international women's day 2022 आपकी थकान के लिए ये हार्मोन है जिम्मेदार

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international women's day 2022  आपकी थकान के लिए ये हार्मोन है जिम्मेदार

international women's day 2022 आपकी थकान के लिए ये हार्मोन है जिम्मेदार


international women’s day

जयपुर। महिलाएं हिम्मत, साहस, जज्बे की मिसाल हैं। वे घर-परिवार की वो रीढ़ हैं, जिसके दम पर खुशहाली फलती-फूलती है। एक ओर वे परिवार को संभालती हैं तो दूसरी ओर उसे आर्थिक संबल देती हैं। वह न सिर्फ खुद राह बनाती है, बल्कि उस राह पर बेधड़क सफलता की दौड़ भी लगाती है। मुश्किलों से लड़ती है, संघर्षों से झगड़ती है, लेकिन न रुकती हैं, न झुकती हैं। बाहर से भले ही वे कोमल नजर आएं, लेकिन उनकी हिम्मत उन्हें कहीं ज्यादा स्ट्रॉन्ग बना देती है। तभी तो मकान को वो घर बनाती है, रिश्तों को संवारती है।सच कहें तो महिला घर और समाज को बांधकर रखने वाली वो अहम कड़ी है, जिसके बिना समाज का निर्माण मुश्किल है। वो कभी मां बनकर दुलारती है तो कभी पत्नी बनकर सही राह दिखाती है, कभी बहू के किरदार में परंपराओं को जीवित रखने का प्रयास करती है तो कभी बेटी-बहन के रूप में प्यार बांटती है। इतने सारे किरदार निभाने के लिए यह जरूरी है कि महिलाएं शारीरिक के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहें। लगातार भाग-दौड़ के कारण काम व रिलैक्सेशन में सामंजस्य के अभाव में मानसिक तनाव रहने लगता है। तनाव के कारण महिलाओं में कॉर्टिसोल नामक हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके चलते याद रखने की क्षमता पर असर पड़ता है, बोन डेंसिटी कम हो जाती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है, मोटापा बढ़ने लगता है और हृदय एवं बीपी जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। विभिन्न उपायों द्वारा महिलाएं आसानी से तनाव मुक्त रह सकती हैं। उसके लिए इन कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखें। जैसे नियमित रूप से वॉक एवं व्यायाम करें, मसाज लें, पौष्टिक आहार लें और अच्छी नींद भी लें। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट,काउंसलर एवं रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ मनीषा गौड़ हमें बता रही हैं कि आखिर कैसे एक महिला सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपना तनाव कम कर सकती है।

नींद :- पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेने से भावनात्मक एवं मानसिक रूप से क्षति पहुंचती है और चिड़चिड़ापन रहता है। लंबे समय अनिद्रा रहने से डिप्रेशन की आशंका बढ़ जाती है।

पावर नैप :- दिन में 15 से 20 मिनट का पावर नैप (झपकी) लेने से मनोस्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ना कहना सीखें :- अगर आप सभी को हां कहेंगे तो आपके पास अपने लिए समय नहीं बचेगा और आप अप्रसन्न रहेंगे। इसके चलते आप किसी और को भी प्रसन्न नहीं रख सकेंगे। इसलिए ना कहना सीखें।

अपनी हॉबीज को दें समय :- अपने लिए समय निकालें और जो कार्य आपको पसंद हो उन्हें करें। इससे मन को खुशी मिलेगी। अपनी शौक जैसे डांस, सिंगिंग, पेंटिंग, घूमना आदि को जिंदगी का हिस्सा बना लें। कुछ ऐसे दोस्त बनाएं, जिनके साथ समय बिताना आपको अच्छा लगे। जिनसे आप मन की बातें बांट सकें।

नेगेटिव सेल्फ टॉक :- खुद को कोसने से बचें। ऐसा करने से स्वयं के प्रति हीन भावना उत्पन्न होती है। पॉजिटिव सेल्फ टॉक अपनाएं। अपने आप से बात करने के तरीके में बदलाव लाएं और थोड़ी मिठास लाएं और अपनी समय-समय पर पीठ थपथपाएं।

मुस्कुराहट :- मुस्कुराते रहिए चाहे स्थिति कितनी भी विकट क्यों ना हो। मुस्कुराएं खिलखिलाएं , किसी अपने को गले लगाएं। इससे हमारे शरीर में हैप्पीनेस हार्मोन सिरोटोनिन की मात्रा बढ़ती है और तनाव में कमी आती है।
गौङ मेंटल हेल्थ क्लिनिक

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