Indore News : 900 कॉलोनी, 60 दिन, वैध के लिए आए 5 आगे | 900 Colony, 60 Days, Only 5 Application For Colony Legalized Process | Patrika News h3>
शहर में चार वर्ष से रुकी प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद कोई नहीं आ रहा आगे
इंदौर
Published: April 15, 2022 11:22:19 am
इंदौर. अवैध कॉलोनियां वैध होना शुरू हो गईं हैं। नगर निगम में चार वर्ष से रुकी इस प्रक्रिया को शुरू हुए दो माह यानी 60 दिन होने को आए पर आवेदन सिर्फ पांच आए हैं, जबकि शहर में 900 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं। वैध होने लायक 596 हैं। इनमें से आए पांच आवेदन का आंकड़ा ऊंट के मुंह में जीरे समान है।
Indore News : 900 कॉलोनी, 60 दिन, वैध के लिए आए 5 आगे
चार वर्ष से अवैध कॉलोनी वैध करने की रुकी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने नया कॉलोनी विकास अधिनियम-2021 बना दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशन 13 जनवरी – 2022 को हो गया है। इस आधार पर निगम कॉलोनी सेल ने अवैध कॉलोनी वैध करने के लिए फरवरी-2022 से आवेदन बुलाना शुरू कर दिए। दो माह गुजरने के बावजूद अभी पांच आवेदन ही आए हैं। आवेदन कम आने की वजह अवैध कॉलोनी काटने वालों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा निगम की तरफ से प्रचार-प्रसार नहीं करना अलग है। इससे निगम को राजस्व की हानि हो रही है और लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले शहर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की गई। कॉलोनी सेल ने शहर सहित निगम सीमा में आए 29 गांवों की अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराया। निगम के 19 जोन में आने वाले 85 वार्ड में सर्वे हुआ तो 900 से ज्यादा कॉलोनियां अवैध निकलीं। टीएंडसीपी, आइडीए, नजूल और सीलिंग की अनापत्ति आने के बाद 596 को वैध होने लायक पाया गया। इसके बाद फिर से अनापत्ति लेने पर 198 कॉलोनियां रह गईं, जो वैध हो सकती थीं। चुनाव निपटते ही अवैध कॉलोनी वैध करने की कार्रवाई निगम कॉलोनी सेल ने शुरू कर 198 में से 164 अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए पहले लिया। इनका लेऑउट प्लान तैयार करने के साथ ट्रेसिंग पेपर उतार दिया गया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीएंडसीपी) को ट्रेस लेऑउट भेज दिया गया ताकि कॉलोनियों के लेऑउट में नदी-नाले, सडक़, मार्ग और लैंडयूज चिह्नित हो जाएं।
इसलिए रुक गई थी प्रक्रिया 164 कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा के बाद अवैध से वैध हो रही कॉलोनियों के मामले में ग्वालियर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हो गई, जो कि नियम विरुद्ध कॉलोनियां वैध करने को लेकर लगी थीं। जिन अवैध कॉलोनी को कॉलोनाइजर नियम-1998 के नियम 15-ए के तहत वैध किया जा रहा था, उसे हाईकोर्ट ने गलत ठहराते हुए धारा को ही समाप्त कर दिया। इसके बाद अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया रुक गई थी। अब राज्य सरकार के नियम बदलने के बाद फिर से अवैध कॉलोनी वैध होने लगीं, लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा।
तय प्रारूप में न आने पर लौटाए अवैध कॉलोनियां वैध करने के लिए कॉलोनी सेल ने आवेदन लेना शुरू कर दिया है। शहर में 31 दिसंबर 2016 से पहले अस्तित्व में आईं अवैध कॉलोनियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें कॉलोनाइजर के नाम, पता, ग्राम, सर्वे क्रमांक, रकबा और विस्तृत नक्शा मांगा गया है। इसके लिए प्रारूप तय है। जो आवेदन प्रारूप में नहीं आए, उन्हें लौटाकर पत्र जारी कर तय प्रारूप में जानकारी मांगी है। ऐसे 8 से 10 आवेदन हैं।
