कमलनाथ सुलझाएंगे सचिन पायलट और अशोक गहलोत का विवाद! जा सकते हैं जयपुर

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कमलनाथ सुलझाएंगे सचिन पायलट और अशोक गहलोत का विवाद! जा सकते हैं जयपुर

कमलनाथ सुलझाएंगे सचिन पायलट और अशोक गहलोत का विवाद! जा सकते हैं जयपुर

हाइलाइट्स:

  • एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ सुलझाएंगे सचिन पायलट और अशोक गहलोत का विवाद
  • दिल्ली में कमलनाथ और सचिन पायलट में हुई मुलाकात
  • अशोक गहलोत से मिलने जल्द जयपुर जा सकते हैं कमलनाथ
  • सचिन पायलट और अशोक गहलोत से हैं कमलनाथ के अच्छे रिश्ते

भोपाल
एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ (MP Former CM Kamalnath) के बारे में खबर आ रही है कि पार्टी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें राजस्थान में पायलट और गहलोत (Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot) के विवाद को सुलझाना है। बीते एक साल से दोनों नेताओं जबरदस्त खींचतान चल रही है। सचिन पायलट (Sachin Pilot News) और अशोक गहलोत से कमलनाथ के रिश्ते अच्छे हैं। 11 जून को दिल्ली में सचिन पायलट से कमलनाथ की मुलाकात भी हुई है। वहीं, कमलनाथ की अब अस्पताल से छुट्टी हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही जयपुर जा सकते हैं।

दरअसल, कमलनाथ गांधी परिवार के करीबी और भरोसेमंद लोगों में शामिल हैं। इससे पहले राजस्थान विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी अहमद पटेल के पास था। उनके निधन के बाद कमलनाथ को आलाकमान ने जिम्मेदारी है। सचिन पायलट और गहलोत का विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है और पार्टी के कुछ बड़े नेता पायलट के पक्ष में खड़े होते दिख रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की चुनौती बढ़ती जा रही है।

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कमलनाथ के गहलोत और सचिन पायलट से अच्छे रिश्ते हैं। एमपी उपचुनाव में कमलनाथ की अपील पर सचिन पायलट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रचार किया था जबकि सिंधिया और पायलट में अच्छी दोस्ती है। इसके साथ ही कमलनाथ के अशोक गहलोत से भी अच्छे रिश्ते हैं। खबरों के अनुसार कमलनाथ जल्द ही मुलाकात के लिए जयपुर जा सकते हैं।

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सेकंड लाइन लीडरशीप की मांग
दरअसल, कांग्रेस में सेकंड लाइन लीडरशीप की कमी है। केंद्र से लेकर राज्यों तक में यह स्थिति है। यंग लीडर्स का पार्टी से मोह भंग होता जा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जितिन प्रसाद भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में कांग्रेस का एक खेमा पार्टी में सेकंड लाइन लीडरशीप की मांग कर रही है। एमपी में कमलनाथ के करीबियों में शुमार पूर्व मंत्र सज्जन सिंह वर्मा ने भी मीडिया से बात करते हुए यह मांग की है।

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पायलट खिसके तो पार्टी के पास नेता नहीं

वहीं, अगले साल देश के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। राहुल ब्रिगेड के नेता एक-एक कर पार्टी से दूर हो रहे हैं। प्रमुख चेहरों में अब अकेले सचिन पायलट ही बचे हैं। अगर वह पार्टी से अलग होते हैं तो कोई बड़ा यंग चेहरा नहीं बचेगा। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान की कोशिश है कि इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए।

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