जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष्य में अगस्त के महीने में भारत में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह धार्मिक त्योहार कृष्ण पक्ष की अष्टमी या भादो के महीने में अंधेरे पखवाड़े के 8 वें दिन मनाया जाता है।
श्री कृष्ण को भगवान विष्णु के सबसे शक्तिशाली मानव अवतारों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 5,200 साल पहले मथुरा में हुआ था। श्रीकृष्ण के जन्म का एकमात्र उद्देश्य पृथ्वी को राक्षसों की बुराई से मुक्त करना था। उन्होंने महाभारत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भक्ति और अच्छे कर्म के सिद्धांत का प्रचार किया जिसका वर्णन भागवत गीता में विस्तार से किया गया है।
जन्माष्टमी पूरे भारत में भक्ति गीतों और नृत्यों, पूजाओं, आरती, शंख की ध्वनि और बच्चे की श्रीकृष्ण की पालकी के साथ मनाया जाता है।
स्मार्त संप्रदाय और वैष्णव समुदाय जनाष्टमी को अलग अलग दिनों में मनाते हैं। इस बार स्मार्त समुदाय यानी शैव समुदाय जन्माष्मी को 23 अगस्त को और वैष्णव समुदाय 24 अगस्त को मनाएंगे। आपको बता दें कि स्मार्त संप्रदाय के लोग भगवान् शिव को प्रमुख मानते हैं। जबकि वैष्णव समुदाय के लोग भगवान विष्णु को प्रमुख मानते हैं। जन्माष्टमी को लेकर पंचांग में कुछ भेद है, क्योंकि 23 अगस्त को उदया तिथि में रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा, 24 अगस्त को अष्टमी तिथि नहीं है। श्रीकृष्ण का जन्म इन्हीं दोनों योग में हुआ था।
23 अगस्त को जन्माष्टमी इसीलिए मनाई जायेगी क्योकि रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 23 अगस्त रात 11.56 से होगी। इसलिए जन्माष्टमी उत्सव रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाए तो यह ज्यादा उत्तम रहेगा। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण रोहिणी नक्षत्र में जन्मे थे
देश के इन मशहूर मंदिरों में जन्माष्टमी मनाई जायेगी इस दिन
उज्जैन के प्राचीन गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी पर्व 23 अगस्त की रात 12 बजे मनाया जाएगा। पुजारी अर्पित जोशी के अनुसार 24 अगस्त को नंद उत्सव मनेगा।
श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में इस साल 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी के दिन करें यह काम
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान कर लें। इसके बाद राधा कृष्ण मंदिर में जाकर मूर्ति पर पीले रंग की माला पहनाएं। यह उपाय करने से देवी लक्ष्मी और भगवान कृष्ण खुश होंगे। इसके अलावा श्रीकृष्ण की विशेष कृपा अर्जित करने के लिए सफ़ेद रंग की मिठाई, साबूदाना या खीर को बनाकर उसमे मिसरी और तुलसी के पत्ते डालकर भगवान को भोग लगाए। यह उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण जल्द प्रसन्न होंगे।
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जन्माष्टमी के दिन नीचे दिए गए तीन मंत्रो का जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण खुश रहते हैं। आइये जानते हैं क्या है वो तीन मन्त्र-
पहला मंत्र
गोवल्ल्भाय स्वहा:
इस मन्त्र में 7 अक्षर हैं। इस मन्त्र का जाप करने से हर कार्य में सफलता मिलेगी।
दूसरा मंत्र
गोकुल नाथाय नमः :
इस मन्त्र में 8 अक्षर है। इस मन्त्र का जाप करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
तीसरा मंत्र
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय:
इस मन्त्र में 12 अक्षर है। इस मन्त्र का जाप करने से इष्टसिद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कृं कृष्णाय नम: मन्त्र का जाप 108 बार करें।