प्रचार-प्रसार करेंगे अवैध कॉलोनी वैध करने के पांच ही आवेदन तय प्रारूप में आए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे, ताकि निगम को राजस्व और लोगों को कॉलोनी वैध होने से मकान बनाने के लिए बैंक से लोन मिलने के साथ नक्शा पास हो सके।
– संदीप सोनी, अपर आयुक्त, कॉलोनी सेल
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शहर में चार वर्ष से रुकी प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद कोई नहीं आ रहा आगे
इंदौर
Published: April 15, 2022 11:22:19 am
इंदौर. अवैध कॉलोनियां वैध होना शुरू हो गईं हैं। नगर निगम में चार वर्ष से रुकी इस प्रक्रिया को शुरू हुए दो माह यानी 60 दिन होने को आए पर आवेदन सिर्फ पांच आए हैं, जबकि शहर में 900 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं। वैध होने लायक 596 हैं। इनमें से आए पांच आवेदन का आंकड़ा ऊंट के मुंह में जीरे समान है।
Indore News : 900 कॉलोनी, 60 दिन, वैध के लिए आए 5 आगे
चार वर्ष से अवैध कॉलोनी वैध करने की रुकी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने नया कॉलोनी विकास अधिनियम-2021 बना दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशन 13 जनवरी – 2022 को हो गया है। इस आधार पर निगम कॉलोनी सेल ने अवैध कॉलोनी वैध करने के लिए फरवरी-2022 से आवेदन बुलाना शुरू कर दिए। दो माह गुजरने के बावजूद अभी पांच आवेदन ही आए हैं। आवेदन कम आने की वजह अवैध कॉलोनी काटने वालों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा निगम की तरफ से प्रचार-प्रसार नहीं करना अलग है। इससे निगम को राजस्व की हानि हो रही है और लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा।
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले शहर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की गई। कॉलोनी सेल ने शहर सहित निगम सीमा में आए 29 गांवों की अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराया। निगम के 19 जोन में आने वाले 85 वार्ड में सर्वे हुआ तो 900 से ज्यादा कॉलोनियां अवैध निकलीं। टीएंडसीपी, आइडीए, नजूल और सीलिंग की अनापत्ति आने के बाद 596 को वैध होने लायक पाया गया। इसके बाद फिर से अनापत्ति लेने पर 198 कॉलोनियां रह गईं, जो वैध हो सकती थीं। चुनाव निपटते ही अवैध कॉलोनी वैध करने की कार्रवाई निगम कॉलोनी सेल ने शुरू कर 198 में से 164 अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए पहले लिया। इनका लेऑउट प्लान तैयार करने के साथ ट्रेसिंग पेपर उतार दिया गया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीएंडसीपी) को ट्रेस लेऑउट भेज दिया गया ताकि कॉलोनियों के लेऑउट में नदी-नाले, सडक़, मार्ग और लैंडयूज चिह्नित हो जाएं।
तय प्रारूप में न आने पर लौटाए अवैध कॉलोनियां वैध करने के लिए कॉलोनी सेल ने आवेदन लेना शुरू कर दिया है। शहर में 31 दिसंबर 2016 से पहले अस्तित्व में आईं अवैध कॉलोनियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें कॉलोनाइजर के नाम, पता, ग्राम, सर्वे क्रमांक, रकबा और विस्तृत नक्शा मांगा गया है। इसके लिए प्रारूप तय है। जो आवेदन प्रारूप में नहीं आए, उन्हें लौटाकर पत्र जारी कर तय प्रारूप में जानकारी मांगी है। ऐसे 8 से 10 आवेदन हैं।
प्रचार-प्रसार करेंगे अवैध कॉलोनी वैध करने के पांच ही आवेदन तय प्रारूप में आए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे, ताकि निगम को राजस्व और लोगों को कॉलोनी वैध होने से मकान बनाने के लिए बैंक से लोन मिलने के साथ नक्शा पास हो सके।
– संदीप सोनी, अपर आयुक्त, कॉलोनी सेल
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