Kamalnath के बाद बागेश्वर सरकार के दरबार में पहुंचे Shivraj Singh, जानें विधानसभा चुनाव के लिए है दोनों का प्लान

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Kamalnath के बाद बागेश्वर सरकार के दरबार में पहुंचे Shivraj Singh, जानें विधानसभा चुनाव के लिए है दोनों का प्लान

Kamalnath के बाद बागेश्वर सरकार के दरबार में पहुंचे Shivraj Singh, जानें विधानसभा चुनाव के लिए है दोनों का प्लान


भोपाल: मध्यप्रदेश में इन दिनों तीन संतों की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। पंडोखर सरकार, प्रदीप मिश्रा और धीरेन्द्र शास्त्री की। बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है। एक तरफ जहां ये तीनों संत सुर्खियों में हैं वहीं, दूसरी तरफ राज्य में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस भी एक्टिव हैं। यही कारण है कि पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और अब मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान बागेश्वर धाम सरकार के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे हैं। विधानसभा चुनावों में जनता किसका साथ देगी ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा लेकिन नेता, दरबार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंच गए हैं। इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ भी बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महाशिवरात्रि के मौके पर बागेश्वर धाम पहुंचे थे। शनिवार को बागेश्वर सरकार ने 121 गरीब लड़कियों के सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। इस आयोजन में शिवराज सिंह के साथ-साथ मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी शामिल हुए थे। शिवराज सिंह चौहान के बागेश्वर धाम आने से पहले राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेद्र सिंह भी बाबा के दरबार में शामिल हो चुके हैं।

बुंदेलखंड पर फोकस
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं। बागेश्वर सरकार का आश्रम छतरपुप जिले में है। छतरपुर बुंदेलखंड में आता है। बुंदेलखंड का हिस्सा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़कर बना है। मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में 5 जिले शामिल हैं। वहीं, बुंदेलखंड क्षेत्र में विधानसभा सीटों की संख्या 26 है। बीजेपी और कांग्रेस का फोकस राज्य की इन 26 सीटों पर है। बागेश्वर धाम सरकार का प्रभाव इन 26 विधानसभा सीटों पर सबसे ज्यादा है। बीजेपी और कांग्रेस बुंदलेखंड को साधने की कोशिश में लगे हैं।
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धीरेंद्र शास्त्री की सिद्धि अपने क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। वे पूरे मध्यप्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी प्रभाव रखते हैं। मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों में उनमें से कुछ आदिवासी अंचलों को छोड़ दिया जाए तो बागेश्वर सरकार प्रसिद्धि रखते हैं। पिछले पिछले दिनों एक कार्यक्रम में धीरेन्द्र शास्त्री ने सार्वजनिक घोषणा करते हुए कहा था कि वह आदिवासी क्षेत्रों में फ्री में भागवत कथा करेंगे। जिससे आदिवासी और वनवासी भाई बहनों को धर्म लाभ हासिल हो सके है। वहीं, प्रदेश में आदिवासी आरक्षित सीटों की संख्या 47 है। यहां हार जीत के लिए राजनीतिक दल आदिवासी वोटर्स पर निर्भर रहते हैं।

आदिवासी वोटर्स को साधने का प्रयास
शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में आदिवासी वोटर्स को साधने की कोशिश में है। वहीं, कमलनाथ का भी फोकस आदिवासी वोटर्स हैं। वो इसके लिए घोषणाएं भी कर रहे हैं। वहीं, एमपी सरकार आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए पेसा एक्ट लागू कर चुकी है। पेसा एक्ट के बारे में प्रदेश के सभी आदिवासी इलाकों में यात्राएं निकाली गई थीं।

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