Irfan Solanki: इरफान सोलंकी की जमानत हाईकोर्ट ने खारिज की, इस मामले में हुई सुनवाई

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Irfan Solanki: इरफान सोलंकी की जमानत हाईकोर्ट ने खारिज की, इस मामले में हुई सुनवाई

Irfan Solanki: इरफान सोलंकी की जमानत हाईकोर्ट ने खारिज की, इस मामले में हुई सुनवाई


कानपुरः यूपी के कानपुर से सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आगजनी मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई थी। पुलिस और अभियोजन पक्ष ने एक-एक बिंदु की समीक्षा की थी। पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में तर्क रखे गए। लोकप्रिय जनप्रतिनिधि होने के बाद भी इरफान का लंबा आपराधिक इतिहास जमानत नहीं मिलने की मुख्य वजह बनी है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद आगजनी मामले में इरफान सोलंकी की जमानत याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट में याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान महिला का घर फूंकने के मामले में इरफान की जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जाजमऊ थाना क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली बेबी नाज का प्लाट है। यह प्लाट बेबी नाज के पिता का था। पिता के निधन के बाद इस प्लाट पर बेबी नाज अपना कब्जा बता रही हैं। बेबी का परिवार प्लाट में ट्टर और छप्पर डालकर रहता है। बेबी मूलरूप से प्रयागराज की रहने वाली हैं। बेबी नाज ने आरोप लगाया था कि सपा विधायक और उनके भाई प्लाट पर कब्जा करना चाहते थे। बीते 7 नवंबर (सोमवार) को परिवार के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच विधायक और उनके भाई ने झोपड़ी में आग लगा दी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 327, 427, 386, 504, 436, 506 और 120 के तहत मुकदमा किया था।

षड्यंत्र में फंसकर पति-दो बेटों की मौत

जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता देवेश नाथ तिवारी ने तर्क रखा कि इरफान सोलंकी तीन बार के विधायक हैं। इरफान सोलंकी और भाई रिजवान ने एक गरीब महिला नजीर फातिमा (बेबी नाज की मां) के प्लाट पर कब्जा करने के उद्देश्य से उसे कई बार डराया, धमकाया और यातनाएं दी। अपने गुर्गों के साथ मिलकर आपराधिक षड़यंत्र रचे। षड़यंत्रों में फंसकर नजीर फातिमा के पति और दो बेटों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही कोर्ट के समक्ष इरफान सोलंकी का आपराधिक इतिहास भी रखा गया। जिसमें बताया गया कि इरफान पर 15 मुकदमे दर्ज हैं। गैंगेस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है।

राजनीतिक रंजिश

बचाव पक्ष के अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने कोर्ट के सामने तर्क रखा कि इरफान सोलंकी को राजनीतिक रंजिश की वजह से झूठे मुकदमे फंसाया गया है। इरफान और रिजवान आगजनी के समय घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और इरफान का आपराधिक इतिहास देखने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरव दीक्षित का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका की अर्जी डाली जाएगी।
रिपोर्ट-सुमित शर्मा

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