उत्तर प्रदेश में 15 दिन के अन्दर सामूहिक एचआईवी संक्रमण के दो बड़े मामले सामने आये हैं. पहला वाक्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का है, यहाँ एक स्त्री के यौन शोषण की वजह से गाँव के सरपंच समरत 13 लोगों को एचआईवी संक्रमण हुआ. वहीं दूसरा मामला उन्नाव का है जहां एक साथ 40 लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि उन्नाव में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ये हादसा हुआ. डॉक्टर ने एक ही सिरिंज से कई लोगो को इंजेक्शन लगाया. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि सही से जांच होने पर सैकड़ो मरीज़ सामने आएंगे.
लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इन दोनों ही मामलों पर कोई टिप्पणी नही आयी है. क्या सरकार को इन घटनाओं पर कड़ी कार्यवाही करने और दोषियों को सख्त सज़ा देने की ज़रुरत नहीं है. क्या ये मुमकिन नहीं कि अगर वक़्त रहते सही कदम उठा लिया गया होता तो इन हादसों से बचा जा सकता था.
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