Jagdeep को मां ने अनाथालय में खाना बनाकर पाला था, बेटे जावेद जाफरी इस वजह से रहे थे उनसे नाराज h3>
बॉलिवुड में गुजरे जमाने के शानदार कॉमिडी ऐक्टर्स में से एक जगदीप (Jagdeep) ने पर्दे पर लोगों को खूब हंसाया, लेकिन उनके रियल लाइफ का कहानी काफी दर्द भरी है। अपनी कला और बातों से हमेशा लाखों-करोड़ों दिलों को गुदगुदाने वाले जगदीप का जन्म आज ही के दिन हुआ था, जिन्हें फैन्स फिल्म ‘शोले’ के सूरमा भोपाली के किरदार में हमेशा याद करते हैं।
जगदीप अब हमारे बीच नहीं हैं। साल 2020 में जगदीप ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। जगदीप का का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था, जिन्होंने बचपन में खूब सारी तकलीफें देखीं।
स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी
मध्य प्रदेश के दतिया में जन्मे जगदीप तब काफी छोटे थे जब उनके पिता का साया उनके सिर से हट गया था। अपना और अपने बच्चे का पेट भरने के लिए जगदीप की मां अनाथालय में खाना बनाने का काम करने लगीं। आर्थिक परेशानी ने इस कदर तोड़ दिया कि जगदीप ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और काम-धंधा करने लगे।
फिल्म में एंट्री का किस्सा भी अनोखा
जगदीप मध्य प्रदेश छोड़कर मुंबई आ चुके थे और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्हें बॉलिवुड में एंट्री मिली और यह फिल्म थी साल 1951 में आई आई बीआर चोपड़ा की ‘अफसाना’। कहते हैं कि इस फिल्म में जगदीप को केवल 6 रुपये फीस के तौर पर मिला था। हालांकि, इस फिल्म में एंट्री का किस्सा भी अनोखा है।
साबुन बेचने के काम से लेकर, पतंगें बनाने जैसा काम
जगदीप ने अपना जीवन चलाने के लिए क्या कुछ नहीं किया। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह साबुन बेचने के काम से लेकर, पतंगें बनाने जैसा काम किया करते थे। उन्होंने बताया था कि उस वक्त इंडस्ट्री का एक शख्स फिल्म में काम करने के लिए सड़क पर बच्चों को ढूंढ रहा था।
ऐसे मिली थी फिल्म
जगदीप से उसने पूछा कि ऐक्टिंग करोगे? तो ऐक्टर ने पूछा- कितने रुपए दोगे? उसने कहा तीन रुपए और फिर उन्होंने तुरंत हां कर दी। बताते हैं कि फिल्म में उनका रोल एक बच्चे का था जो चुपचाप नाटक देख रहा था और वहीं पर एक चाइल्ड आर्टिस्ट अपना डायलॉग नहीं बोल पा रहा था जिसके बहाद जगदीप ने वह डायलॉग बॉल दिया और उसे 6 रुपए मिले थे।
बेटे जावेद जाफरी से बिगड़ा था रिश्ता
इसके बाद जगदीप ने इंडस्ट्री में खूब जमकर मेहनत की और काफी नाम भी कमाया। लेकिन कहते हैं कि काफी समय तक बेटे जावेद जाफरी से ही उनका रिश्ता खराब रहने लगा और वजह थी जगदीप के शराब और जुए की लत। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जावेद जाफरी अपने पिता की इन लतों से परेशान होने लगे थे। हालांकि बाद में उनके बीच सब ठीक हो गया था।
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स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी
मध्य प्रदेश के दतिया में जन्मे जगदीप तब काफी छोटे थे जब उनके पिता का साया उनके सिर से हट गया था। अपना और अपने बच्चे का पेट भरने के लिए जगदीप की मां अनाथालय में खाना बनाने का काम करने लगीं। आर्थिक परेशानी ने इस कदर तोड़ दिया कि जगदीप ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और काम-धंधा करने लगे।
फिल्म में एंट्री का किस्सा भी अनोखा
जगदीप मध्य प्रदेश छोड़कर मुंबई आ चुके थे और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्हें बॉलिवुड में एंट्री मिली और यह फिल्म थी साल 1951 में आई आई बीआर चोपड़ा की ‘अफसाना’। कहते हैं कि इस फिल्म में जगदीप को केवल 6 रुपये फीस के तौर पर मिला था। हालांकि, इस फिल्म में एंट्री का किस्सा भी अनोखा है।
साबुन बेचने के काम से लेकर, पतंगें बनाने जैसा काम
जगदीप ने अपना जीवन चलाने के लिए क्या कुछ नहीं किया। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह साबुन बेचने के काम से लेकर, पतंगें बनाने जैसा काम किया करते थे। उन्होंने बताया था कि उस वक्त इंडस्ट्री का एक शख्स फिल्म में काम करने के लिए सड़क पर बच्चों को ढूंढ रहा था।
ऐसे मिली थी फिल्म
जगदीप से उसने पूछा कि ऐक्टिंग करोगे? तो ऐक्टर ने पूछा- कितने रुपए दोगे? उसने कहा तीन रुपए और फिर उन्होंने तुरंत हां कर दी। बताते हैं कि फिल्म में उनका रोल एक बच्चे का था जो चुपचाप नाटक देख रहा था और वहीं पर एक चाइल्ड आर्टिस्ट अपना डायलॉग नहीं बोल पा रहा था जिसके बहाद जगदीप ने वह डायलॉग बॉल दिया और उसे 6 रुपए मिले थे।
बेटे जावेद जाफरी से बिगड़ा था रिश्ता
इसके बाद जगदीप ने इंडस्ट्री में खूब जमकर मेहनत की और काफी नाम भी कमाया। लेकिन कहते हैं कि काफी समय तक बेटे जावेद जाफरी से ही उनका रिश्ता खराब रहने लगा और वजह थी जगदीप के शराब और जुए की लत। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जावेद जाफरी अपने पिता की इन लतों से परेशान होने लगे थे। हालांकि बाद में उनके बीच सब ठीक हो गया था।