International Yoga Day 2022: योग के जरिए 101 साल की उम्र में इस बुजुर्ग महिला ने बुढ़ापे को दी मात

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International Yoga Day 2022: योग के जरिए 101 साल की उम्र में इस बुजुर्ग महिला ने बुढ़ापे को दी मात

International Yoga Day 2022: योग के जरिए 101 साल की उम्र में इस बुजुर्ग महिला ने बुढ़ापे को दी मात

पंकज मिश्रा, हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 101 साल की एक बुजुर्ग महिला ने योग (Yoga) के जरिए ही बुढ़ापे को न सिर्फ मात दी है, बल्कि इसने चौथी पीढ़ी के बच्चों के लिए मिसाल भी बनी हैं। इस बूढ़ी महिला के सामने नाती और पोतों के बच्चों की भी शादी विवाह हो चुके है। ये बुजुर्ग महिला आधुनिकता के दौर में भी बड़े ही सादगी से रहते हुए योग गुरु रामदेव बाबा के कार्यक्रम से प्रभावित होकर अपने ही घर में नियमित रूप से योगा और प्राणायाम करतीं हैं।

हमीरपुर नगर के सैय्यद बाड़ा मुहाल निवासी इकबाल हुसैन की मां ताहिरा बेगम 101 साल की उम्र में भी ये अपना सारा काम आज भी खुद करती है। निरोगी जीवन जीने के लिए ये पिछले काफी समय से नियमित योग और प्राणायाम करती है। अनलोम विलोम और अन्य प्राणायाम करने के बाद ही इनकी दिनचर्या शुरू होती है। इनके एक पुत्र और दो पुत्रियां है। सभी की शादियां भी हो चुकी है। इकलौते पुत्र इकबाल हुसैन की दो बेटियां है। इनमें दोनों बेटी की शादी हो चुकी है। ताहिरा बेगम की दोनों बेटियों के बच्चे भी है, जिनके भी विवाह चुके है। ताहिरा बेगम का कहना है कि यदि योग गुरु रामदेव बाबा देश के लोगों को अच्छा और स्वस्थ जीवन जीने का कला सिखा रहे है, तो इसमें बुराई ही क्या है। इसमें कोई पैसा भी नहीं लगता है। इसके बाद भी लोग योग प्राणायाम को अपनी जिंदगी का हिस्सा नहीं बनाएंगे तो ये उनकी ही बड़ी नादानी है।

101 साल की उम्र में भी नहीं कम हुई आंखों की रोशनी
ताहिरा बेगम ने बताया कि 101 साल की उम्र होने के बाद भी आंखों से अभी सब कुछ साफ दिखाई देता है। दोनों आंखों की रोशनी अभी भी बरकरार है। घर में बिना किसी के सहारे ये घर में योग के विभिन्न आसन करतीं हैं। इतनी उम्र बीतने के बाद भी इनके दांत भी सही सलामत है। बुजुर्ग महिला ने बताया कि संयमित भोजन करने और हरी सब्जी का ज्यादा उपयोग करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। अंकुरित अनाज खाने से भी शरीर भी स्वस्थ रहता है।

तीसरी पीढ़ी के बच्चों के लिए बुजुर्ग महिला बनी मिसाल
ताहिरा बेगम मौजूदा में तीसरी पीढ़ी के लिए मिसाल बनी हुईं हैं। इनका परदादी और परनानी बनने का सपना भी पूरा हो गया है। बताया कि निरोगी जीवन जीने के लिए सभी को नियमित योग करना चाहिए। उसे अपने खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए। भागदौड़ की जिंदगी में ज्यादातर लोगों ने अपने जीने का तरीका ही बदल दिया है, इसीलिये ज्यादातर लोग तरह-तरह की बीमारी से जूझ रहे है।

तीन बार पीती रही आयुर्वेद काढ़ा
ताहिरा बेगम के पुत्र इकबाल हुसैन ने बताया कि माता जी कोरोना काल में योग और प्राणायाम करने के साथ ही दिन में तीन बार आयुर्वेद काढ़ा पीती है। उन्होंने बताया कि एक कप गर्म पानी में थोड़ा सेंधा नमक, तुलसी के पत्ते, आधी चम्मच हल्दी मिलाकर इसे पीने की मां की आदत वर्षों पुरानी है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से बचने को ये आयुर्वेद काढ़ा रामबाण है।

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