Jyoti Maurya Case: SDM ज्योति मौर्या के पति आलोक ने लिया यू-टर्न, सफाईकर्मी पति के इस कदम से अफसर हैरान | Jyoti Maurya Case: SDM Jyoti Maurya’s husband Alok took a U-turn, the | Patrika News

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Jyoti Maurya Case: SDM ज्योति मौर्या के पति आलोक ने लिया यू-टर्न, सफाईकर्मी पति के इस कदम से अफसर हैरान | Jyoti Maurya Case: SDM Jyoti Maurya’s husband Alok took a U-turn, the | Patrika News

Jyoti Maurya Case: SDM ज्योति मौर्या के पति आलोक ने लिया यू-टर्न, सफाईकर्मी पति के इस कदम से अफसर हैरान | Jyoti Maurya Case: SDM Jyoti Maurya’s husband Alok took a U-turn, the | News 4 Social

Jyoti Maurya Case: SDM ज्योति मौर्य के पति आलोक सोमवार को समिति के सामने उपस्थित हुए लेकिन बयान दर्ज कराने एवं आरोपों के पक्ष में साक्ष्य उपलब्ध कराने के बजाय उन्होंने सदस्यों को प्रार्थना पत्र सौंपा। इसमें लिखा था कि पूरे होश में व बिना किसी दबाव के वह शिकायत वापस ले रहे हैं।

Jyoti Maurya Case: प्रेम प्रसंग एवं भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोपों में घिरीं पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या को फिलहाल राहत मिल गई है। पति आलोक ने यू टर्न लेते हुए शिकायत वापस ले ली है। आलोक ने सोमवार को जांच समिति के सामने इस बाबत प्रार्थना पत्र सौंपा। समिति एक-दो दिनों में रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपेगी।

आलोक ने ज्योति पर भ्रष्टाचार में शामिल होने समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसकी शिकायत शासन में भी की थी। इस बाबत शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की।

समिति ने पहले नौ अगस्त को आलोक को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस समय आलोक ने बयान दर्ज करने एवं साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए 20 दिन का समय मांगा था। इसके बाद आलोक को 28 अगस्त को बुलाया गया था।

इसी क्रम में आलोक सोमवार को समिति के सामने उपस्थित हुए लेकिन बयान दर्ज कराने एवं आरोपों के पक्ष में साक्ष्य उपलब्ध कराने के बजाय उन्होंने सदस्यों को प्रार्थना पत्र सौंपा। इसमें लिखा था कि पूरे होश में व बिना किसी दबाव के वह शिकायत वापस ले रहे हैं।

प्रार्थना सौंपकर बाहर निकले आलोक ने सिर्फ इतना कहा कि शिकायत वापस ले ली है। इसके अलावा वह हर सवाल पर मौन रहे। जांच समिति के अध्यक्ष अमृत लाल बिंद का कहना है कि आलोक ने शिकायत वापस लेने का प्रार्थना पत्र दिया है। रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपी जाएगी।

इसके अलावा उन्होंने भी कुछ बोलने से इन्कार किया। अब ज्योति मौर्या को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा या नहीं इस पर भी उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। हालांकि अफसरों का कहना है कि ज्योति से पूछताछ के लिए कोई आधार नहीं बचा है।

भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने पर सरकार लेगी फैसला
पति आलोक के शिकायत वापस लेने के बाद ज्योति मौर्या को फौरी तौर पर भले ही राहत मिल गई हो लेकिन भ्रष्टाचार मामले की जांच कराने को लेकर अंतिम निर्णय शासन को लेना है।
अफसरों के अनुसार जांच कमेटी गठित करने का मुख्य आधार आलोक की शिकायत है। ऐसे में शिकायत वापस लिए जाने के बाद समिति के अधिकार सीमित हो जाते हैं। इसके अलावा किसी राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ जांच के लिए हलफनामा के साथ शिकायत आनी चाहिए।

आलोक से इस बाबत हलफनामा लिया जाता उससे पहले ही उन्होंने शिकायत वापस ले ली। ऐसे में जांच समिति इसी आधार पर रिपोर्ट सौंपेगी लेकिन ज्योति पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के अलावा कई गंभीर आरोप हैं। यह पूरी बात भी जांच समिति की रिपोर्ट में होगी। ऐसे में भ्रष्टाचार की जांच आगे भी जारी रह सकती है। अफसरों के अनुसार इस पर अंतिम निर्णय शासन को लेना है।

नौ अगस्त को भी जवाब देने से बचते रहे थे आलोक
ज्योति पर गंभीर आरोप लगाने वाले आलोक जांच समिति के सवालों का जवाब देने से पूर्व में भी बचते रहे हैं। आलोक को पूछताछ के लिए सबसे पहले नौ अगस्त को बुलाया गया था लेकिन उन्होंने एक दिन पहले ही समिति के अध्यक्ष अपर आयुक्त अमृत लाल बिंद से मुलाकात की थी।

उसी दिन ज्योति ने भी अपर आयुक्त से मुलाकात करके अपनी बात रखने की कोशिश की थी लेकिन समिति ने तय तारीख पर ही बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया। इसी क्रम में आलोक नौ अगस्त को समिति के समक्ष उपस्थित हुए थे लेकिन सदस्यों की ओर से सवाल पूछे जाने पर जवाब देने से बचते रहे। इसके बाद आलोक बयान दर्ज कराने के लिए 20 दिन का समय मांग लिया था।

न्यायालय में लंबित है तलाक का मुकदमा
आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य की शादी 2010 में हुई थी। 2009 में आलोक का चयन पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुआ था। इसके बाद उन्होंने ज्योति की पढ़ाई करवाई। साल 2015 में ज्योति का चयन एसडीएम पद पर हो गया। लोक सेवा आयोग से महिलाओं में ज्योति की तीसरी रैंक और ऑल ओवर 16वीं रैंक थी। सभी बहुत खुश थे। 2015 में जुड़वां बच्चियां हुईं।

आलोक ने हर माह लाखों रुपये वसूली का लगाया था आरोप
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक ने शासन को शिकायती पत्र भेजकर ज्योति पर हर माह पांच से छह लाख रुपये वसूली का आरोप लगाया था। आलोक ने अपनी शिकायत के समर्थन में डायरी के पन्नों की छाया प्रति भी लगाई थी, जिसमें लेन-देन का पूरा हिसाब लिखा जाता था। शिकायत मिलने के बाद शासन ने कमिश्रर विजय विश्वास पंत को जांच सौंपी थी। कमिश्नर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है जिसमें अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल और दो अन्य सदस्य शामिल हैं।

अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। यदि आलोक ने शिकायत वापस ले ली है तो जांच समिति की रिपोर्ट को देखा जाएगा। उस पर कानूनी राय भी ली जाएगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त

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