Kanpur Dehat New Name: क्यों बदलना चाहिए कानपुर देहात का नाम, व्यापारियों ने बताई मुख्य वजह h3>
कानपुर : कानपुर देहात जिले का नाम बदलने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। कानपुर देहात की आवाम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अटल जी नगर नाम रखने की मांग की थी। वहीं उद्यमी कानपुर देहात जिले का नाम बदलकर कानपुर ग्रेटर रखना चाहते हैं। इसको लेकर उद्यमियों के प्रतिनिधी मंडल ने प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान से मुलाकात की है। उद्यमियों ने कहा कि कानपुर देहात नाम से पिछड़ेपन का अहसास होता है, यदि कानपुर देहात का नाम बदलकर कानपुर ग्रेटर रखा जाएगा तो उद्यमियों की नजर में उसकी क्षवि बनेगी।
कानपुर देहात एक ऐसा जिला है, जिसके विभाजन को लेकर कई बार सहमति बनी और बिगड़ी थी। कानपुर जिले का 09 जून 1976 को अलग जिला कानपुर देहात बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस पर 12 जुलाई 1977 को कानपुर जिले के विभाजन को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद 25 अप्रैल 1981 को कानपुर जिले को विभाजित कर कानपुर देहात अलग जिला बना दिया गया था। 01 जुलाई 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने कानपुर देहात का नाम बदलकर रमाबाई नगर रख दिया था। दो साल बाद 30 जुलाई 2012 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यावद ने रमाबाई नगर का नाम बदलकर कानपुर देहात कर दिया था।
अटल जी नगर रखना चाहते हैं जिले का नाम
कानपुर देहात के संभ्रात लोगों ने बीते दिनों मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिले का नाम अटल जी नगर रखने की मांग की थी। स्थानीय लोगों के पत्र को मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान में लिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव राजस्व विभाग के सचिव को पत्र लिखा था। इसके बाद एडीएम प्रशासन ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। समिति के सदस्य जिले का नाम अटल जी नगर रखने को लेकर जनप्रतिनिधियों और जनसामान्य से सुझाव लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। ये रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
कानपुर देहात नाम से पिछड़े होने का होता है अहसास
प्रदेश के सूक्ष्म, लघू, मध्यम व निर्यात मंत्री राकेश सचान से उनके किदवई नगर स्थित आवास पर प्राविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की है। पदाधिकारियों ने कहा कि कानपुर देहात का नाम सुनते ही किसी पिछड़े जिले की छवि बनती है। कानपुर जिला कानपुर नगर से जुड़ा है। इसके विकास की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। कानपुर देहात का नाम सुनकर बड़े-बड़े अधिकारी भी आने से बचते हैं। यदि जिले का नाम कानपुर ग्रेटर होगा तो अधिकारी और उद्यमी आने की उत्सुकता दिखाएंगे।
विकास की हैं अपार संभावनाएं
उद्यमियों ने मंत्री राकेश सचान से कहा कि कानपुर देहात जिला एनएच 19 और एनएच 27 से लिंक है। इसके साथ ही झांसी और दिल्ली-हावड़ा रेलवे रूट भी क्षेत्र से होकर गुजरा है। आने वाले दिनों में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का भी लाभ मिलेगा। वहीं कानपुर देहात में दो हजार से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं। रनियां और जैनपुर ग्रोथ सेंटर हैं। कानपुर देहात के पिछड़ेपन की छवि की वजह से लोग कानपुर न्यू सिटी की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन कानपुर देहात की तरफ जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानपुर ग्रेटर अग्रणी की भूमिका निभाने वाला नाम है। वहीं मंत्री राकेश सचान ने उद्यमियों को अश्वासन दिया है कि उनके इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
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अटल जी नगर रखना चाहते हैं जिले का नाम
कानपुर देहात के संभ्रात लोगों ने बीते दिनों मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिले का नाम अटल जी नगर रखने की मांग की थी। स्थानीय लोगों के पत्र को मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान में लिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव राजस्व विभाग के सचिव को पत्र लिखा था। इसके बाद एडीएम प्रशासन ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। समिति के सदस्य जिले का नाम अटल जी नगर रखने को लेकर जनप्रतिनिधियों और जनसामान्य से सुझाव लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। ये रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
कानपुर देहात नाम से पिछड़े होने का होता है अहसास
प्रदेश के सूक्ष्म, लघू, मध्यम व निर्यात मंत्री राकेश सचान से उनके किदवई नगर स्थित आवास पर प्राविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की है। पदाधिकारियों ने कहा कि कानपुर देहात का नाम सुनते ही किसी पिछड़े जिले की छवि बनती है। कानपुर जिला कानपुर नगर से जुड़ा है। इसके विकास की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। कानपुर देहात का नाम सुनकर बड़े-बड़े अधिकारी भी आने से बचते हैं। यदि जिले का नाम कानपुर ग्रेटर होगा तो अधिकारी और उद्यमी आने की उत्सुकता दिखाएंगे।
विकास की हैं अपार संभावनाएं
उद्यमियों ने मंत्री राकेश सचान से कहा कि कानपुर देहात जिला एनएच 19 और एनएच 27 से लिंक है। इसके साथ ही झांसी और दिल्ली-हावड़ा रेलवे रूट भी क्षेत्र से होकर गुजरा है। आने वाले दिनों में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का भी लाभ मिलेगा। वहीं कानपुर देहात में दो हजार से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं। रनियां और जैनपुर ग्रोथ सेंटर हैं। कानपुर देहात के पिछड़ेपन की छवि की वजह से लोग कानपुर न्यू सिटी की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन कानपुर देहात की तरफ जाना पसंद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानपुर ग्रेटर अग्रणी की भूमिका निभाने वाला नाम है। वहीं मंत्री राकेश सचान ने उद्यमियों को अश्वासन दिया है कि उनके इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।