Jiwanjot Kaur aap : अमृतसर ईस्ट सीट से सिद्धू और मजीठिया को शिकस्त देने वाली जीवनजोत कौर, क्यों कहा जाता है पंजाब की पैड वुमेन?

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Jiwanjot Kaur aap : अमृतसर ईस्ट सीट से सिद्धू और मजीठिया को शिकस्त देने वाली जीवनजोत कौर, क्यों कहा जाता है पंजाब की पैड वुमेन?

Jiwanjot Kaur aap : अमृतसर ईस्ट सीट से सिद्धू और मजीठिया को शिकस्त देने वाली जीवनजोत कौर, क्यों कहा जाता है पंजाब की पैड वुमेन?

अमृतसर : पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार अमृतसर पूर्वी सीट काफी चर्चा में रही। यही वह सीट थी जिससे दो दिग्गज नेता मैदान में थे। कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया। अमृतसर ईस्ट की लड़ाई इन दो नेताओं के बीच बताई जा रही थी, लेकिन इन दोनों कद्दावर चेहरों को मात दी एक महिला प्रत्याशी ने, जिन्हें आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। यह महिला हैं जीवनजोत, जिन्हें पैड वुमेन के नाम से जाना जाता है।

होशियारपुर में जन्मी जीवनजोत को पंजाब में अभी तक पैड वुमन के नाम से जानी जाती थीं, इस विधानसभा चुनाव के हालिया नतीजों के बाद अब उन्हें सूबे की सियासत में जॉइंट किलर के तौर पर देखा जा रहा है। पहली बार वह चुनाव लड़ीं और उन्होंने दिग्गजों को चित कर दिया।

चार प्रॉजेक्ट पर कर रहीं काम
जीवन जोत पिछले 25-30 सालों से समाजसेवा कर रही हैं। इसकी शुरुआत पेरेंट्स द्वारा शुरू किए एनजीओ से हुई। वह बताती हैं कि फिलहाल चार प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई हैं। उनकी संस्था गरीब व वंचित परिवारों के बच्चों के लिए स्कूल चलाती है। शाम को लड़कियों को ब्यूटी स्किल, लड़कों को कंप्यूटर स्किल, इंग्लिश स्पीकिंग व पर्सनैलिटी डिवेलपमेंट जैसे चीजें सिखाई जाती हैं। यह संस्था अब तक लगभग 200 लड़कियों को अपने पैरों पर खड़ा कर चुकी है। उन्होंने एक झुग्गी बस्ती को भी गोद लिया है। वहां की परेशानियां दूर करने का काम करती हैं। नशाग्रस्त बच्चों को सुधारने और पीड़ित परिवारों की काउंसलिंग का काम होता है।

2 आवर मेंस्ट्रुअल हेल्थ कैंपेन चलाती हैं
चौथा प्रोजेक्ट महिलाओं की मेंस्ट्रुअल हेल्थ से जुड़ा है, जिसे वह ‘2 आवर मेंस्ट्रुअल हेल्थ’ का नाम देती हैं। इसके लिए अमृतसर व आसपास के लगभग 500 स्कूलों से जुड़ी हैं और पंजाब की जेलों में रहने वाली महिला कैदियों के लिए भी काम कर रही हैं। वह रीयूजेबल सैनिटरी नैपकिन को प्रमोट करती हैं। कौर बताती हैं, ‘यह प्रोजेक्ट पंजाब के अलावा, हरियाणा और बिहार में भी चल रहा है, इस मुद्दे पर लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी प्रेजेंटेशन भी दे चुकी हूं।

बेटा वकील तो बेटी डेंटिस्ट
जीवनजोत की पढ़ाई-लिखाई अमृतसर में हुई। उनके नाना स्वतंत्रता सेनानी रहे। मां गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल प्रबंधन में ऊंचे पद पर रहीं, पिता बैंक ऑफिसर रहे और पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर का काम भी देख चुके हैं। पति बिजनेसमैन हैं। परिवार में दो बच्चे हैं। बेटा हाई कोर्ट का वकील तो बेटी डेंटिस्ट।

स्कूल के दिनों में थीं टॉम बॉय
जीवन जोत कहती हैं कि वह लीगल बैकग्राउंड से आती हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने एलएलबी की है। वह अपने स्कूली दिनों के बारे में कहती हैं,’तब मैं टॉम बॉय हुआ करती थी। ‘सवा लाख से इक लड़ाऊं’ वाली इमेज थी और गाने, डांस का शौक था।’ अपने शौक के बारे में वह बताती, ‘बचपन के शौक के अलावा कुकिंग, बागवानी और पढ़ने में खासी दिलचस्पी है। हालांकि अब पढ़ने का ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता।’

2015 में आम आदमी पार्टी से जुड़ीं

समाज सेवा का जज्बा ही उन्हें राजनीति की तरफ ले आया। जीवनजोत बताती हैं कि वह 2015 में आम आदमी पार्टी से जुड़ीं। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ में भी सक्रिय रहीं। खुद को 100 फीसदी आपवादी मानने वाली कौर का कहना था कि पार्टी की ओर से उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने पूरी ईमानदारी और निरंतरता से निभाई। इतने बड़े नामों के बीच अपनी जीत को लेकर वह कहती हैं कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के उनपर भरोसे और लोगों के प्यार ने जीत का आत्मविश्वास दिया था।

अब अच्छी विधायक बनना लक्ष्य
प्रचार के दौरान जब लोगों के बीच जातीं तो लोग उनसे कहते कि वह आप बेफिक्र रहो, हम आप को वोट देंगे। सामाजिक कामों की वजह से जीवनजोत कौर पहले ही जनता के बीच अपनी अच्छी पकड़ बना चुकी थीं। अगला लक्ष्य खुद को बेहतर विधायक साबित करना है। वह कहती हैं कि पार्टी मानती है आप की सरकार चंडीगढ़ से नहीं, वॉर्ड व गांवों से चलनी चाहिए। सरकार लोगों के बीच मौजूद रहे। मान सरकार में मंत्री बनने की संभावना पर उन्होंने कहा, ‘यह मुझे नहीं मेरी पार्टी को तय करना है।’



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