Jahangirpuri violence live updates: दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने शुरू की जांच, अलर्ट मोड पर सुरक्षाकर्मी, जेएनयू के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था h3>
नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती पर निकाले गए जुलूस के दौरान हुई हिंसा ((Clashes At Delhi Hanuman Jayanti Procession)) की जांच शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस (Delhi police) क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम ने शुरू कर दी है। इस मामले की जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
दिल्ली में हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी इलाके बवाल हो गया। दो पक्षों में बीच हुई हिंंसक झड़प में पुलिसकर्मियों समेत कई लोगा घायल हुए हैं। खबरों की मानें तो जुलूस के दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई।
जांच में जुटी 10 टीमें
दिल्ली के सीएम ने इस घटना पर दिल्ली के राज्यपाल से बात की। दिल्ली के राज्यपाल ने इस शोभायात्रा पर हुए पत्थरों से हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की भी बात कही। घटना की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल सेल ने शुरू कर दी है। इस घटना की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की 10 टीमें गठित की गई है हैं। प्रशासन ने सभी से शांति की अपील की है। JNU के बाहर भी अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। दिल्ली के अन्य संवेदनशील इलाकों में भी सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के अनुसार नॉर्थवेस्ट दिल्ली की घटना में हालात नियंत्रण में हैं। जहांगीरपुरी और दूसरे संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सीनियर ऑफिसरों को फील्ड में रहने, कानून-व्यवस्था की स्थिति की निगरानी करने और गश्त करने को कहा गया है। दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों से अनुरोध है कि अफवाहों और सोशल मीडिया के फेक न्यूज पर ध्यान न दें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अफसरों से बात की
मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक से इस मामले में बात की है। उन्होंने उनसे हिंसा के मद्देनजर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर आरोप
कपिल मिश्रा और भाजपा की दिल्ली की इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर सहित पार्टी के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की करतूत है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसकी तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस घटना पर संयुक्त बयान में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा कि हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्तारूढ़ संस्थानों द्वारा जानबूझकर भोजन, पोशाक, आस्था, त्योहारों और भाषा से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के शेष सभी 14 पुलिस जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए तकनीकी स्तर पर निगरानी भी की जा रही है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे।
दिल्ली में हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी इलाके बवाल हो गया। दो पक्षों में बीच हुई हिंंसक झड़प में पुलिसकर्मियों समेत कई लोगा घायल हुए हैं। खबरों की मानें तो जुलूस के दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई।
जांच में जुटी 10 टीमें
दिल्ली के सीएम ने इस घटना पर दिल्ली के राज्यपाल से बात की। दिल्ली के राज्यपाल ने इस शोभायात्रा पर हुए पत्थरों से हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की भी बात कही। घटना की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल सेल ने शुरू कर दी है। इस घटना की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की 10 टीमें गठित की गई है हैं। प्रशासन ने सभी से शांति की अपील की है। JNU के बाहर भी अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। दिल्ली के अन्य संवेदनशील इलाकों में भी सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के अनुसार नॉर्थवेस्ट दिल्ली की घटना में हालात नियंत्रण में हैं। जहांगीरपुरी और दूसरे संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सीनियर ऑफिसरों को फील्ड में रहने, कानून-व्यवस्था की स्थिति की निगरानी करने और गश्त करने को कहा गया है। दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नागरिकों से अनुरोध है कि अफवाहों और सोशल मीडिया के फेक न्यूज पर ध्यान न दें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अफसरों से बात की
मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक से इस मामले में बात की है। उन्होंने उनसे हिंसा के मद्देनजर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों पर आरोप
कपिल मिश्रा और भाजपा की दिल्ली की इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर सहित पार्टी के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की करतूत है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है जिसकी तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस घटना पर संयुक्त बयान में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने कहा कि हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए सत्तारूढ़ संस्थानों द्वारा जानबूझकर भोजन, पोशाक, आस्था, त्योहारों और भाषा से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के शेष सभी 14 पुलिस जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए तकनीकी स्तर पर निगरानी भी की जा रही है। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे।