Integrated lab at Bihar 11 district hospitals to be ready by March free of cost 134 investigations test patients – बिहार के 11 जिला अस्पतालों में FREE होगी 134 तरह की मेडिकल जांच, अभी 55 टेस्ट ही होता है, बिहार न्यूज h3>
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बिहार के आम मरीजों को प्राइवेट पैथ लैब की महंगी जांच से मुक्ति दिलाने के लिए बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। सरकार की तैयारी है कि मार्च तक राज्य के 11 जिलों के सदर अस्पताल (जिला अस्पताल) में समेकित लोक स्वास्थ्य लैबोरैटरी (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरैटरी) काम करना शुरू कर दे जहां 134 तरह की मेडिकल जांच मुफ्त में होगी। अभी जिला अस्पतालों में औसतन 45-55 तरह की जांच ही हो पा रही है। पहले चरण में जिन 11 जिलों के सदर अस्पताल में यह लैब काम करना शुरू करेगा उसमें औरंगाबाद, सीतामढ़ी, सहरसा, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, सुपौल, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और अरवल शामिल है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों के सदर अस्पतालों में बीएसएल-2 ग्रेड (बायो सेफ्टी लेवल) की लैब चालू करने की तैयारी चल रही है। बीएसएल-2 लैब से औसत खतरे वाले संक्रमण के एजेंट और जहरीली चीजों की जांच हो सकेगी जिन्हें गलती से सूंघ या खा लिया गया हो या स्किन में सट गया हो। अभी इन जांच के लिए मरीजों को प्राइवेट पैथ लैब या पास के जिलों के मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। इससे आम लोगों पर बेवजह खर्च का बोझ कम होगा।
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केंद्र सरकार ने पहले ही इस तरह के 12 लैब बिहार में लगाने की मंजूरी दे दी है। 15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत 2021-22 में ही इन लैब को हरी झंडी मिल गई थी जिस पर प्रति लैब सवा करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बिहार सरकार ने इस लैब के लिए जगह खोजने में थोड़ा समय ले लिया जिस वजह से लैब चालू होने में देरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि धीरे-धीरे यह लैब सभी 26 जिलों के सदर अस्पताल, 55 अनुमंडल अस्पताल, 70 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), 534 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 20 हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र पर भी लगाए जाएंगे।
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विभाग की योजना के मुताबिक जिला अस्पतालों में लग रहे लैब में 134 तरह की जांच, अनुमंडल अस्पतालों के लैब में 111 जांच, सीएसची लैब में 97 जांच, पीएचसी लैब में 64 जांच और उपकेंद्र के लैब में 14 तरह की जांच मुफ्त में की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस तरह के एक लैब का उद्घाटन बांका में सितंबर में किया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट की प्रगति की पटना में समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को समय पर सब काम करने का निर्देश दिया है।
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बिहार के आम मरीजों को प्राइवेट पैथ लैब की महंगी जांच से मुक्ति दिलाने के लिए बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। सरकार की तैयारी है कि मार्च तक राज्य के 11 जिलों के सदर अस्पताल (जिला अस्पताल) में समेकित लोक स्वास्थ्य लैबोरैटरी (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैबोरैटरी) काम करना शुरू कर दे जहां 134 तरह की मेडिकल जांच मुफ्त में होगी। अभी जिला अस्पतालों में औसतन 45-55 तरह की जांच ही हो पा रही है। पहले चरण में जिन 11 जिलों के सदर अस्पताल में यह लैब काम करना शुरू करेगा उसमें औरंगाबाद, सीतामढ़ी, सहरसा, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, सुपौल, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, किशनगंज और अरवल शामिल है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों के सदर अस्पतालों में बीएसएल-2 ग्रेड (बायो सेफ्टी लेवल) की लैब चालू करने की तैयारी चल रही है। बीएसएल-2 लैब से औसत खतरे वाले संक्रमण के एजेंट और जहरीली चीजों की जांच हो सकेगी जिन्हें गलती से सूंघ या खा लिया गया हो या स्किन में सट गया हो। अभी इन जांच के लिए मरीजों को प्राइवेट पैथ लैब या पास के जिलों के मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। इससे आम लोगों पर बेवजह खर्च का बोझ कम होगा।
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