Karnataka Hijab Row: क्या हिजाब पहनना इस्लाम का जरूरी हिस्सा है?

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Karnataka Hijab Row: क्या हिजाब पहनना इस्लाम का जरूरी हिस्सा है?


Karnataka Hijab Row: क्या हिजाब पहनना इस्लाम का जरूरी हिस्सा है?

नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (Hijab Controversy Karnataka) पहनने का मुद्दा इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर वैचारिक स्तर पर भी बहस हो रही है और अलग- अलग बयान सामने आ रहे हैं। संस्कृति, धर्म ,राष्ट्रीय पहचान, लैंगिक समानता आदि से जोड़कर इसको देखा जा रहा है। कई लड़कियां हिजाब पहनकर विरोध कर रही हैं और कई लड़के भगवा शॉल में विरोध कर रहे हैं। विजडम फाउंडेशन की महानिदेशक प्रो जीनत शौकत अली ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे लेख लिखा है कि मैं भी विरोध प्रदर्शनों के बारे में कई सवालों पर विचार कर रही हूं जो अब राज्य के कई कॉलेजों में फैल गया है।

क्या हम एकरूपता के नाम पर भारत में अल्पसंख्यक को दबाने के तौर देख रहे हैं? या क्या हिजाब के मुद्दे पर एक लड़ाई लड़ने की जरूरत है जहां युवा, प्रभावशाली महिलाएं एक तरफ मौलवियों के हुक्म की बंधक हैं। और यह तब जब उनके आगे बढ़ने का एक जरिया शिक्षा दांव पर लगी हो। वहीं दूसरी ओर क्या सिख पगड़ी, मुस्लिम टोपी, हिंदू तिलक, या ईसाई क्रूस के माध्यम से पुरुष धार्मिक पहचान को भी उसी नजरिए से देखना चाहिए। यदि भारत के शैक्षणिक संस्थानों या सरकारी कार्यालयों में पुरुष से जुड़े सांस्कृतिक/धार्मिक परिधानों पर कोई प्रतिबंध नहीं है, तो इसका खामियाजा महिलाओं को ही क्यों भुगतना पड़ रहा है?

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घूंघट.. पर्दा कहां से आया

घूंघट.. पर्दा इसकी उत्पत्ति इस्लाम के आगमन के साथ नहीं हुई थी। प्राचीन मेसोपोटामिया ग्रीक और फारसी साम्राज्यों में कुलीन महिलाओं ने सम्मान और उच्च स्थिति के संकेत के रूप में घूंघट को अपनाया था। प्राचीन मेसोपोटामिया .. जिसमें विस्तार से बताया गया था कि किन महिलाओं को घूंघट करना चाहिए और किन महिलाओं को नहीं। इसलिए, इस्लाम के आगमन से बहुत पहले यह प्रभाव में आया था। बुर्का, अबाया, नकाब आदि शब्द कुरान से अपरिचित हैं। साथ ही, कुरान में हिजाब शब्द ‘कपड़ों’ के बराबर नहीं है। इस शब्द के कई रूपक आयाम हैं, जिनमें से कोई भी महिलाओं के कपड़ों से संबंधित नहीं है।

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मुस्लिम बहुल देशों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है?
कोसोवो (2009 से), अजरबैजान (2010 से), ट्यूनीशिया (1981 से, 2011 में आंशिक रूप से उठाया गया) और तुर्की (धीरे-धीरे उठाया गया) मुस्लिम-बहुल देशों में से हैं, जिन्होंने पब्लिक स्कूलों और विश्वविद्यालयों या सरकारी भवनों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है। सीरिया और मिस्र ने क्रमशः जुलाई 2010 और 2015 से विश्वविद्यालयों में चेहरे पर नकाब लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया। दूसरी ओर, ईरान, अफगानिस्तान और इंडोनेशियाई प्रांत आचेह में कानून द्वारा हिजाब/बुर्का अनिवार्य है। इंडोनेशिया, मलेशिया, मोरक्को, ब्रूनी, मालदीव और सोमालिया में हिजाब अनिवार्य नहीं है।

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भारत में, पहले के अदालती फैसलों ने परस्पर विरोधी जवाब दिए हैं, और वर्तमान कर्नाटक मामले के साथ शैक्षणिक संस्थानों के लिए ड्रेस कोड से संबंधित कानूनी नियम एक बार फिर अदालत के सामने हैं। भारत के लोकतांत्रिक मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, अब हम कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।



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