इजरायल के खूंखार कमांडो रह चुके डेविड बार्निया बने मोसाद चीफ, अब ईरान और हमास की खैर नहीं!
ईरान और फिलिस्तीन के साथ जारी तनाव के बीच इजरायल ने अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद के चीफ को बदल दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली एलीट कमांडो फोर्स सायरेट मटकल के पूर्व सदस्य डेविड बार्निया को मोसाद का नया प्रमुख नियुक्त किया है। बर्निया 2015 से इस पद पर तैनात योसी कोहेन का स्थान लेंगे। योसी कोहेन वही चीफ हैं जिनके कार्यकाल के दौरान मोसाद ने विदेशों में कई सफल खुफिया ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है।
इजरायल के लिए कई खुफिया मिशन में रहे हैं शामिल
56 वर्षीय डेविड बार्निया को इजरायल में काफी सख्त स्वभाव वाला माना जाता है। 1996 में मोसाद में शामिल होने के बाद डेविड बार्निया के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, माना जाता है कि उन्होंने इजरायल के लिए विदेशों में कई खुफिया ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है। बार्निया अभी तक योसी कोहेन के के बाद एजेंसी में दूसरे सबसे बड़े अधिकारी के रूप में तैनात थे। वे पिछले 20 साल से मोसाद के त्ज़ोमेट डिवीजन की कमान संभाल रहे हैं।
मोसाद के त्जोमेट डिवीजन के कमांडर थे रह चुके हैं बार्निया
यह डिवीजन मोसाद के लिए एजेंटों की खोज करने और उनकी भर्ती करने का काम करता है। अपने पूरे करियर के दौरान डेविड बार्निया सबसे ज्यादा समय तक इसी डिवीजन के चीफ के रूप में काम किया है। 2019 में बेंजामिन नेतन्याहू ने बार्निया का प्रमोशन करते हुए उन्हें मोसाद का उप प्रमुख नियुक्त किया था। इजरायली मीडिया के अनुसार, बार्निया काफी लो प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं। वे मूस रूप से तेल अवीव के उत्तर में शेरोन क्षेत्र में रहने वाले हैं।
मोसाद के नए चीफ के सामने क्या है चुनौती
इजरायल इस समय ईरान के परमाणु हथियार संपन्न होने के खतरे का सामना कर रहा है। अगर ईरान के पास परमाणु हथियार आ जाता है तो इससे इजरायल के अस्तित्व पर भी संकट बढ़ जाएगा। दूसरी सबसे बड़ी समस्या पाकिस्तान-तुर्की जैसे इस्लामिक खलीफा बनने की कोशिश कर रहे देश हैं। इन दोनों ही देशों के प्रमुख इस्लाम का सबसे बड़ा पैरोकार बनने की कोशिश में कोई भी कदम उठा सकते हैं। इसके अलावा फिलीस्तीनी आतंकी समूह हमास और लेबनान का हिजबुल्लाह इजरायल के लिए बड़ी परेशानी बने हुए हैं।
इजरायल के बाहरी दुश्मनों से निपटता है मोसाद
मोसाद इजरायल के बाहरी दुश्मनों से निपटने का काम करता है। इसकी प्रमुख जिम्मेदारी बाहरी खतरों से इजरायल को बचाना है। यही कारण है कि इजरायल की इस खुफिया एजेंसी ने ऐसे-ऐसे खतरनाक मिशन को अंजाम दिया है, जिसकी दुनिया में कोई तुलना नहीं है। चाहे वह ऑपरेशन एंतेबे हो या फिर यहूदियों का कत्लेआम करने वाले एडोल्फ एचमैन को पकड़ना हो।
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