड़ी बात होती है।’ बता दें कि फिल्म में प्रवीण तांबे के रोल को श्रेयस तलपड़े ने जीवंत किया है।
उल्लेखनीय है कि तांबे ने 41 वर्ष की उम्र में राजस्थान रॉयल्स के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने 2014 सीजन में कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मनीष पांडे, यूसुफ पठान और रयान टेन डोशेट को लगातार तीन गेंदों पर आउट करते हुए हैट्रिक भी पूरी की थी। इस सीजन में पर्पल कैप भी कुछ समय के लिए उनके पास थी।